ETV Bharat / state

बुंदेलखंड में हार पर नेताओं का अपनों पर वार, कहीं जिलाध्यक्ष ने हरवाया, तो कहीं पूर्व विधायक ने की भीतरघात

author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 6, 2023, 10:17 PM IST

सागर जिले में बीजेपी एकमात्र बीना सीट हारी है, जिसको लेकर स्थानीय नेता अब एक-दूसरे पर आरोप लगाने लग गए हैं. बीना से भाजपा प्रत्याशी व पूर्व विधायक महेश राय ने भाजपा जिला अध्यक्ष गौरव सिरोठिया पर हार का ठीकरा फोड़ा है.

BJP lost bina Seat
बीजेपी
महेश राय का बयान

सागर। विधानसभा चुनाव में बुंदेलखंड में भाजपा ने अब तक का शानदार प्रदर्शन किया है. 26 में से 21 सीटों पर जीत हासिल की है. जिन पांच सीटों पर बीजेपी हारी है, उनमें से कई सीटों पर अपनों की वजह से हारी है. ये आरोप भाजपा के पराजित प्रत्याशियों ने लगाया है. एक तरफ भाजपा विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल कर सरकार बनाने की कवायद में जुटी है, तो दूसरी तरफ भाजपा में हारे हुए प्रत्याशी संगठन पर ठीकरा फोड़ रहे हैं. सागर जिले की एकमात्र हारी हुई विधानसभा सीट बीना के भाजपा प्रत्याशी व पूर्व विधायक महेश राय ने भाजपा जिला अध्यक्ष गौरव सिरोठिया और स्थानीय संगठन को हार का जिम्मेदार बताया है.

वहीं टीकमगढ़ जिला मुख्यालय की विधानसभा सीट से हारे पूर्व विधायक राकेश गिरी ने पार्टी पदाधिकारियों की भीतरघात अपनी ही पार्टी पर लगाया है. गौरतलब है कि सागर जिला अध्यक्ष जहां बीना के रहने वाले हैं. वहीं टीकमगढ़ सीट पर भाजपा के पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव बगावत कर निर्दलीय चुनाव मैदान में कूंदे थे.

जिलाध्यक्ष ने हरवाया गृहनगर: सागर जिले की 8 विधानसभा में से 7 विधानसभा पर बीजेपी ने जीत हासिल की है, लेकिन इकलौती हारी हुई बीना विधानसभा के प्रत्याशी ने हार का ठीकरा जिलाध्यक्ष पर फोड़ा है. हार के लिए जिला अध्यक्ष गौरव सिरोठिया और स्थानीय संगठन को जिम्मेदार ठहराया है. बीना सागर जिलाध्यक्ष का गृहनगर है. पूर्व विधायक महेश राय ने कहा कि 'जिलाध्यक्ष ने सुनियोजित तरीके से संगठन में मेरे विरोधी लोगों को बैठाकर मुझे हरवा दिया. जान बूझकर बीना में स्टार प्रचारकों की सभा नहीं होने दी. पहले तो टिकट ना मिल पाए, इसके प्रयास किए और टिकट मिलने के बाद बीना शहर में मुझे हरवाने का काम किया.

पूर्व विधायक ने कहा कि जिले में भाजपा ने सारी सीटें जीती, लेकिन बीना जानबूझकर हारी. बीना विधानसभा के पूर्व विधायक महेश राय ने हार के बाद जिला भाजपा संगठन पर हार के आरोप लगाते हुए कहा कि बीना विधानसभा का बीजेपी प्रत्याशी महेश राय चुनाव नहीं हारा है, बल्कि मुझे सुनियोजित तरीके से भीतरघात करके चुनाव हराया गया है. हराने में मुख्य भूमिका जिला अध्यक्ष गौरव सिरोठिया और संगठन के बैठे मेरे विरोधी पदाधिकारियों ने भीतरघात करके मुझे हराया.

बीजेपी का अपनों पर ही आरोप

पार्टी के भीतरघाती बने हार की वजह: टीकमगढ़ जिले की विधानसभा से भाजपा के पूर्व विधायक और प्रत्याशी राकेश गिरी का चुनाव हारने के बाद दर्द छलका है. उन्होंने अपनी हार पर कहा है कि भीतरघातियों ने मुझे नहीं, बल्कि भाजपा को चुनाव हरवाया. राकेश गिरी 9 हजार 118 हजार मतों से चुनाव हार गए. अपनी हार पर उन्होंने कहा कि उनको पार्टी के लोगों ने ही चुनाव हरवा दिया. यदि पार्टी के लोग विरोध और भीतरघात ना करते, तो आज वह फिर विधायक होते, मगर मुझे अपनों ने ही हरवाया.

यहां पढ़ें...

गौरतलब है कि राकेश गिरी को टीकमगढ़ विधानसभा से टिकट मिलने पर पार्टी में उनका जमकर विरोध हुआ और लोगों ने पार्टी आलाकमान से टिकट बदलने की मांग की. जब इनका टिकट नहीं बदला, तो पार्टी के लोगों ने बगावत कर चुनाव लड़ा और जीतने नहीं दिया. दरअसल पार्टी के पूर्व विधायक के के श्रीवास्तव निर्दलीय चुनाव मैदान में कूंद गए और इसका फायदा कांग्रेस को मिला.

महेश राय का बयान

सागर। विधानसभा चुनाव में बुंदेलखंड में भाजपा ने अब तक का शानदार प्रदर्शन किया है. 26 में से 21 सीटों पर जीत हासिल की है. जिन पांच सीटों पर बीजेपी हारी है, उनमें से कई सीटों पर अपनों की वजह से हारी है. ये आरोप भाजपा के पराजित प्रत्याशियों ने लगाया है. एक तरफ भाजपा विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल कर सरकार बनाने की कवायद में जुटी है, तो दूसरी तरफ भाजपा में हारे हुए प्रत्याशी संगठन पर ठीकरा फोड़ रहे हैं. सागर जिले की एकमात्र हारी हुई विधानसभा सीट बीना के भाजपा प्रत्याशी व पूर्व विधायक महेश राय ने भाजपा जिला अध्यक्ष गौरव सिरोठिया और स्थानीय संगठन को हार का जिम्मेदार बताया है.

वहीं टीकमगढ़ जिला मुख्यालय की विधानसभा सीट से हारे पूर्व विधायक राकेश गिरी ने पार्टी पदाधिकारियों की भीतरघात अपनी ही पार्टी पर लगाया है. गौरतलब है कि सागर जिला अध्यक्ष जहां बीना के रहने वाले हैं. वहीं टीकमगढ़ सीट पर भाजपा के पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव बगावत कर निर्दलीय चुनाव मैदान में कूंदे थे.

जिलाध्यक्ष ने हरवाया गृहनगर: सागर जिले की 8 विधानसभा में से 7 विधानसभा पर बीजेपी ने जीत हासिल की है, लेकिन इकलौती हारी हुई बीना विधानसभा के प्रत्याशी ने हार का ठीकरा जिलाध्यक्ष पर फोड़ा है. हार के लिए जिला अध्यक्ष गौरव सिरोठिया और स्थानीय संगठन को जिम्मेदार ठहराया है. बीना सागर जिलाध्यक्ष का गृहनगर है. पूर्व विधायक महेश राय ने कहा कि 'जिलाध्यक्ष ने सुनियोजित तरीके से संगठन में मेरे विरोधी लोगों को बैठाकर मुझे हरवा दिया. जान बूझकर बीना में स्टार प्रचारकों की सभा नहीं होने दी. पहले तो टिकट ना मिल पाए, इसके प्रयास किए और टिकट मिलने के बाद बीना शहर में मुझे हरवाने का काम किया.

पूर्व विधायक ने कहा कि जिले में भाजपा ने सारी सीटें जीती, लेकिन बीना जानबूझकर हारी. बीना विधानसभा के पूर्व विधायक महेश राय ने हार के बाद जिला भाजपा संगठन पर हार के आरोप लगाते हुए कहा कि बीना विधानसभा का बीजेपी प्रत्याशी महेश राय चुनाव नहीं हारा है, बल्कि मुझे सुनियोजित तरीके से भीतरघात करके चुनाव हराया गया है. हराने में मुख्य भूमिका जिला अध्यक्ष गौरव सिरोठिया और संगठन के बैठे मेरे विरोधी पदाधिकारियों ने भीतरघात करके मुझे हराया.

बीजेपी का अपनों पर ही आरोप

पार्टी के भीतरघाती बने हार की वजह: टीकमगढ़ जिले की विधानसभा से भाजपा के पूर्व विधायक और प्रत्याशी राकेश गिरी का चुनाव हारने के बाद दर्द छलका है. उन्होंने अपनी हार पर कहा है कि भीतरघातियों ने मुझे नहीं, बल्कि भाजपा को चुनाव हरवाया. राकेश गिरी 9 हजार 118 हजार मतों से चुनाव हार गए. अपनी हार पर उन्होंने कहा कि उनको पार्टी के लोगों ने ही चुनाव हरवा दिया. यदि पार्टी के लोग विरोध और भीतरघात ना करते, तो आज वह फिर विधायक होते, मगर मुझे अपनों ने ही हरवाया.

यहां पढ़ें...

गौरतलब है कि राकेश गिरी को टीकमगढ़ विधानसभा से टिकट मिलने पर पार्टी में उनका जमकर विरोध हुआ और लोगों ने पार्टी आलाकमान से टिकट बदलने की मांग की. जब इनका टिकट नहीं बदला, तो पार्टी के लोगों ने बगावत कर चुनाव लड़ा और जीतने नहीं दिया. दरअसल पार्टी के पूर्व विधायक के के श्रीवास्तव निर्दलीय चुनाव मैदान में कूंद गए और इसका फायदा कांग्रेस को मिला.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.