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एग्जाम विदाउट टेंशन, एक्सपर्ट से जानें 'इम्तिहान का पूरा ज्ञान'

1 मार्च से प्रदेश में बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने वालीं हैं. इन परीक्षाओं में छात्रों को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इस बारे में वरिष्ठ शिक्षक राधेश्याम पुरविया ने बच्चों परीक्षा संबंधी टिप्स दिए हैं.

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Published : Feb 9, 2020, 11:17 AM IST

Updated : Feb 9, 2020, 12:54 PM IST

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परीक्षा पर चर्चा

राजगढ़। प्रदेश में मार्च से पहले हफ्ते में बोर्ड परीक्षाएं शुरु होने वाली हैं. जिसके चलते अक्सर देखा जाता है कि छात्र-छात्राएं परीक्षा में परफार्मेंस को लेकर तनाव में आ जाते हैं. जिसकी वजह से कई बार आत्महत्या जैसे गलत कदम उठा लेते हैं. इन तमाम बातों को लेकर ईटीवी भारत ने वरिष्ठ शिक्षक राधेश्याम पुरविया से खास बातचीत की.

परीक्षा पर चर्चा

टेंशन फ्री होकर दे एग्जाम

वरिष्ठ शिक्षक राधेश्याम पुरविया ने बच्चों से अपील की, कि वे परीक्षा को लेकर टेंशन न लें. तनाव मुक्त होकर परीक्षा दें. साथ ही उन्होंने शिक्षकों के लिए भी संदेश दिया कि शिक्षक बच्चों की काउंसलिंग करें और एक सही एग्जाम स्ट्रेटजी बताएं.

ये स्ट्रेटजी करें फॉलो

राधेश्याम पुरविया बताते हैं कि, एग्जाम से पहले बच्चों को रिवीजन करना चाहिए. इसके अलावा जब परीक्षा शुरु हो, तो बच्चे पेपर की टाइमिंग से कुछ समय पहले एग्जाम सेंटर पहुंचें. जिससे वे थोड़ा रिलेक्स हो जाएंगे. साथ ही जैसे प्रश्न पत्र मिले, तो पहले उसे पढ़ लें और पहले उन्हीं प्रश्नों के उत्तर पहले लिखें, जो आते हों. उन्होंने कहा कि छात्र परीक्षा को परीक्षा ना मानते हुए इसे एक उत्सव की लें और उसमें उत्साह से शामिल हों.

कम नंबर तय नहीं करते भविष्य

शिक्षक राधेश्याम ने कहा कि, अगर मान लो कि किसी छात्र के परीक्षा में कम नंबर भी आ जाते हैं, तो इसमें टेशन लेने वाली बात नहीं है. क्योंकि ये फाइनल रिजल्ट नहीं है. आपका करियर दसवीं या बारहवीं का रिजल्ट तय नहीं करता है. इसके बाद भी आपके पास मौका है. कई प्रतियोगी परीक्षाएं होती हैं, जिनमें आप पहले से अच्छा कर सकते हैं.

कोई भी कदम उठाने से पहले माता-पिता के बारे में सोचें

राधेश्याम पुरविया ने छात्रों को संदेश दिया कि, बच्चों को ध्यान रखना चाहिए कि वे सभी अपने माता-पिता के धरोहर हैं, उन्होंने आपको बड़े ही नाजों से पाला है और आपके किसी गलत कदम से उनका क्या हाल होगा. साथ उन्होंने कहा कि मार्क्स ही सब कुछ नहीं होते हैं, कई ऐसी शख्सियत हैं, जो बहुत कम-पढ़े लिखें या फिर पढ़ाई के दौरान फेल भी हुए हैं, लेकिन उन्हें आज पूरी दुनिया जानती है.

राजगढ़। प्रदेश में मार्च से पहले हफ्ते में बोर्ड परीक्षाएं शुरु होने वाली हैं. जिसके चलते अक्सर देखा जाता है कि छात्र-छात्राएं परीक्षा में परफार्मेंस को लेकर तनाव में आ जाते हैं. जिसकी वजह से कई बार आत्महत्या जैसे गलत कदम उठा लेते हैं. इन तमाम बातों को लेकर ईटीवी भारत ने वरिष्ठ शिक्षक राधेश्याम पुरविया से खास बातचीत की.

परीक्षा पर चर्चा

टेंशन फ्री होकर दे एग्जाम

वरिष्ठ शिक्षक राधेश्याम पुरविया ने बच्चों से अपील की, कि वे परीक्षा को लेकर टेंशन न लें. तनाव मुक्त होकर परीक्षा दें. साथ ही उन्होंने शिक्षकों के लिए भी संदेश दिया कि शिक्षक बच्चों की काउंसलिंग करें और एक सही एग्जाम स्ट्रेटजी बताएं.

ये स्ट्रेटजी करें फॉलो

राधेश्याम पुरविया बताते हैं कि, एग्जाम से पहले बच्चों को रिवीजन करना चाहिए. इसके अलावा जब परीक्षा शुरु हो, तो बच्चे पेपर की टाइमिंग से कुछ समय पहले एग्जाम सेंटर पहुंचें. जिससे वे थोड़ा रिलेक्स हो जाएंगे. साथ ही जैसे प्रश्न पत्र मिले, तो पहले उसे पढ़ लें और पहले उन्हीं प्रश्नों के उत्तर पहले लिखें, जो आते हों. उन्होंने कहा कि छात्र परीक्षा को परीक्षा ना मानते हुए इसे एक उत्सव की लें और उसमें उत्साह से शामिल हों.

कम नंबर तय नहीं करते भविष्य

शिक्षक राधेश्याम ने कहा कि, अगर मान लो कि किसी छात्र के परीक्षा में कम नंबर भी आ जाते हैं, तो इसमें टेशन लेने वाली बात नहीं है. क्योंकि ये फाइनल रिजल्ट नहीं है. आपका करियर दसवीं या बारहवीं का रिजल्ट तय नहीं करता है. इसके बाद भी आपके पास मौका है. कई प्रतियोगी परीक्षाएं होती हैं, जिनमें आप पहले से अच्छा कर सकते हैं.

कोई भी कदम उठाने से पहले माता-पिता के बारे में सोचें

राधेश्याम पुरविया ने छात्रों को संदेश दिया कि, बच्चों को ध्यान रखना चाहिए कि वे सभी अपने माता-पिता के धरोहर हैं, उन्होंने आपको बड़े ही नाजों से पाला है और आपके किसी गलत कदम से उनका क्या हाल होगा. साथ उन्होंने कहा कि मार्क्स ही सब कुछ नहीं होते हैं, कई ऐसी शख्सियत हैं, जो बहुत कम-पढ़े लिखें या फिर पढ़ाई के दौरान फेल भी हुए हैं, लेकिन उन्हें आज पूरी दुनिया जानती है.

Intro:माध्यमिक शिक्षा मंडल की आगामी 1 मार्च से होने वाली परीक्षाओं को लेकर शिक्षकों ने दिया गुरु मंत्र कहा परीक्षा को टेंशन में ना लें इसको एक उत्साह की तरह लें जिससे आपको काफी अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे, 1 मार्च से शुरू हो रही है माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षाएं, हजारों की संख्या में बच्चे लेंगे भाग


Body:1 मार्च से जहां माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने जा रही है और जहां मार्च के माह में ना सिर्फ हायर सेकंडरी स्कूल के बच्चा बल्कि हाई स्कूल का बच्चों की इस परीक्षा में भाग लेंगे और जहां ना सिर्फ अपना भविष्य आगामी परीक्षाओं से तय करेंगे और वहीं जहां इस समय काफी बच्चे टेंशन में होंगे कि आगामी परीक्षा है उनके लिए कैसी रहेगी और कैसे वह इस अंतिम समय में इस टेंशन को कम करते हुए अपनी तैयारियों को पूरा करें इसी को लेकर जहां राजगढ़ जिले के शिक्षक लगातार अपने बच्चों पर ध्यान दे रहे हैं और वही इन बच्चों के लिए ईटीवी भारत ने जब शिक्षकों से बात की तो इसमें वरिष्ठ शिक्षक और जीरापुर बी आर सी राधेश्याम पुरविया ने बताया कि में सभी छात्र छात्राओं से कहना चाहता हूं कि किसी भी बात की टेंशन नही लेना है, पूरे हर्षोल्लास के साथ आगामी परीक्षाओं को दें, वही मैं शिक्षक साथियों से भी कहना चाहूंगा कि जो बच्चे परीक्षा देने जा रहे हैं उनको तनाव मुक्त रहने में सहायता करें और उनकी मदद करें, वही उनको पढ़ाई में मदद करें और जो उनको पढ़ाया है उसका उनको पर्याप्त रिवीजन करवाए।

वही मैं बच्चों से कहना चाहूंगा कि जब परीक्षा लिखने बैठ जाए तो सबसे पहले उन प्रश्नों को हल करें जो उनको सबसे अच्छी तरह आते हैं और इसी क्रम में वह पूरे प्रश्न पत्र को लिखें, नहीं समस्त शिक्षक आपकी लगातार मदद कर रहे हैं ,आप उनकी मदद लें और इस समय तनाव से मुक्त रहें।


Conclusion:वही मैं बच्चों से कहना चाहता हूं कि परीक्षा को उत्सव के रूप में मानना चाहिए यह उनकी जिंदगी के एक बहुत बड़ा उत्सव है, वही जिसे हम किसी भी शादी या पार्टी में बड़े उत्साह के साथ उसको मनाते हैं उसी प्रकार परीक्षा को भी उत्साह पूर्वक और तनाव मुक्त रहकर उसको लेना चाहिए जिससे हम को निश्चित ही उसमे सफलता प्राप्त होगी।

वहीं उन्होंने उन बच्चों के लिए कहा जो परीक्षा को काफी डिप्रेशन के साथ लेते हैं और इस डिप्रेशन में एक गलत कदम उठा लेते हैं जिससे उनकी जिंदगी में काफी परेशानियां खड़ी हो जाती है इसके लिए उन्होंने कहा कि परीक्षा को तनाव के साथ ना लें, उसको उत्साह पूर्वक देना चाहिए, वहीं उन्होंने कहा कि अगर आपके इन परीक्षाओं में कम नंबर आ जाते हैं तो कोई बात नहीं है क्योंकि आजकल हर नौकरी या किसी भी प्रकार की एग्जाम के लिए सरकार द्वारा प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित की जाती है जिसमें आप अच्छा स्कोर करके अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं, वही बच्चों को ध्यान रखना चाहिए कि वे सभी अपने माता-पिता के धरोहर है , उन्होंने आपको बड़े ही नाज़ो से पाला है , और आपको अपने माता-पिता की ओर भी ध्यान देना चाहिए वही बच्चों को कहना चाहूंगा कि जितने भी सफल व्यक्ति हैं उनमें बहुत से ऐसे व्यक्ति हैं जो काफी छोटी कक्षा में भी फेल हो गए थे परंतु आज भी काफी सफल होती हैं और उन को ध्यान में रखते हुए इन परीक्षाओं में अगर असफलता भी हाथ लगती है तो उसको भूलते हुए आगे बढ़ने का प्रयत्न करना चाहिए।



विसुअल

एग्जाम देते बच्चे

बाइट

वरिष्ठ शिक्षक और जीरापुर बी आर सी राधेश्याम पुरविया


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rohit sharma
reporter/content editor
Last Updated : Feb 9, 2020, 12:54 PM IST
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