ग्वालियर: वैसे तो जीवाजी यूनिवर्सिटी से कई मामले सामने आते रहते हैं, लेकिन एक फर्जी कॉलेज के खुलासे ने सभी को चौंका दिया है, क्योंकि जमीन की जगह हवा में चल रहे महाविद्यालय को लेकर जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलगुरु अविनाश तिवारी पर EOW में मामला दर्ज किया गया है. बताया जा रहा है कि यह मामला अरुण कुमार शर्मा नाम के शिकायतकर्ता की शिकायत के बाद हुई जांच के आधार पर किया गया है.
फर्जी कॉलेज से लगाया जा रहा था शासन को चूना
असल में शिकायतकर्ता अरुण कुमार शर्मा ने 2024 में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ग्वालियर में शिकायत दर्ज कराई थी कि जिसमें आरोप है कि "जिला मुरैना के झुंडपुरा गांव में शिव शक्ति महाविद्यालय नाम का फर्जी कॉलेज कागजों में संचालित हो रहा है. जबकि असलियत में गांव में ऐसा कोई कॉलेज है ही नहीं. हर साल जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा भी कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर इस कॉलेज को मान्यता और संबद्धता भी प्रदान की जा रही है. साथ ही बताया कि महाविद्यालय संचालक रघुराज सिंह जादौन द्वारा अब कॉलेज में फर्जी छात्रों के प्रवेश दिखाकर, स्कॉलरशिप के साथ ही शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेकर चूना लगाया जा रहा है."
EOW की जांच में सामने आई मिलीभगत
EOW के निरीक्षक शैलेंद्र सिंह कुशवाह ने बताया कि "शिकायतकर्ता द्वारा लगभग साल भर पहले यह शिकायत मिली थी. जिस पर जांच की गई और पाया गया कि शिव शक्ति कॉलेज असल में धरातल पर है ही नहीं. साथ ही सभी पहलुओं पर जांच करने पर यह पाया गया कि जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा प्रतिवर्ष कॉलेजों के फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए निरीक्षण कमेटी बनायी गई है. कमेटी के निरीक्षण के बावजूद शिव शक्ति महाविद्यालय को प्रति वर्ष मान्यता और संबद्धता प्रदान की जा रही थी.
ऐसे में यह पाया गया है कि निरीक्षण कमेटी के सदस्यों ने अनुचित लाभ लेकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कूट रचित निरीक्षण रिपोर्ट तैयार की और शिव शक्ति महाविद्यालय को संबद्धता दिलाने में सहयोग किया. इस आधार पर जांच कमेटी के सदस्यों जिनमें विश्वविद्यालय के कुलगुरु भी शामिल हैं के खिलाफ EOW में मामला दर्ज हुआ है."
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इन पर दर्ज हुआ भ्रष्टाचार का मामला
बता दें कि आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ग्वालियर में दर्ज हुए मामले में कॉलेज संचालक रघुराज सिंह जादौन और जीवाजी विश्वविद्यालय यह जांच दल सदस्य कुलगुरु प्रो. अविनाश तिवारी के साथ-साथ डॉ एके हल्वे, डॉ एसके गुप्ता, डॉ एसके सिंह, डॉ सीपी शिन्दे, डॉ आरए शर्मा, डॉ केएस ठाकुर, ज्योति प्रसाद, डॉ नवनीत गरूड़, डॉ सपना पटेल, डॉ एसके द्विवेदी, डॉ हेमन्त शर्मा, डॉ राधा तोमर, डॉ आरपी पाण्डेय, डॉ एमके गुप्ता, डॉ निमिषा जादौन, डॉ सुरेश सचदेवा और डॉ मीना श्रीवास्तव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.