ETV Bharat / state

रायसेन का यह शिव मंदिर अभी भी है अपूर्ण, महा शिवरात्रि पर लगता है भक्तों का तांता

author img

By

Published : Feb 28, 2022, 10:58 PM IST

राजधानी भोपाल से 32 किलोमीटर दूर दक्षिण-पूर्व में बेतवा नदी के दाहिने ओर एक ऊंची पहाड़ी पर भोजेश्वर मंदिर स्थित है. इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह अपूर्ण मंदिर है. मंदिर में स्थापित शिवलिंग भी अपने आप में एक अद्वितीय कला का नमूना है. बताया जाता है कि इसे सिर्फ एक रात में बनाया गया था. (history of raisen temple)

Raisen Shiva Temple
रायसेन शिव मंदिर

रायसेन। विश्व प्रसिद्ध विशाल शिवलिंग मंदिर भोजपुर में शिवरात्रि के दिन सुबह 4 बजे से भक्तों का मेला लगने लगता है. यहां लाखों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं और भगवान शिव को जल अभिषेक करते हैं. वहीं व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से रखने के लिए जिला प्रशासन भी मुस्तैद है. लगभग 10वीं शताब्दी में बना भोजेश्वर मंदिर विश्व प्रसिद्ध है. (raisen temple worship)

रायसेन शिव मंदिर

जानें क्या है मंदिर का इतिहास ?
राजधानी भोपाल से 32 किलोमीटर दूर दक्षिण-पूर्व में बेतवा नदी के दाहिने ओर एक ऊंची पहाड़ी पर भोजेश्वर मंदिर स्थित है. इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह अपूर्ण मंदिर है. इसके अपूर्ण रहने का कारण कोई नहीं जानता. मंदिर में स्थापित शिवलिंग भी अपने आप में एक अद्वितीय कला का नमूना है. बताया जाता है कि इसे सिर्फ एक रात में बनाया गया था. (history of raisen temple)

परमार वंश के राजा ने बनवाया था मंदिर
मंदिर निर्माण का श्रेय मध्य भारत के परमार वंश के राजा भोज देव को जाता है. राजा भोज देव कला और स्थापत्य एवं विद्या के महान संरक्षक महान लेखक भी थे. कहा जाता है कि पांडव अपने वनवास के दौरान माता कुंती के साथ यहीं आसपास वनों में निवास करते थे. मंदिर के पीछे भाग में एक ढलान है, जिसका उपयोग पत्थरों को ऊंचाई तक पहुंचाने के लिए किया जाता होगा. (parmar dynasty king)

महाशिवरात्रि पर करें 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन, पाएं भगवान शिव की कृपा

भोजेश्वर महादेव मंदिर 106 फीट लंबा और 77 फीट चौड़ा है. मंदिर 17 फीट ऊंचे एक चबूतरे पर निर्मित किया गया है. मंदिर के गर्भ गृह की अपेक्षा 40 फीट ऊंची चार खंभों पर टिकी हुई है. यहां आने वाले श्रद्धालु बेल पत्रों के साथ पवित्र जल से भगवान शिव का अभिषेक करते हैं. शिवरात्रि के पावन पर्व पर यहां पर भक्तों की लंबी-लंबी कतारें देखी जाती हैं. यहां आए हुए श्रद्धालु जहां भगवान शिव के दर्शन करके आत्मनिर्भर होते हैं, तो कई पर्यटक मंदिर निर्माण की अद्वितीय कला को देखते हुए अचंभित हो जाते हैं.

रायसेन। विश्व प्रसिद्ध विशाल शिवलिंग मंदिर भोजपुर में शिवरात्रि के दिन सुबह 4 बजे से भक्तों का मेला लगने लगता है. यहां लाखों की संख्या में भक्त पहुंचते हैं और भगवान शिव को जल अभिषेक करते हैं. वहीं व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से रखने के लिए जिला प्रशासन भी मुस्तैद है. लगभग 10वीं शताब्दी में बना भोजेश्वर मंदिर विश्व प्रसिद्ध है. (raisen temple worship)

रायसेन शिव मंदिर

जानें क्या है मंदिर का इतिहास ?
राजधानी भोपाल से 32 किलोमीटर दूर दक्षिण-पूर्व में बेतवा नदी के दाहिने ओर एक ऊंची पहाड़ी पर भोजेश्वर मंदिर स्थित है. इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह अपूर्ण मंदिर है. इसके अपूर्ण रहने का कारण कोई नहीं जानता. मंदिर में स्थापित शिवलिंग भी अपने आप में एक अद्वितीय कला का नमूना है. बताया जाता है कि इसे सिर्फ एक रात में बनाया गया था. (history of raisen temple)

परमार वंश के राजा ने बनवाया था मंदिर
मंदिर निर्माण का श्रेय मध्य भारत के परमार वंश के राजा भोज देव को जाता है. राजा भोज देव कला और स्थापत्य एवं विद्या के महान संरक्षक महान लेखक भी थे. कहा जाता है कि पांडव अपने वनवास के दौरान माता कुंती के साथ यहीं आसपास वनों में निवास करते थे. मंदिर के पीछे भाग में एक ढलान है, जिसका उपयोग पत्थरों को ऊंचाई तक पहुंचाने के लिए किया जाता होगा. (parmar dynasty king)

महाशिवरात्रि पर करें 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन, पाएं भगवान शिव की कृपा

भोजेश्वर महादेव मंदिर 106 फीट लंबा और 77 फीट चौड़ा है. मंदिर 17 फीट ऊंचे एक चबूतरे पर निर्मित किया गया है. मंदिर के गर्भ गृह की अपेक्षा 40 फीट ऊंची चार खंभों पर टिकी हुई है. यहां आने वाले श्रद्धालु बेल पत्रों के साथ पवित्र जल से भगवान शिव का अभिषेक करते हैं. शिवरात्रि के पावन पर्व पर यहां पर भक्तों की लंबी-लंबी कतारें देखी जाती हैं. यहां आए हुए श्रद्धालु जहां भगवान शिव के दर्शन करके आत्मनिर्भर होते हैं, तो कई पर्यटक मंदिर निर्माण की अद्वितीय कला को देखते हुए अचंभित हो जाते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.