ETV Bharat / state

Rewa Cyber Crime: जीरो इंटरेस्ट पर लोन देने का झांसा देकर प्रिंसिपल के खाते से उड़ा दिए 31 लाख रुपये - लोन के नाम पर ठगी

रीवा जिले में सीएम राइज स्कूल के प्राचार्य को जालसाजों ने 31 लाख से भी ज्यादा रकम की चपत लगा दी. ये ठगी ऑनलाइन तरीके से की गई. प्राचार्य ने घर बनवाने के लिए लोन लिया था. प्राचार्य के खाते में 6 लाख से ज्यादा की रकम पहले से थी. 24 लाख रुपय उन्होंने बैंक और एक फाइनेंस कंपनी से लिए. इसके बाद फर्जी कॉल के जरिए उन्हें जीरो इंटरेस्ट लोन का ऑफर मिला. इसमें वह फंस गए.

Rewa Cyber Crime
प्रिंसिपल के खाते से उड़ा दिए 31 लाख रुपये
author img

By

Published : Jul 5, 2023, 4:55 PM IST

प्रिंसिपल के खाते से उड़ा दिए 31 लाख रुपये

रीवा। कैलाशचंद्र अवधिया मानस नगर समान थाना क्षेत्र के निवासी है. वह मनगवां स्थित सीएम राइज स्कूल मे प्राचार्य हैं. हाल ही में उन्होंने ने मकान बनवाने के लिए HDFC BANK से 15 लाख और BAJAJ FAINACE से 9 लाख रुपए का लोन लिया था. 6 लाख से ज्यादा की राशि प्राचार्य के अकाउंट में पहले से थी. कुल मिलाकर 31 लाख रुपये से भी ज्यादा उनके खाते में थे. पुलिस के पास ठगी की शिकायत लेकर पहुंचे प्राचार्य कैलाशचंद्र अवधिया का कहना है कि बीते 20 अप्रैल को उनके मोबाइल पर एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया.

फर्जी कॉलर ने लिया झांसे में : प्राचार्य ने बताया कि संजय शुक्ला नाम बताकर युवक ने अपना परिचय दिया. कॉलर ने कहा कि वह HDB बैंक के ग्वालियर ब्रांच से बात कर रहा है. आपके व्हाट्सएप पर बैंक की ओर से कुछ दस्तावेज भेजे गए हैं. आपके लिए एक ऑफर है. आपको 20 लाख रुपये का लोन मिल सकता है. वह भी 0% ब्याज की दर से. प्राचार्य ने बताया कि कॉलर की ओर से व्हाट्सएप मे भेजे गए दस्तावेज में 0% की ब्याज पर लोन की जानकारी उपलब्ध थी. एप को डाउनलोड कर प्राचार्य ने फॉर्म भर दिया. इसके बाद कॉलर ने उन्हें व्हाट्सएप में एक लिंक भेजी. लिंक ओपन करके एक एप डाउनलोड करने के लिए कहा.

एप डाउनलोड कर दस्तावेज अटैच किए : प्राचार्य ने एप डाउनलोड किया और पेन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक स्टेटमेंट, सैलरी स्लिप, नॉमिनी के आधार कार्ड का नंबर जैसी जानकारी प्राचार्य ने एप में साझा कर दी. इसके बाद 28 अप्रैल के दिन प्राचार्य कैलाशचंद्र अवधिया के पास एक अन्य मोबाइल नंबर से किसी विमल भटनागर का कॉल आया. इस बार कॉलर ने कहा कि हम लोन का वेरिफिकेशन करेंगे. कुछ दिन बाद प्राचार्य के खाते से 31 लाख रुपये गायब हो गए. उन्होंने तत्काल थाने पहुंचकर खुद के साथ हुए ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराई.

अन्य खाते में राशि ट्रांसफर : इस मामले में एडिशनल एसपी अनिल सोनकर का कहना है कि प्राचार्य द्वारा जिस एप में दस्तवेजो की जानकारी साझा की थी. उसे ठग गिरोह ने एक्सेस कर लिया. जिसके बाद प्राचार्य के खाते में आई रकम को जालसाजों ने किसी दूसरे एकाउंट में ट्रांसफर कर लिया. इस बात की भनक प्राचार्य को तब लगी जब बैंक से उनके लोन की किस्त कटनी शुरू हो गई. शिकायत के अधार पर थाना प्रभारी जेपी पटेल ने 420, 419, सहित आईटी एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है. साइबर टीम द्वारा मामले की जांच कर आरोपियों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है.

ये खबरें भी पढ़ें...

पुलिस की लोगों से अपील : इधर, मीडिया के माध्यम से रीवा पुलिस की जनता से अपील की है कि लोग इस तरह की धोखाधड़ी से बचें.अपनी निजी जानकारी या किसी से भी अपने जरूरी दस्तवेजों की जानकारी कभी साझा न करें. जानकारी न होने पर किसी भी एप या लिंक को न खोलें और न ही डाउनलोड करें. न ही किसी भी प्रकार की ओटीपी किसी और से साझा करें. अगर किसी बडी रकम की लेनदेन या फिर किसी ऑफर के लिए आपके पास कॉल आता है तो आप इसकी जानकारी सीधा बैंक में जाकर लें. आपकी सूझबूझ से ऑनलाइन फ्रॉड को रोका जा सकता है.

प्रिंसिपल के खाते से उड़ा दिए 31 लाख रुपये

रीवा। कैलाशचंद्र अवधिया मानस नगर समान थाना क्षेत्र के निवासी है. वह मनगवां स्थित सीएम राइज स्कूल मे प्राचार्य हैं. हाल ही में उन्होंने ने मकान बनवाने के लिए HDFC BANK से 15 लाख और BAJAJ FAINACE से 9 लाख रुपए का लोन लिया था. 6 लाख से ज्यादा की राशि प्राचार्य के अकाउंट में पहले से थी. कुल मिलाकर 31 लाख रुपये से भी ज्यादा उनके खाते में थे. पुलिस के पास ठगी की शिकायत लेकर पहुंचे प्राचार्य कैलाशचंद्र अवधिया का कहना है कि बीते 20 अप्रैल को उनके मोबाइल पर एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया.

फर्जी कॉलर ने लिया झांसे में : प्राचार्य ने बताया कि संजय शुक्ला नाम बताकर युवक ने अपना परिचय दिया. कॉलर ने कहा कि वह HDB बैंक के ग्वालियर ब्रांच से बात कर रहा है. आपके व्हाट्सएप पर बैंक की ओर से कुछ दस्तावेज भेजे गए हैं. आपके लिए एक ऑफर है. आपको 20 लाख रुपये का लोन मिल सकता है. वह भी 0% ब्याज की दर से. प्राचार्य ने बताया कि कॉलर की ओर से व्हाट्सएप मे भेजे गए दस्तावेज में 0% की ब्याज पर लोन की जानकारी उपलब्ध थी. एप को डाउनलोड कर प्राचार्य ने फॉर्म भर दिया. इसके बाद कॉलर ने उन्हें व्हाट्सएप में एक लिंक भेजी. लिंक ओपन करके एक एप डाउनलोड करने के लिए कहा.

एप डाउनलोड कर दस्तावेज अटैच किए : प्राचार्य ने एप डाउनलोड किया और पेन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक स्टेटमेंट, सैलरी स्लिप, नॉमिनी के आधार कार्ड का नंबर जैसी जानकारी प्राचार्य ने एप में साझा कर दी. इसके बाद 28 अप्रैल के दिन प्राचार्य कैलाशचंद्र अवधिया के पास एक अन्य मोबाइल नंबर से किसी विमल भटनागर का कॉल आया. इस बार कॉलर ने कहा कि हम लोन का वेरिफिकेशन करेंगे. कुछ दिन बाद प्राचार्य के खाते से 31 लाख रुपये गायब हो गए. उन्होंने तत्काल थाने पहुंचकर खुद के साथ हुए ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराई.

अन्य खाते में राशि ट्रांसफर : इस मामले में एडिशनल एसपी अनिल सोनकर का कहना है कि प्राचार्य द्वारा जिस एप में दस्तवेजो की जानकारी साझा की थी. उसे ठग गिरोह ने एक्सेस कर लिया. जिसके बाद प्राचार्य के खाते में आई रकम को जालसाजों ने किसी दूसरे एकाउंट में ट्रांसफर कर लिया. इस बात की भनक प्राचार्य को तब लगी जब बैंक से उनके लोन की किस्त कटनी शुरू हो गई. शिकायत के अधार पर थाना प्रभारी जेपी पटेल ने 420, 419, सहित आईटी एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है. साइबर टीम द्वारा मामले की जांच कर आरोपियों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है.

ये खबरें भी पढ़ें...

पुलिस की लोगों से अपील : इधर, मीडिया के माध्यम से रीवा पुलिस की जनता से अपील की है कि लोग इस तरह की धोखाधड़ी से बचें.अपनी निजी जानकारी या किसी से भी अपने जरूरी दस्तवेजों की जानकारी कभी साझा न करें. जानकारी न होने पर किसी भी एप या लिंक को न खोलें और न ही डाउनलोड करें. न ही किसी भी प्रकार की ओटीपी किसी और से साझा करें. अगर किसी बडी रकम की लेनदेन या फिर किसी ऑफर के लिए आपके पास कॉल आता है तो आप इसकी जानकारी सीधा बैंक में जाकर लें. आपकी सूझबूझ से ऑनलाइन फ्रॉड को रोका जा सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.