रायसेन। एक ओर जहां सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी पढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है, ताकि छात्र प्राइवेट स्कूलों के बजाय सरकारी स्कूलों में दाखिला लें. वहीं, एक मामला ऐसा सामना आया है कि अंग्रेजी विषय को पढ़ाई में शामिल न करने से छात्रों को भविष्य की चिंता सता रही है. इसी को लेकर मंगलवार को छात्र और छात्राएं कलेक्टर से मिलने कलेक्ट्रेट पहुंचे.
ये है मामलाः मंगलवार को स्थानीय शासकीय उत्कृष्ट स्कूल की 11वीं कक्षा के दो दर्जन से अधिक छात्रों का एक समूह रायसेन कलेक्टर से मिलने पहुंचे. ये सभी छात्र पढ़ाई छोड़ 3 किलोमीटर का रास्ता पैदल तय करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे. छात्रों को कलेक्टर से मिलने के लिए दो घंटे का लम्बा इंतजार भी करना पड़ा. छात्रों ने कलेक्टर से मिलकर अपनी मांग को रखी और ज्ञापन सौंपा. छात्रों से आने की वजह पूछी गई तो छात्रों ने बताया कि वह 11वीं कक्षा के छात्र हैं जो स्थानीय शासकीय उत्कृष्ट स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं. छात्र सुहानी विश्वकर्मा बताती हैं कि "जो छात्रों बायो विषय लेते हैं उनका सपना होता है कि वह आगामी एग्जाम देते हुए नीट क्वालीफाई करें." साथ में आई एक और छात्रा ने कहा कि "हमने आईटी विषय लिया है, क्योंकि ये हमें पसंद है, लेकिन बाद में हमें मालूम हुआ कि इसमें अंग्रेजी नहीं है और NEET और आईटी जैसे एग्जाम में अंग्रेजी अनिवार्य विषय है, अब हमें अपने भविष्य की चिंता हो रही है, क्योंकि अगर हमने NEET और आईटी क्वालीफाई भी कर लिया तब भी हमें एडमिशन नहीं मिलेगा".
छात्रों ने कलेक्टर से की मांगः छात्रों का कहना है की पहले भी कोई छात्रों के साथ ऐसा हुआ है जिसके कारण हमें डर लग रहा है. छात्रों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर मांग की है कि हमारे एग्जाम नजदीक हैं और एग्जाम से पहले आईटी विषय में अंग्रेजी जोड़ी जाए जिससे हजारों छात्रों का भविष्य बन सके.