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रजनीश के जज्बे को सलाम, शौक के चलते किया 32 बार रक्तदान - Panna's Rajneesh News

पन्ना जिले के 28 साल के रजनीश अपने शौक और जज्बे के चलते 18 साल की उम्र से रक्तदान करके 32 लोगों की जान बचा चुके हैं. आज भी उन्होंने एक प्रसूता को खून देकर उसकी जान बचाई.

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Published : Aug 21, 2020, 8:01 PM IST

Updated : Aug 21, 2020, 10:58 PM IST

पन्ना। भारत में भिन्न-भिन्न प्रकार के लोग रहते है और विदेशों में भी भारत के लोगों के अजीबों-गरीब शौक और जज्बे के लिए जाना जाता है. पन्ना के एक ऐसे ही अजीबों गरीब जज्बा और शौक रखने वाले इंसान हैं रजनीश जिन्होंने अभी तक न जाने कितने लोगों की जान अपने इस शौक के लिए बचाई है और आज भी एक प्रसूता की जान बचाई.

रक्तदाता रजनीश कुशवाहा

दरअसल, रजनीश को रक्दान करने का जज्बा और शौक है, रजनीश 18 साल की उम्र से रक्तदान कर रहे हैं, वे बताते हैं कि वह अभी तक 32 बार रक्तदान कर चुके हैं और न जाने कितने लोगों की जान बचाकर उन्हें नई जिंदगी दे चुके हैं और उन्हें ऐसा करने में अच्छा लगता है. जैसे ही उन्हें जानकारी लगती है कि उनके ग्रुप के खून की किसी बेसहारा को जरूरत है, उनके द्वारा अपने गांव से 20 किलोमीटर दूर पन्ना जिला चिकित्सालय आकर रक्तदान करते हैं.

आज भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला जब अजयगढ़ के बिहरसरवारिया निवासी नीतू को बच्चे के जन्म के बाद खून की कमी हो गई, जिसे आनन-फानन जिला चिकित्सालय पन्ना रेफर किया गया. जहां डॉक्टर ने उसे रक्त की कमी बताई, गरीब होने के चलते मरीज को खून की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी. तब रजनीश को मामले की जानकारी लगी और अपने गांव अहिरगवा से पन्ना आकर महिला को रक्तदान कर उसकी जान बचाई.

पन्ना। भारत में भिन्न-भिन्न प्रकार के लोग रहते है और विदेशों में भी भारत के लोगों के अजीबों-गरीब शौक और जज्बे के लिए जाना जाता है. पन्ना के एक ऐसे ही अजीबों गरीब जज्बा और शौक रखने वाले इंसान हैं रजनीश जिन्होंने अभी तक न जाने कितने लोगों की जान अपने इस शौक के लिए बचाई है और आज भी एक प्रसूता की जान बचाई.

रक्तदाता रजनीश कुशवाहा

दरअसल, रजनीश को रक्दान करने का जज्बा और शौक है, रजनीश 18 साल की उम्र से रक्तदान कर रहे हैं, वे बताते हैं कि वह अभी तक 32 बार रक्तदान कर चुके हैं और न जाने कितने लोगों की जान बचाकर उन्हें नई जिंदगी दे चुके हैं और उन्हें ऐसा करने में अच्छा लगता है. जैसे ही उन्हें जानकारी लगती है कि उनके ग्रुप के खून की किसी बेसहारा को जरूरत है, उनके द्वारा अपने गांव से 20 किलोमीटर दूर पन्ना जिला चिकित्सालय आकर रक्तदान करते हैं.

आज भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला जब अजयगढ़ के बिहरसरवारिया निवासी नीतू को बच्चे के जन्म के बाद खून की कमी हो गई, जिसे आनन-फानन जिला चिकित्सालय पन्ना रेफर किया गया. जहां डॉक्टर ने उसे रक्त की कमी बताई, गरीब होने के चलते मरीज को खून की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी. तब रजनीश को मामले की जानकारी लगी और अपने गांव अहिरगवा से पन्ना आकर महिला को रक्तदान कर उसकी जान बचाई.

Last Updated : Aug 21, 2020, 10:58 PM IST
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