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जल-जंगल-जमीन के लिए आदिवासियों का हल्लाबोल, प्रदर्शन कर सरकार को दी ये चेतावनी - रीवा

आदिवासी लोगों राष्ट्रीय जनलोक अदालत के बैनर तले जल-जंगल-जमीन की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. समिति ने जमीन की मांग पूरी नहीं होने पर सरकार के खिलाफ आमरण अनशन की चेतावनी दी है.

आदिवासी लोगों ने सरकार के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन
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Published : Jul 3, 2019, 11:09 PM IST

रीवा। नव बिरसा मुंडा भूमि अधिकार जागृत एवं महिला सशक्तिकरण समिति ने आदिवासी लोगों के साथ कमिश्नर कार्यालय के बाहर जल-जंगल-जमीन की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. समिति ने जमीन की मांग पूरी नहीं होने पर सरकार के खिलाफ आमरण अनशन की चेतावनी दी है.

आदिवासी लोगों ने सरकार के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन

समिति ने राष्ट्रीय जनलोक अदालत के बैनर तले धरना प्रदर्शन किया. आदिवासियों ने गरीब आवास योजना के तहत मकान बनाए जाने की मांग की, 30 डिसमिल भूमि पर इन परिवारों को आवास बनाने, मध्यप्रदेश शासन का पट्टा प्रमाण पत्र भूमिहीनों को दिलाने, गरीब बेरोजगारों को रोजगार दिलाने और पंपसेट लाइट की सुविधा जैसी मांगों को पूरा करने की मांग की है.

लोगों का कहना है कि बिरसा मुंडा और भीम राव अंबेडकर आदिवासियों के वंशज हैं, ऐसे में इन वाजिब मांगों को पूरा नहीं करना सरकार की नाकामी साबित होगी, जबकि मांगे पूरी नहीं होने को लेकर कहा कि यदि सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो इस आंदोलन को बढ़ाते हुए आमरण अनशन की तैयारी की जा रही है.

रीवा। नव बिरसा मुंडा भूमि अधिकार जागृत एवं महिला सशक्तिकरण समिति ने आदिवासी लोगों के साथ कमिश्नर कार्यालय के बाहर जल-जंगल-जमीन की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. समिति ने जमीन की मांग पूरी नहीं होने पर सरकार के खिलाफ आमरण अनशन की चेतावनी दी है.

आदिवासी लोगों ने सरकार के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन

समिति ने राष्ट्रीय जनलोक अदालत के बैनर तले धरना प्रदर्शन किया. आदिवासियों ने गरीब आवास योजना के तहत मकान बनाए जाने की मांग की, 30 डिसमिल भूमि पर इन परिवारों को आवास बनाने, मध्यप्रदेश शासन का पट्टा प्रमाण पत्र भूमिहीनों को दिलाने, गरीब बेरोजगारों को रोजगार दिलाने और पंपसेट लाइट की सुविधा जैसी मांगों को पूरा करने की मांग की है.

लोगों का कहना है कि बिरसा मुंडा और भीम राव अंबेडकर आदिवासियों के वंशज हैं, ऐसे में इन वाजिब मांगों को पूरा नहीं करना सरकार की नाकामी साबित होगी, जबकि मांगे पूरी नहीं होने को लेकर कहा कि यदि सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो इस आंदोलन को बढ़ाते हुए आमरण अनशन की तैयारी की जा रही है.

Intro:रीवा जिले के कमिश्नर कार्यालय के बाहर नव बिरसा मुंडा भूमि अधिकार जागृत एवं महिला सशक्तिकरण समिति ने आदिवासी लोगों के साथ अपनी जल जंगल और जमीन की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. जहां उन्होंने कहा की यदि हमारी इस जमीन की मांग पूरी न हो तो सरकार के खिलाफ आमरण अनशन किया जाएगा..


Body:रीवा के कमिश्नर कार्यालय के बाहर बिरसा मुंडा भूमि अधिकार जागृत एवं महिला शक्ति कर समिति ने राष्ट्रीय जनलो अदालत के बैनर तले मंच लगाकर अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर सरकार से न्याय की गुहार लगाई .. आदिवासियों ने अपनी गरीब आवास योजना के तहत मकान बनाए जाने, 30 डिसमिल भूमि इन परिवारों को आवास बनाने, मध्यप्रदेश शासन का पट्टा प्रमाण पत्र भूमिहीनों को दिलवाया जाने, जो गरीब बेरोजगार हैं उन्हें रोजगार दिए जाने और पंपसेट लाइट की सुविधा जैसी मांगों को लेकर सरकार के सामने आवाज बुलंद की..

अपनी मांगे पूरे ना होने को लेकर कहा कि यदि सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो इस आंदोलन को और विकराल करते हुए आमरण अनशन की तैयारी भी की जा रही है। साथ ही कहा कि बिरसा मुंडा और भीम राव अंबेडकर हम आदिवासी जन वंशज हैं ऐसे में इन वाजिब मांगों को पूरा न करना सरकार की नाकामयाबी ही साबित होगी।




Conclusion:हालांकि अपनी जमीन की मांगों को लेकर आदिवासी कई बार इस तरह के धरने कर चुके हैं कई बार आमरण अनशन जैसी बातों का किया जाना भी सामने आया है अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार इनकी आवाज को कितनी जल्दी सुनती है और इन आदिवासियों की जल जंगल और जमीन की लड़ाई कब खत्म होती है ।

byte- दादू लाल कोल।

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