रतलाम। 2011 में रतलाम के विकास के लिए बनाया गया रतलाम डेवलपमेंट अथॉरिटी अब शासन के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है. दरअसल मध्यप्रदेश में सरकार बदलने के बाद भी रतलाम विकास प्राधिकरण में पिछले पांच सालों से अध्यक्ष पद की नियुक्ति नहीं हुई है. जिस वजह से विकास प्राधिकरण महज 4 आवासीय योजनाओं माही विहार, योगी विहार, मां कालिका विहार और परशुराम विहार तक ही सीमित रह गया है. बीजेपी सरकार के कार्यकाल में भी अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो सकी और अब कांग्रेस के शासन में भी इस पद के दर्जन भर दावेदार हैं, जिससे आरडीए अध्यक्ष की नियुक्ति टलती नजर आ रही है.
2011 में रतलाम के विकास के लिए बनाए गए आरडीए के अध्यक्ष विष्णु त्रिपाठी ने पहले दो सालों में चार आवासीय प्रोजेक्ट बनाए. 2013 के चुनाव के बाद भाजपा सरकार के कार्यकाल में आरडीए के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति नहीं हो सकी, जो अब कांग्रेस की सरकार आने के बाद भी खाली है. आरडीए अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होने से वर्तमान प्रोजेक्ट का भी काम अटक गया है, जिससे इन योजनाओं के निवेशक आरडीए दफ्तर के चक्कर लगाने को मजबूर हैं.
बीजेपी नेताओं का कहना है कि आरडीए में अध्यक्ष की नियुक्ति करना मुख्यमंत्री के हाथ में है. बीजेपी के जिला महामंत्री प्रदीप उपाध्याय ने कहा कि तत्कालीन सीएम ने क्यों आरडीए अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की, इसका जवाब उन्हीं के पास है. उनका कहना है कि आरडीए के पहले अध्यक्ष के कार्यकाल में अच्छा काम हुआ, लेकिन जिला प्रशासन ने पिछ्ले पांच सालों में विकास के लिए कोई काम नहीं किया.
वहीं कांग्रेस के पूर्व विधायक पारस सकलेचा का कहना है कि विकास को रफ्तार देने के लिए जल्दी ही आरडीए अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी.