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भोजेश्वर मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब, जयघोष के साथ हुआ भोलेनाथ का जलाभिषेक

महाशिवरात्रि के अवसर पर भोजपुर के विश्वप्रसिद्ध शिवमंदिर में भी सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ जुट रही है. कहा जाता कि इस मंदिर का शिवलिंग विश्व का सबसे प्राचीन शिवलिंग है.

भोजेश्वर मंदिर
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Published : Mar 4, 2019, 6:19 PM IST

रायसेन। महाशिवरात्रि के अवसर पर भोजपुर के ऐतिहासिक शिव मंदिर में सुबह से ही भोलेनाथ के दर्शनों के लिए भक्तों की भारी भीड़ जुटी. राजधानी भोपाल से महज 32 किमी दूर इस मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन मेला भी लगता है, जहां के प्रदेश के लगभग सभी हिस्सों से भगवान भोलेनाथ के दर्शनों के लिये श्रद्धालु आते हैं.

भोजपुर के इस विश्व प्रसिद्ध मंदिर में स्थित शिवलिंग को दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग भी कहा जाता है. शिवरात्रि के दिन सुबह से ही भगवान भोलेनाथ के दर्शनों के लिए लंबी लंबी कतारें लगी हैं. भक्तगढ़ भगवान को जल चढ़ाने के लिए पहुंचे हुए हैं. वही प्रशासन ने चाक- चौबंद व्यवस्था की हुई है.

भोजेश्वर मंदिर

भोजपुर की पहाड़ियों पर स्थित इस मंदिर को भोजेश्वर के नाम से जाना जाता है. कहा जाता कि मंदिर में स्थित शिवलिंग विश्व का सबसे प्राचीन शिवलिंग माना जाता है. साथ ही मंदिर में शिव-पार्वती के साथ-साथ ब्रहाा-सरस्वती, राम-सीता और विष्णुजी और लक्ष्मीजी की मूर्तियां भी स्थापित हैं.

इस मंदिर का निर्माण परमार वंश के प्रसिद्ध राजा भोज ने करवाया था. साथ ही यह भी कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण एक ही रात में किया गया था. जिसके चलते यह अधूरा भी है क्योंकि इसको बनाते-बनाते सुबह हो गयी थी. जिसके चलते इस निर्माण अधूरा ही छोड़ दिया गया था. अपनी इन्ही सब प्रसिद्धियों के कारण से मंदिर में साल भर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है.

रायसेन। महाशिवरात्रि के अवसर पर भोजपुर के ऐतिहासिक शिव मंदिर में सुबह से ही भोलेनाथ के दर्शनों के लिए भक्तों की भारी भीड़ जुटी. राजधानी भोपाल से महज 32 किमी दूर इस मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन मेला भी लगता है, जहां के प्रदेश के लगभग सभी हिस्सों से भगवान भोलेनाथ के दर्शनों के लिये श्रद्धालु आते हैं.

भोजपुर के इस विश्व प्रसिद्ध मंदिर में स्थित शिवलिंग को दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग भी कहा जाता है. शिवरात्रि के दिन सुबह से ही भगवान भोलेनाथ के दर्शनों के लिए लंबी लंबी कतारें लगी हैं. भक्तगढ़ भगवान को जल चढ़ाने के लिए पहुंचे हुए हैं. वही प्रशासन ने चाक- चौबंद व्यवस्था की हुई है.

भोजेश्वर मंदिर

भोजपुर की पहाड़ियों पर स्थित इस मंदिर को भोजेश्वर के नाम से जाना जाता है. कहा जाता कि मंदिर में स्थित शिवलिंग विश्व का सबसे प्राचीन शिवलिंग माना जाता है. साथ ही मंदिर में शिव-पार्वती के साथ-साथ ब्रहाा-सरस्वती, राम-सीता और विष्णुजी और लक्ष्मीजी की मूर्तियां भी स्थापित हैं.

इस मंदिर का निर्माण परमार वंश के प्रसिद्ध राजा भोज ने करवाया था. साथ ही यह भी कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण एक ही रात में किया गया था. जिसके चलते यह अधूरा भी है क्योंकि इसको बनाते-बनाते सुबह हो गयी थी. जिसके चलते इस निर्माण अधूरा ही छोड़ दिया गया था. अपनी इन्ही सब प्रसिद्धियों के कारण से मंदिर में साल भर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है.

Intro:राजधानी भोपाल से लगे रायसेन जिले के विश्व धरोहर ऐतिहासिक मंदिर भोजपुर में भी महाशिवरात्रि की धूम देखी जा रही है


Body:विश्व प्रसिद्ध मंदिर भोजपुर में दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग है और महाशिवरात्रि पर्व पर इस मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ देखते ही बनती है मंदिर में विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग है यहां महाशिवरात्रि के दिन ऐतिहासिक मेला लगता है और भगवान भोलेनाथ के दर्शनों के लिए लंबी लंबी कतारें लगती है यहां मध्य प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों से श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग के दर्शन करने के लिए आते हैं महाशिवरात्रि पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु भोजपुर पहुंचते हैं सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन की चाक चौबंद व्यवस्था रहती है मगर इस बार भारत पाकिस्तान के बीच तनाव को देखते हुए पुलिस की ओर चाक चौबंद व्यवस्था की गई है।


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