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करोड़ों के डीजल लोकोमोटिव बेच रहा रेलवे, 80 इंजन की लगाई सेल, सस्ते दामों में ले सकते हैं ग्राहक - Diesel Locomotives for Sale

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

ट्रेन को चलाने वाले 4500 हॉर्स पावर के डीजल इंजन जबलपुर में बिकाऊ हैं. पश्चिम मध्य रेलवे (WCR) ने 80 रेलवे के इंजनों को बेचने की तैयारी की है. कुछ रेलवे इंजनों को तो रेलवे कबाड़ में तक बेचने को तैयार है. दरअसल, पश्चिम मध्य रेलवे पूरी तरह इलेक्ट्रीफाइड हो गया है और डीजल लोकोमोटिव की बहुत कम जरूरत पड़ती है.

WCR DIESEL LOCOMOTIVES FOR SALE
करोड़ों के डीजल लोकोमोटिव बेच रहा रेलवे (Etv Bharat)

जबलपुर : पश्चिम मध्य रेलवे के पूरी तरह से इलेक्ट्रीफाइड होने से अब डीजल इंजन नहीं चलाए जाते. ऐसे में पश्चिम मध्य रेलवे के पास खड़े 80 से ज्यादा पुराने डीजल इंजन बेचे जा रहे हैं. रेलवे के मुताबिक अब इन 80 डीजल इंजनों का कोई उपयोग नहीं है. इसलिए रेलवे ने इन्हें अपने एक यार्ड में खड़ा कर दिया है और इनकी सेल लगा दी है.

80 डीजल इंजन की सेल (Etv Bharat)

कुछ की हालत अच्छी कुछ कबाड़, फिर भी करोड़ों कीमत

पश्चिम मध्य रेलवे के मुताबिक इनमें से कुछ डीजल इंजनों की हालत बहुत अच्छी है और ये चालू हालत में हैं. लेकिन जब से रेलवे ने अपना सभी ट्रैकों का इलेक्ट्रिफिकेशन कर लिया है तो इन डीजल इंजन की जरूरत लगभग खत्म हो गई और इन्हें चलाना भी रेलवे को महंगा पड़ने लगा है. बेचे जा रहे इन इंजनों में से कई चालू हालत में हैं, तो कई कबाड़ हो चुके हैं फिर भी इनकी कीमत करोड़ों में है.

WCR Engines for sale
80 इंजन बेचे जाने के लिए तैयार (Etv Bharat)

रेलवे के एक डीजल इंजन की कीमत इतनी

रेलवे का एक डीजल इंजन लगभग 4500 हॉर्स पावर का होता है और एक नए डीजल इंजन की कीमत लगभग 10 करोड़ रुपए होती है. कुछ साल पहले रेलवे ने चालू हालत के दो इंजन बेचे थे, जिससे पश्चिम मध्य रेलवे को लगभग 5 करोड़ रु प्राप्त हुए थे. इसके अलावा कबाड़ हो चुके ओवर ऐज 28 लोकोमोटिव 27 करोड़ रुपए में बेचे गए थे. आज की स्थिति में पश्चिम मध्य रेलवे के पास 80 लोकोमोटिव इंजन हैं, जिन्हें रेलवे बेचने की कोशिश कर रहा है लेकिन अबतक कोई खरीददार सामने नहीं आ रहा है.

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वंदे भारत एक्सप्रेस बेहाल, टूटे कांच टूटी नाक संग पटरी पर भर रही कुलांचे, कैसे हुआ ये हाल

पश्चिम मध्य रेलवे का क्या है कहना?

पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हर्षित श्रीवास्तव ने कहा, '' पुराने लोकोमोटिव को बेचने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. दरअसल, भारत में ज्यादातर रेलवे ट्रैक इलेक्ट्रीफाइड हो चुके हैं लेकिन अभी भी बांग्लादेश में डीजल इंजन चलते हैं. इसके अलावा कई निजी लोग भी डीजल इंजन का इस्तेमाल करते हैं. पश्चिम मध्य रेलवे सभी संभावनाएं तलाश कर रही है. इसके अलावा कुछ ओवर ऐज इंजनों को कबाड़ में भी बेचने की तैयारी है.''

जबलपुर : पश्चिम मध्य रेलवे के पूरी तरह से इलेक्ट्रीफाइड होने से अब डीजल इंजन नहीं चलाए जाते. ऐसे में पश्चिम मध्य रेलवे के पास खड़े 80 से ज्यादा पुराने डीजल इंजन बेचे जा रहे हैं. रेलवे के मुताबिक अब इन 80 डीजल इंजनों का कोई उपयोग नहीं है. इसलिए रेलवे ने इन्हें अपने एक यार्ड में खड़ा कर दिया है और इनकी सेल लगा दी है.

80 डीजल इंजन की सेल (Etv Bharat)

कुछ की हालत अच्छी कुछ कबाड़, फिर भी करोड़ों कीमत

पश्चिम मध्य रेलवे के मुताबिक इनमें से कुछ डीजल इंजनों की हालत बहुत अच्छी है और ये चालू हालत में हैं. लेकिन जब से रेलवे ने अपना सभी ट्रैकों का इलेक्ट्रिफिकेशन कर लिया है तो इन डीजल इंजन की जरूरत लगभग खत्म हो गई और इन्हें चलाना भी रेलवे को महंगा पड़ने लगा है. बेचे जा रहे इन इंजनों में से कई चालू हालत में हैं, तो कई कबाड़ हो चुके हैं फिर भी इनकी कीमत करोड़ों में है.

WCR Engines for sale
80 इंजन बेचे जाने के लिए तैयार (Etv Bharat)

रेलवे के एक डीजल इंजन की कीमत इतनी

रेलवे का एक डीजल इंजन लगभग 4500 हॉर्स पावर का होता है और एक नए डीजल इंजन की कीमत लगभग 10 करोड़ रुपए होती है. कुछ साल पहले रेलवे ने चालू हालत के दो इंजन बेचे थे, जिससे पश्चिम मध्य रेलवे को लगभग 5 करोड़ रु प्राप्त हुए थे. इसके अलावा कबाड़ हो चुके ओवर ऐज 28 लोकोमोटिव 27 करोड़ रुपए में बेचे गए थे. आज की स्थिति में पश्चिम मध्य रेलवे के पास 80 लोकोमोटिव इंजन हैं, जिन्हें रेलवे बेचने की कोशिश कर रहा है लेकिन अबतक कोई खरीददार सामने नहीं आ रहा है.

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पश्चिम मध्य रेलवे का क्या है कहना?

पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हर्षित श्रीवास्तव ने कहा, '' पुराने लोकोमोटिव को बेचने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. दरअसल, भारत में ज्यादातर रेलवे ट्रैक इलेक्ट्रीफाइड हो चुके हैं लेकिन अभी भी बांग्लादेश में डीजल इंजन चलते हैं. इसके अलावा कई निजी लोग भी डीजल इंजन का इस्तेमाल करते हैं. पश्चिम मध्य रेलवे सभी संभावनाएं तलाश कर रही है. इसके अलावा कुछ ओवर ऐज इंजनों को कबाड़ में भी बेचने की तैयारी है.''

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