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खैरात की सरकार चला रहे CM शिवराज कैसे करें कृषि विधेयक का विरोध- कांग्रेस

कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी ने रीवा में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कृषि विधेयक और किसान सम्मान निधि को लेकर जमकर केंद्र सरकार, प्रदेश सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर निशाना साधा.

Congress leader Siddharth Tiwari
कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी
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Published : Sep 24, 2020, 11:07 AM IST

रीवा। कांग्रेस पार्टी के पूर्व लोकसभा प्रत्याशी सिद्धार्थ तिवारी ने आज अपने निवास पर किसानों के मुद्दे को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. इस दौरान उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा. किसान सम्मान निधि को चुनावी एजेंडा बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश के मुखिया खैरात की सरकार चला रहे हैं न कि वोट की. साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों को लेकर अपशब्द का प्रयोग किया है.

जनप्रतिनिधि के लिए कहे अपशब्द

प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. कांग्रेस और बीजेपी लगातार एक-दूसरे को निशाने पर ले रहे हैं. कुछ दिनों में होने जा रहे उप चुनाव पर इन दिनों किसान सबसे बड़ा मुद्दा बन कर सामने आया है. पिछली बार कांग्रेस पार्टी की सरकार किसान कर्ज माफी के मुद्दे को लेकर बनी थी, जिसके बाद अब उपचुनाव में भी किसान चुनाव का नया मुद्दा देखा जा रहा है. ऐसे में किसान को खुश करने के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों आमने-सामने हैं.

एक ओर जहां किसानों को लेकर केंद्र सरकार ने कृषि विधेयक बिल पास किया है, वहीं प्रदेश सरकार द्वारा किसान सम्मान निधि बनाने को लेकर वादा किया गया है, जिसके बाद अब कांग्रेस पार्टी किसानों को साथ में लेकर चलने को तैयार दिख रही है.

खैरात की सरकार चला रहे CM शिवराज

रीवा में किसान हित के मुद्दे को लेकर कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कृषि विधेयक बिल को लेकर आपत्ति जताई और सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस बिल में संशोधन नहीं किया गया तो किसानों को साथ लेकर वह उग्र आंदोलन करेंगे, जिसकी जवाबदेही स्वयं सरकार की होगी. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी ने प्रदेश सरकार के द्वारा किसान सम्मान निधि बनाने के वादे को लेकर भी निशाना साधा और उन्होंने किसान सम्मान निधि बढ़ाने के वादे को चुनावी एजेंडा करार दिया.

खैरात की सरकार चला रहे CM

उन्होंने कहा कि हमारे सरकार के मुखिया खुद खैरात की सरकार चला रहे हैं, वोट की नहीं. ये खैरात पीएम मोदी की है और खैरात देने वाले अंबानी-अदानी हैं. ऐसे स्थिति में सीएम शिवराज कैसे इस बिल का विरोध कर सकते हैं या किसानों के हित की बात कर सकते हैं.

रीवा। कांग्रेस पार्टी के पूर्व लोकसभा प्रत्याशी सिद्धार्थ तिवारी ने आज अपने निवास पर किसानों के मुद्दे को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. इस दौरान उन्होंने केंद्र और प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा. किसान सम्मान निधि को चुनावी एजेंडा बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश के मुखिया खैरात की सरकार चला रहे हैं न कि वोट की. साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों को लेकर अपशब्द का प्रयोग किया है.

जनप्रतिनिधि के लिए कहे अपशब्द

प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. कांग्रेस और बीजेपी लगातार एक-दूसरे को निशाने पर ले रहे हैं. कुछ दिनों में होने जा रहे उप चुनाव पर इन दिनों किसान सबसे बड़ा मुद्दा बन कर सामने आया है. पिछली बार कांग्रेस पार्टी की सरकार किसान कर्ज माफी के मुद्दे को लेकर बनी थी, जिसके बाद अब उपचुनाव में भी किसान चुनाव का नया मुद्दा देखा जा रहा है. ऐसे में किसान को खुश करने के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों आमने-सामने हैं.

एक ओर जहां किसानों को लेकर केंद्र सरकार ने कृषि विधेयक बिल पास किया है, वहीं प्रदेश सरकार द्वारा किसान सम्मान निधि बनाने को लेकर वादा किया गया है, जिसके बाद अब कांग्रेस पार्टी किसानों को साथ में लेकर चलने को तैयार दिख रही है.

खैरात की सरकार चला रहे CM शिवराज

रीवा में किसान हित के मुद्दे को लेकर कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कृषि विधेयक बिल को लेकर आपत्ति जताई और सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस बिल में संशोधन नहीं किया गया तो किसानों को साथ लेकर वह उग्र आंदोलन करेंगे, जिसकी जवाबदेही स्वयं सरकार की होगी. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी ने प्रदेश सरकार के द्वारा किसान सम्मान निधि बनाने के वादे को लेकर भी निशाना साधा और उन्होंने किसान सम्मान निधि बढ़ाने के वादे को चुनावी एजेंडा करार दिया.

खैरात की सरकार चला रहे CM

उन्होंने कहा कि हमारे सरकार के मुखिया खुद खैरात की सरकार चला रहे हैं, वोट की नहीं. ये खैरात पीएम मोदी की है और खैरात देने वाले अंबानी-अदानी हैं. ऐसे स्थिति में सीएम शिवराज कैसे इस बिल का विरोध कर सकते हैं या किसानों के हित की बात कर सकते हैं.

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