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SSMC: लिपिक फर्जी नियुक्ति मामला, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा ने दिए जांच के आदेश - Acting Co-ordinator Dr. TS Tripathi

रीवा जिले के श्यामशाह चिकित्सा कॉलेज में किया गया लिपिक फर्जी नियुक्ति मामला आयुक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग तक पहुंच गया है, फिलहाल उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं.

Dr. APS Gaharwar Dean
डॉ.एपीएस गहरवार डीन
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Published : Jul 24, 2020, 7:46 AM IST

रीवा। श्याम शाह चिकित्सा कॉलेज में पदस्थ एक लिपिक की फर्जी नियुक्ति का मामला सामने आया है. तत्कालीन कार्यवाहक अधिष्ठाता ने एक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को निम्न श्रेणी का लिपिक बना दिया है. खास बात ये है कि, उक्त कर्मचारी को चार साल में 5 बार पदोन्नत किया गया है. मामले की शिकायत आयुक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग तक पहुंच गई है. जिसके बाद उन्होंने मामले पर जांच के आदेश दिए हैं.

रीवा के श्यामशाह मेडिकल कॉलेज में पदस्थ कर्मचारी विनोद सेन की नियुक्ति दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में 10 जुलाई 1986 को तत्कालीन कार्यवाहक अधिष्ठाता डॉ. टीएस त्रिपाठी ने किया था. ये नियुक्ति महज 89 दिन के लिए कलेक्टर दर पर की गई थी, लेकिन चार साल के भीतर ही 4 अक्टूबर 1990 को तत्कालीन कार्यवाहक अधिष्ठाता ने विनोद सेन की नियुक्ति निम्न श्रेणी लिपिक के पद पर स्थाई तौर पर कर दी थी. जब ये मामला उजागर हुआ, तो इसकी शिकायत आयुक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग से की गई है. जहां से मेडिकल कॉलेज के डीन को जांच के लिए पत्र लिखा गया है. इसके साथ ही पत्र में ये भी कहा गया है कि, जांच कर नियुक्ति संबंधित समस्त दस्तावेज आयुक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराया जाए.

आयुक्त चिकित्सा शिक्षा ने दिए जांच के आदेश

आयुक्त कार्यालय तक नहीं पहुंची जांच

जांच के आदेश को कई महीने बीत चुके हैं. लेकिन मामले से संबंधित जांच दस्तावेज आयुक्त ऑफिस को उपलब्ध नहीं कराई गई है. जिम्मेदार अधिकारी मामले को दबा कर बैठ गए हैं. बताया जा रहा है कि, फर्जी नियुक्ति के जरिए लिपिक बना विनोद सेन अब मेडिकल कॉलेज के स्थापना शाखा का काम देख रहा है. इस बीच भी उसके द्वारा कई तरह की अनियमितताएं की गई हैं, जिसकी शिकायत भी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधिकारी समेत प्रशासन व शासन के वरिष्ठ अधिकारियों से की गई है. जिसके बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है.

कुछ महीने पहले श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के पूर्व डीन ने लिपिक विनोद सेन को 2 स्थापना शाखा से हटाकर दूसरे कार्यालय में पदस्थ किया था. लेकिन विनोद सेन अब भी स्थापना शाखा का काम देख रहा है. इसकी जानकारी डीन समेत अन्य अधिकारियों को है, लेकिन उसके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है.

रीवा। श्याम शाह चिकित्सा कॉलेज में पदस्थ एक लिपिक की फर्जी नियुक्ति का मामला सामने आया है. तत्कालीन कार्यवाहक अधिष्ठाता ने एक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को निम्न श्रेणी का लिपिक बना दिया है. खास बात ये है कि, उक्त कर्मचारी को चार साल में 5 बार पदोन्नत किया गया है. मामले की शिकायत आयुक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग तक पहुंच गई है. जिसके बाद उन्होंने मामले पर जांच के आदेश दिए हैं.

रीवा के श्यामशाह मेडिकल कॉलेज में पदस्थ कर्मचारी विनोद सेन की नियुक्ति दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में 10 जुलाई 1986 को तत्कालीन कार्यवाहक अधिष्ठाता डॉ. टीएस त्रिपाठी ने किया था. ये नियुक्ति महज 89 दिन के लिए कलेक्टर दर पर की गई थी, लेकिन चार साल के भीतर ही 4 अक्टूबर 1990 को तत्कालीन कार्यवाहक अधिष्ठाता ने विनोद सेन की नियुक्ति निम्न श्रेणी लिपिक के पद पर स्थाई तौर पर कर दी थी. जब ये मामला उजागर हुआ, तो इसकी शिकायत आयुक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग से की गई है. जहां से मेडिकल कॉलेज के डीन को जांच के लिए पत्र लिखा गया है. इसके साथ ही पत्र में ये भी कहा गया है कि, जांच कर नियुक्ति संबंधित समस्त दस्तावेज आयुक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराया जाए.

आयुक्त चिकित्सा शिक्षा ने दिए जांच के आदेश

आयुक्त कार्यालय तक नहीं पहुंची जांच

जांच के आदेश को कई महीने बीत चुके हैं. लेकिन मामले से संबंधित जांच दस्तावेज आयुक्त ऑफिस को उपलब्ध नहीं कराई गई है. जिम्मेदार अधिकारी मामले को दबा कर बैठ गए हैं. बताया जा रहा है कि, फर्जी नियुक्ति के जरिए लिपिक बना विनोद सेन अब मेडिकल कॉलेज के स्थापना शाखा का काम देख रहा है. इस बीच भी उसके द्वारा कई तरह की अनियमितताएं की गई हैं, जिसकी शिकायत भी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधिकारी समेत प्रशासन व शासन के वरिष्ठ अधिकारियों से की गई है. जिसके बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है.

कुछ महीने पहले श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के पूर्व डीन ने लिपिक विनोद सेन को 2 स्थापना शाखा से हटाकर दूसरे कार्यालय में पदस्थ किया था. लेकिन विनोद सेन अब भी स्थापना शाखा का काम देख रहा है. इसकी जानकारी डीन समेत अन्य अधिकारियों को है, लेकिन उसके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है.

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