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बारिश के लिए इंद्रदेव को मनाने का जतन, गांव में निकाली पदयात्रा - pray for rain

राजगढ़ में बारिश के लिए इंद्रदेव को मनाने के जतन शुरू है. इसी के चलते कुरावर गांव में महिलाओं ने बारिश की मन्नत के साथ पदयात्रा निकाली और शहर के बाहर जाकर खाना बनाया.

women in march
पदयात्रा के दौरान महिलाए
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Published : Jul 30, 2020, 9:37 PM IST

राजगढ़। जिले के नरसिंहगढ़ के कुरावर गांव में बारिश ना होने से परेशान लोगों ने इंद्रदेव को मनाने के जतन शुरू कर दिए हैं. कुरावर में हल में बैल के जोड़े को जोत कर महिलायें ढोल के साथ सड़क पर पैदल 3 किलो मीटर निकलीं और आगे एक किसान ढोल की धुन पर थिरकते हुए निकला. जिसके बाद ग्रामीणों ने गांव के मुखिया के कहने पर बारिश की मन्नत को लेकर गांव के बाहर खाना बनाकर खाया. इंद्रदेव को मनाने के ये अनोखी परम्परा सालों से चली आ रही है.

जिले में खरीफ की प्रमुख फसल सोयाबीन खेतों में लहरा रही है और बारिश की बेरुखी से किसानों के ऊपर चिंता की लकीर खींची हुई है. करीब 1 महीने से पर्याप्त मात्रा में पानी ना गिरने से सोयाबीन की पूरी फसल सूखने लगी है. वहीं संपूर्ण सोयाबीन की फसल के खराब होने की नौबत आ गई है. इसी के चलते कुरावर में गांव के पटेल के नेतृत्व में घर से बाहर भोजन बनाने का फैसला लिया गया.

इसके बाद गांव की महिलाओं ने हल में बैल के जोड़े को जोतकर 3 किलोमीटर की पद यात्रा की. धुरी माता की पूजन करने हाईवे किनारे पहुंची. शीघ्र बारिश होने की प्रार्थना की. बारिश दिन प्रतिदिन लेट होती जा रही है, जिसको लेकर जिले के किसान काफी चिंतित हैं. जिसके चलते इस परंपरा का निर्वाह करते हुए पदयात्रा निकाली गई.

राजगढ़। जिले के नरसिंहगढ़ के कुरावर गांव में बारिश ना होने से परेशान लोगों ने इंद्रदेव को मनाने के जतन शुरू कर दिए हैं. कुरावर में हल में बैल के जोड़े को जोत कर महिलायें ढोल के साथ सड़क पर पैदल 3 किलो मीटर निकलीं और आगे एक किसान ढोल की धुन पर थिरकते हुए निकला. जिसके बाद ग्रामीणों ने गांव के मुखिया के कहने पर बारिश की मन्नत को लेकर गांव के बाहर खाना बनाकर खाया. इंद्रदेव को मनाने के ये अनोखी परम्परा सालों से चली आ रही है.

जिले में खरीफ की प्रमुख फसल सोयाबीन खेतों में लहरा रही है और बारिश की बेरुखी से किसानों के ऊपर चिंता की लकीर खींची हुई है. करीब 1 महीने से पर्याप्त मात्रा में पानी ना गिरने से सोयाबीन की पूरी फसल सूखने लगी है. वहीं संपूर्ण सोयाबीन की फसल के खराब होने की नौबत आ गई है. इसी के चलते कुरावर में गांव के पटेल के नेतृत्व में घर से बाहर भोजन बनाने का फैसला लिया गया.

इसके बाद गांव की महिलाओं ने हल में बैल के जोड़े को जोतकर 3 किलोमीटर की पद यात्रा की. धुरी माता की पूजन करने हाईवे किनारे पहुंची. शीघ्र बारिश होने की प्रार्थना की. बारिश दिन प्रतिदिन लेट होती जा रही है, जिसको लेकर जिले के किसान काफी चिंतित हैं. जिसके चलते इस परंपरा का निर्वाह करते हुए पदयात्रा निकाली गई.

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