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रामभरोसे रतलाम विकास प्राधिकरण, 5 साल से नहीं हुई आरडीए अध्यक्ष की नियुक्ति

रतलाम विकास प्राधिकरण में पांच सालों से अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई है, जिसके चलते आरडीए महज चार आवासीय योजनाओं तक सीमित रह गया है.

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Published : Aug 22, 2019, 12:10 PM IST

रतलाम डेवलपमेंट अथॉरिटी 5 साल से नहीं हुई अध्यक्ष की नियुक्ति

रतलाम। 2011 में रतलाम के विकास के लिए बनाया गया रतलाम डेवलपमेंट अथॉरिटी अब शासन के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है. दरअसल मध्यप्रदेश में सरकार बदलने के बाद भी रतलाम विकास प्राधिकरण में पिछले पांच सालों से अध्यक्ष पद की नियुक्ति नहीं हुई है. जिस वजह से विकास प्राधिकरण महज 4 आवासीय योजनाओं माही विहार, योगी विहार, मां कालिका विहार और परशुराम विहार तक ही सीमित रह गया है. बीजेपी सरकार के कार्यकाल में भी अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो सकी और अब कांग्रेस के शासन में भी इस पद के दर्जन भर दावेदार हैं, जिससे आरडीए अध्यक्ष की नियुक्ति टलती नजर आ रही है.

रतलाम डेवलपमेंट अथॉरिटी 5 साल से नहीं हुई अध्यक्ष की नियुक्ति


2011 में रतलाम के विकास के लिए बनाए गए आरडीए के अध्यक्ष विष्णु त्रिपाठी ने पहले दो सालों में चार आवासीय प्रोजेक्ट बनाए. 2013 के चुनाव के बाद भाजपा सरकार के कार्यकाल में आरडीए के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति नहीं हो सकी, जो अब कांग्रेस की सरकार आने के बाद भी खाली है. आरडीए अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होने से वर्तमान प्रोजेक्ट का भी काम अटक गया है, जिससे इन योजनाओं के निवेशक आरडीए दफ्तर के चक्कर लगाने को मजबूर हैं.


बीजेपी नेताओं का कहना है कि आरडीए में अध्यक्ष की नियुक्ति करना मुख्यमंत्री के हाथ में है. बीजेपी के जिला महामंत्री प्रदीप उपाध्याय ने कहा कि तत्कालीन सीएम ने क्यों आरडीए अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की, इसका जवाब उन्हीं के पास है. उनका कहना है कि आरडीए के पहले अध्यक्ष के कार्यकाल में अच्छा काम हुआ, लेकिन जिला प्रशासन ने पिछ्ले पांच सालों में विकास के लिए कोई काम नहीं किया.
वहीं कांग्रेस के पूर्व विधायक पारस सकलेचा का कहना है कि विकास को रफ्तार देने के लिए जल्दी ही आरडीए अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी.

रतलाम। 2011 में रतलाम के विकास के लिए बनाया गया रतलाम डेवलपमेंट अथॉरिटी अब शासन के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है. दरअसल मध्यप्रदेश में सरकार बदलने के बाद भी रतलाम विकास प्राधिकरण में पिछले पांच सालों से अध्यक्ष पद की नियुक्ति नहीं हुई है. जिस वजह से विकास प्राधिकरण महज 4 आवासीय योजनाओं माही विहार, योगी विहार, मां कालिका विहार और परशुराम विहार तक ही सीमित रह गया है. बीजेपी सरकार के कार्यकाल में भी अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो सकी और अब कांग्रेस के शासन में भी इस पद के दर्जन भर दावेदार हैं, जिससे आरडीए अध्यक्ष की नियुक्ति टलती नजर आ रही है.

रतलाम डेवलपमेंट अथॉरिटी 5 साल से नहीं हुई अध्यक्ष की नियुक्ति


2011 में रतलाम के विकास के लिए बनाए गए आरडीए के अध्यक्ष विष्णु त्रिपाठी ने पहले दो सालों में चार आवासीय प्रोजेक्ट बनाए. 2013 के चुनाव के बाद भाजपा सरकार के कार्यकाल में आरडीए के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति नहीं हो सकी, जो अब कांग्रेस की सरकार आने के बाद भी खाली है. आरडीए अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होने से वर्तमान प्रोजेक्ट का भी काम अटक गया है, जिससे इन योजनाओं के निवेशक आरडीए दफ्तर के चक्कर लगाने को मजबूर हैं.


बीजेपी नेताओं का कहना है कि आरडीए में अध्यक्ष की नियुक्ति करना मुख्यमंत्री के हाथ में है. बीजेपी के जिला महामंत्री प्रदीप उपाध्याय ने कहा कि तत्कालीन सीएम ने क्यों आरडीए अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की, इसका जवाब उन्हीं के पास है. उनका कहना है कि आरडीए के पहले अध्यक्ष के कार्यकाल में अच्छा काम हुआ, लेकिन जिला प्रशासन ने पिछ्ले पांच सालों में विकास के लिए कोई काम नहीं किया.
वहीं कांग्रेस के पूर्व विधायक पारस सकलेचा का कहना है कि विकास को रफ्तार देने के लिए जल्दी ही आरडीए अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी.

Intro:मप्र मे सरकार बदलने के बाद भी रतलाम विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पद की नियुक्ति पिछले 5 सालों से नही हो सकी है. जिसके चलते रतलाम विकास प्राधिकरण महज 4 आवासीय योजनाओं तक ही सीमित हो गया है.2011 में रतलाम के विकास के लिए बनाया गया आरडीए अब शासन के लिए सफ़ेद हाथी साबित होने लगा है.भाजपा की सरकार के दौरान राजनीतिक रस्साकशी की वजह से अध्यक्ष की नियुक्ति नही हो सकी और अब कांग्रेस के शासन में भी इस पद के दर्जन भर दावेदार है जिससे आरडीए की नियुक्तियां फिर से टलती हुई नजर आ रही हैं।




Body:दरअसल वर्ष 2011 में रतलाम विकास प्रधिकरण का गठन हुआ था.विष्णु त्रिपाठी इसके पहले अध्यक्ष बनाये गए थे.स्थापना के पहले 2 सालों में आरडीए ने रफ्तार पकड़ी और 4 आवासीय योजनाएं माही विहार,योगी विहार,माँ कालिका विहार और परशुराम विहार बनाई गई.जिन्हें सफलता भी मिली .लेकिन 2013 के चुनाव के बाद से आरडीए के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति ही नही हो सकी जिससे पिछले 5 सालों में आरडीए के द्वारा कोई नया प्रोजेक्ट शुरू ही नही किया जा सका है.नए प्रोजेक्ट नही आने से आरडीए शासन के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है.प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद एक बार फिर आरडीए की नियुक्तियों टलती हूई नजर आ रही है। वही अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेसी नेताओं में लंबी फ़ेहरिस्त भी तैयार है.

भाजपा के नेताओं का कहना है कि विकास प्रधिकरण की नियुक्ति करना मुख्यमंत्री का क्षेत्राधिकार है और पूर्व सीएम ने क्यों आरडीए की नियुक्ति नही की इसका जवाब उन्ही के पास है.वही कांग्रेस का कहना है कि रतलाम शहर के विकास को रफ्तार देने के लिए जल्दी ही आरडीए की नियुक्तियां हो जाएगी.बहरहाल नियुक्तियां नही होने से आरडीए के वर्तमान प्रोजेक्ट का भी कार्य अटक गया है जिससे इन योजनाओं के निवेशक भी आरडीए के चक्कर लगाने को मजबूर है--


बाइट-01-प्रदीप उपाध्याय(जिला महामंत्री,भाजपा)
बाइट-02-सुजीत उपाध्याय(प्रवक्ता ,शहर कांग्रेस रतलाम)


Conclusion:भाजपा के नेताओं का कहना है कि आरडीए के पहले अध्यक्ष के कार्यकाल मे अच्छा काम हुआ लेकिन जिला प्रशासन ने पिछ्ले 5 सालों में रत्ती भर काम नहीं किया है .वही कांग्रेस का कहना है कि रतलाम शहर के विकास को रफ्तार देने के लिए जल्दी ही आरडीए की नियुक्तियां हो जाएगी.बहरहाल नियुक्तियां नही होने से आरडीए के वर्तमान प्रोजेक्ट का भी कार्य रुका हुआ है जिससे इन योजनाओं के निवेशक भी आरडीए के चक्कर लगाने को मजबूर है--


बाइट-01-प्रदीप उपाध्याय(जिला महामंत्री,भाजपा)
बाइट-02-पारस सकलेचा (कांग्रेस नेता रतलाम)
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