रीवा/शहडोल। मध्य प्रदेश में सियासत इन दिनों गरमाई हुई है, सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी चुनावी बिसात बिछानी शुरू कर दी है. भारतीय जनता पार्टी ने तो मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपने 39 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट भी जारी कर दी है, तो वहीं अभी हाल ही में मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सरकार में तीन नए मंत्री भी शामिल किए हैं, जो चर्चा का विषय भी हैं. इनमें से विन्ध्य क्षेत्र से राजेंद्र शुक्ल को भी मंत्री बनाया गया है. विन्ध्य क्षेत्र के राजेंद्र शुक्ल वो नेता हैं, जो विन्ध्य क्षेत्र में एक बड़ा चेहरा बन चुके हैं, आखिर ऐसी क्या बात है कि भारतीय जनता पार्टी को हर बार अपने इस नेता को मंत्री बनाना ही पड़ता है. अब जब चुनाव के महज कुछ दिन ही बचे हैं, ऐसे में विन्ध्य के इस नेता को मंत्री बनाना कई सवाल भी खड़े कर रहा है.
एमपी में बज रहा विन्ध्य का डंका: मध्य प्रदेश में मौजूदा साल विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसके लिए अब बस कुछ ही महीने बचे हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सरकार में तीन और नए मंत्री शामिल किए जिनमें से विन्ध्य क्षेत्र के राजेंद्र शुक्ल को भी मंत्रियों की टीम में शामिल किया गया है, जिसके बाद से एक बार फिर से पूरे मध्य प्रदेश में विन्ध्य का दबदबा कायम हो गया है, क्योंकि विंध्य क्षेत्र से राजेंद्र शुक्ल को मंत्री तो बनाया ही गया है, साथ ही इनके विभाग का भी बंटवारा कर दिया गया है. राजेंद्र शुक्ल को मौजूदा बीजेपी सरकार में जनसंपर्क विभाग और लोक स्वास्थ्य यांत्रकी विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है, मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की मौजूदा सरकार है और इस क्षेत्र में विन्ध्य का कितना दबदबा है.
इसे ऐसे समझ सकते हैं विंध्य क्षेत्र से अभी हाल ही में बनाए गए केवल राजेंद्र शुक्ल ही मंत्री नहीं है, बल्कि मौजूदा बीजेपी सरकार में विन्ध्य क्षेत्र से कई मंत्री हैं, जिसमें अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र से बिसाहू लाल सिंह मंत्री हैं. उमरिया जिले के मानपुर विधानसभा सीट की विधायक मीना सिंह भी शिवराज सरकार में मंत्री हैं, तो वही रीवा से गिरीश गौतम विधानसभा अध्यक्ष हैं, मतलब इस बार भारतीय जनता पार्टी की पार्टी की मौजूदा सरकार में विन्ध्य क्षेत्र के नेताओं का खासा दबदबा देखने को मिला है और अब विंध्य क्षेत्र से राजेंद्र शुक्ल को चुनाव से महज कुछ महीने पहले ही मंत्री बनाना इस क्षेत्र की राजनीति ही नहीं, बल्कि प्रदेश की राजनीति के लिये भी कई बड़े संकेत हैं.
हर बार मंत्री बनते हैं राजेंद्र शुक्ल: विन्ध्य क्षेत्र के बड़े नेता राजेंद्र शुक्ल को एक बार फिर से मंत्री बना दिया गया भले ही आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर महज कुछ महीने ही बचे हैं, लेकिन अचानक ही राजेंद्र शुक्ल का शिवराज सरकार की टीम में शामिल होना उनके लिए एक और खास उपलब्धि साबित हो रही है. देखा जाए तो विन्ध्य क्षेत्र के कद्दावर नेता और रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल अब मध्य प्रदेश के राजनीतिक बिसात के अहम किरदार हैं, राजेन्द्र शुक्ल जब से विधानसभा चुनाव जीत रहे हैं, तभी से मंत्री भी बन रहे हैं और उनका ये सिलसिला अभी भी जारी है. राजेन्द्र शुक्ल विन्ध्य के ऐसे नेता बन गए हैं, जो जितनी बार चुनाव जीते उतनी बार मंत्री बने.
- राजेंद्र शुक्ल के राजनीतिक कैरियर पर नजर डालें तो साल 2003 में राजेंद्र शुक्ला पहली बार मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए बीजेपी से चुनाव लड़े और शानदार जीत भी दर्ज की, जिसके बाद उन्हें आवास और पर्यावरण के लिए राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में मंत्री परिषद में शामिल किया गया.
- साल 2008 में उन्हें रीवा निर्वाचन क्षेत्र से दूसरी बार मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बड़ी सफलता मिली और मध्य प्रदेश राज्य सरकार में ऊर्जा और खनिज संसाधन मंत्री बने.
- साल 2013 में एक बार फिर से विन्ध्य क्षेत्र से राजेंद्र शुक्ला जीत दर्ज करने में कामयाब रहे और उन्होंने उद्योग नीति और निवेश संवर्धन पर कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली, इस दौरान वो जनसंपर्क मंत्री भी थे. मध्य प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष भी चुने गए.
- साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भी राजेंद्र शुक्ल अपने विधानसभा क्षेत्र में जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे, हालांकि प्रदेश में भाजपा की सरकार नहीं बनी थी. लेकिन जब साल 2020 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई, भाजपा ने फिर से सरकार बनाई उस समय तो राजेंद्र शुक्ल को मंत्री नहीं बनाया गया, लेकिन अब जब आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर महज कुछ महीने ही बचे हैं, तब राजेंद्र शुक्ला को 2023 में फिर से मंत्री बना दिया गया है.
विन्ध्य का अलग सियासी तिलिस्म: राजेंद्र शुक्ल विन्ध्य क्षेत्र का अब एक बड़ा चेहरा बन चुके हैं, रीवा विधानसभा क्षेत्र से राजेंद्र शुक्ला वर्तमान में विधायक हैं, जब साल 2018 में विधानसभा चुनाव हुए तो मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी, लेकिन विन्ध्य क्षेत्र एक ऐसा था जहां से भारतीय जनता पार्टी को बड़ी सफलता मिली थी, विंध्य क्षेत्र में टोटल 30 विधानसभा सीट आती है, जिसमें से भारतीय जनता पार्टी ने साल 2018 के विधानसभा चुनाव में 24 विधानसभा सीट जीतने में कामयाबी हासिल की थी, जबकि कांग्रेस को महज 6 विधानसभा सीट में ही जीत मिली थी.
इतना ही नहीं रीवा जिले की सभी 8 विधानसभा सीट पर भाजपा जीत दर्ज करने में कामयाब भी हुई थी, इसके बाद से राजेंद्र शुक्ल का चेहरा तेजी से उभर कर सामने आया था. राजेंद्र शुक्ल 2003 में पहली बार भारतीय जनता पार्टी से जीत कर आए थे, तब से लगातार अपराजेय हैं, कोई भी नेता उन्हें हरा नहीं सका है और जितनी बार जीतकर आये राजेंद्र शुक्ला मंत्री भी बने, ये उनकी खास उपलब्धि भी है. राजेंद्र शुक्ला उमा भारती की सरकार में भी मंत्री रहे, उसके बाद बाबूलाल गौर की सरकार में मंत्री रहे और इसके बाद शिवराज सिंह चौहान की नेतृत्व वाली सरकार में भी लगातार मंत्री बन रहे हैं.
टिकट वितरण में राजेंद्र शुक्ल निभाएंगे अहम भूमिका: वरिष्ठ पत्रकार अरविंद मिश्रा कहते हैं कि "राजेंद्र शुक्ला विन्ध्य क्षेत्र के रीवा से आते हैं, कभी यह विंध्य प्रदेश की राजधानी रहा है. वोटों की खेती के लिहाज से किसी भी दल को इस जिले की अनदेखी भारी पड़ सकती है, यही वजह है कि राजेंद्र शुक्ला को चुनाव से ठीक पहले मंत्री पद से नवाज कर बीजेपी डैमेज कंट्रोल करती दिख रही है. रीवा से अभी गिरीश गौतम विधानसभा अध्यक्ष हैं, लेकिन जो सियासी तिलिस्म राजेंद्र शुक्ल ने कायम किया है वो बनाने में गिरीश गौतम नाकाम रहे हैं. ऐसे में शिवराज एक बार फिर अपने पुराने साथी राजेंद्र शुक्ल पर भरोसा करते दिख रहे हैं. राजेंद्र शुक्ला को पार्टी ने मंत्री बनाकर यह संकेत भी दिया है कि विंध्य में टिकट वितरण चुनावी प्रबंधन में राजेंद्र शुक्ल की एक अहम भूमिका रहेगी."