सागर। भगवान राम के प्रति समर्पण और बजरंगबली की भक्ति में लीन देवास का एक युवा 1000 किमी दौड़ कर भगवान राम के दर्शन करने अयोध्या पहुंचने वाला है. राजेश बैरागी नाम के युवक दौड़ते हुए देवास से सागर पहुंचे. सागर से दमोह होते हुए बागेश्वर धाम के दर्शन कर उत्तर प्रदेश की सीमा से अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे. यहां रामनवमी के दिन रामलला के दर्शन करेंगे. उनकी इस महा दौड़ का उद्देश्य योग को बढ़ावा देना है. युवाओं को योग से जोड़ना है. राजेश बैरागी रोजाना 40 से 50 किलोमीटर दौड़ते हैं. उनका कहना है कि, इस दौड़ के जरिए वह युवाओं को प्रेरित करना चाहते हैं. आज के आपाधापी भरे जीवन में मानसिक विकृतियों का शिकार हो रहे युवाओं को संदेश देना चाहते हैं कि, योग के माध्यम से शरीर को स्वस्थ रख कठिन से कठिन लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है.
रामनवमी को पहुंचेंगे अयोध्या: देवास से सोनकच्छ,आष्टा,सीहोर, भोपाल, विदिशा, सांची, राहतगढ़ होते हुए सागर पहुंचे हैं. सागर से दमोह होते हुए छतरपुर के बागेश्वर धाम के दर्शन के बाद उत्तरप्रदेश में प्रवेश करेंगे. यहां से अल्मोड़ा, नैनीताल और भीमताल होते हुए लखनऊ और 28 मार्च को अयोध्या पहुंचेंगे. 29 मार्च को रामनवमी पर भगवान का पूजन अर्चन करेंगे. राजेश बैरागी ने बताया कि रामनवमी के दिन रामलला के दर्शन कर राम याद करेंगे और साथ में युवाओं को योग का महत्व बताएंगे.
युवाओं को योग से जोड़ने का लक्ष्य: राजेश बैरागी का कहना है कि, वह 17 साल से योग कर रहे हैं. तनाव भरे जीवन में युवा भ्रमित हो गया है. ऐसे में अगर युवाओं को योग से जोड़ने के लिए महादौड़ की जा रही है. 12 मार्च को नरसिंहपुर में आरएसएस और भारतीय मजदूर संघ के व्यवस्था शिविर में शामिल होने के बाद छिंद वाले हनुमान जी के यहां पहुंचे. दर्शन के बाद हनुमान जी से देश के युवाओं को योगिक महादौड़ यात्रा में जुड़ने के लिए प्रार्थना की. युवाओं को योग से जोड़ना है, तो इसके लिए अयोध्या तक महादौड़ यात्रा करनी होगी. रोज 42 से 50 किलोमीटर दौड़ना पड़ेगा. जिसके कारण युवाओं को संदेश जाएगा और उनके मन के विचार बदलने लगेंगे.
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सुबह 3 बजे से शुरू करते हैं दौड़ना: देवास से अयोध्या तक 1000 किमी का सफर के लिए रोज 42 से 50 किलोमीटर की दौड़ पूरी करते हैं. सुबह 3 से 9 बजे तक दौड़ते रहते हैं. फिर वह शरीर को हल्का करने के लिए योग करते हैं. राजेश बैरागी का कहना है कि, एक और प्रेरणा हमें हनुमान जी से मिली कि युवा अगर सेना खेल या फिर पुलिस में जाना चाहते हैं तो उन्हें दौड़ना होगा. यह संदेश जब युवाओं के मन में बैठेगा तो युवा वर्ग निश्चित रूप से योग से जुड़ेगा.