रतलाम। कोरोना संक्रमण काल के दौरान जुलाई से अगस्त के बीच फैलने वाले मच्छर जनित रोग डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया ने पैर पसारना शुरू कर दिए हैं. कोरोना के भय के चलते लोग चेकअप करवाने अस्पताल ही नहीं पहुंच रहे हैं. हालांकि बीते साल 162 मलेरिया, 22 डेंगू और दो चिकनगुनिया के मामलों के मुकाबले इस साल 14 मलेरिया और एक डेंगू का मामला ही सामने आया है, इसकी बड़ी वजह डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के लक्षणों वाले मरीजों का अस्पतालों नहीं पहुंचना भी है.
कोरोना संकटकाल में बुखार आने पर लोग कोविड केयर सेंटर में भर्ती किए जाने के डर रहे हैं. यही वजह है कि, मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसे लक्षणों को लोग नजरअंदाज कर अस्पताल नहीं जा रहे हैं. कोरोना संक्रमण के चलते मच्छरों से होने वाली बीमारियों से आम लोगों का ध्यान हट गया है.
जिला मलेरिया अधिकारी के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष मलेरिया डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों में गिरावट आई है. जिसकी वजह स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीमों द्वारा सफाई अभियान और मच्छर उन्मूलन अभियान है. हालांकि जिला मलेरिया अधिकारी भी मानते हैं कि, इस साल कोरोना की वजह से लोग जिला अस्पताल में मलेरिया डेंगू और चिकनगुनिया की जांच करवाने कम संख्या में पहुंच रहे हैं.
जिला मलेरिया अधिकारी और कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ. प्रमोद प्रजापति के अनुसार लोगों को मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षणों को पहचानना और समय पर जांच करवाना चाहिए. उन्होंने बताया कि, मलेरिया में ठंड देकर बुखार आता है, जबकि डेंगू में तेज बुखार के साथ जोड़ों में दर्द होता है और शरीर पर रेशेज हो जाते हैं, जबकि चिकनगुनिया में शरीर के जॉइंट में दर्द के साथ बुखार आना आता है. अगर किसी भी व्यक्ति को ऐसा हो रहा है तो वो बिना डरे जिला अस्पताल पहुंचकर इन बीमारियों की जांच कराएं, ताकि समय पर उसका इलाज हो सके.
डॉ प्रमोद प्रजापत के अनुसार स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीमें शहर में मच्छरों और उनके लारवा को नष्ट करने के लिए अभियान चला रही हैं. होटलों और अन्य संस्थाओं में मच्छरों की ब्रीडिंग रोकने के लिए ऐसे स्थानों के मालिकों पर चालानी कार्रवाई करने का कार्य भी जारी है.
बीते वर्ष मानसून के समय जहां मलेरिया डेंगू और चिकनगुनिया के करीब 200 से अधिक टेस्ट हुए थे, वहीं इस वर्ष महज 18 टेस्ट ही हो सके हैं. बहरहाल जुलाई से अक्टूबर माह में मच्छरों से होने वाले मलेरिया चिकनगुनिया और डेंगू जैसे रोगों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीमें रूरल और अर्बन एरिया में कीटनाशक के छिड़काव के साथ ही फागिंग की व्यवस्था भी कर रही हैं, जिससे कोरोना से जंग के बीच मच्छर जनित रोगों की रोकथाम भी की जा सकेगी.