राजगढ़। जिला मुख्यालय के मुख्य बाजार में हाथ ठेले पर बैठकर ढोलक बजाते हुए निकल रहे दृष्टिहीन दिव्यांग को देखकर हर कोई हैरान हो गया. उसकी ढोलक की थाप ऐसी थी कि जिसने भी सुना, वह दंग रह गया. ढोलक की थाप दूर तक जा रही थी, जहां उसकी ये थाप पहुंची, लोग अनायास ही उसकी तरफ चले आए. आंखों से न दिखने के बावजूद ये दिव्यांग बहुत होनहार है. पूरे बाजार में उसने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. हर कोई बोल उठा- वाह भाई क्या ढोलक बजाते हो.
ढोलक बजाकर जीवनयापन : दरअसल, खंडवा जिले का ये दिव्यांग पेट की खातिर इस प्रकार ढोलक बजाकर ही जीवनयापन कर रहा है. इस दिव्यांग ने बताया कि वह खंडवा जिले का रहने वाला है. वह बचपन से ही ढोलक बजाकर अपना व अपने परिवार का जीवनयापन कर रहा है. उसने सरकार से मांग की है कि उसे कोई धन दौलत की अपेक्षा नहीं है, उसे आंखों का इलाज चाहिए ताकि वह दुनिया को देख सके और मेहनत करके अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर सके.
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आंखों का इलाज करा दे सरकार : शहर के आदर्श दिव्यांग संघ के जिलाध्यक्ष राजेश विश्वकर्मा ने बताया कि देश व प्रदेश सरकार को ऐसे दिव्यांगजनों की प्रमुख मांगों पर ध्यान देने की जरूरत है. क्योंकि शारीरिक अक्षमता के चलते ये लोग आम व्यक्तियों की तरह काम करके अपना जीवनयापन नहीं कर सकते. आंखों से दिव्यांग उक्त व्यक्ति सरकार से केवल अपनी आंखों का इलाज कराना चाहता है. उन्होंने बताया कि मैंने भी अपने स्तर से प्रदेश शासन को पत्र लिखकर उक्त युवक के इलाज के लिए गुहार लगाई है.