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नेत्रहीन होने के बावजूद बच्चों के जीवन में शिक्षा की रोशनी फैला रहे हैं शिक्षक वीरेंद्र कुमार

नेत्रहीन होने के बावजूद शिक्षक वीरेंद्र कुमार बच्चों के जीवन में शिक्षा का उजियारा फैला रहे हैं, वीरेंद्र मिडिल स्कूल में शिक्षक हैं.

बच्चों को पढाते शिक्षक वीरेंद्र कुमार
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Published : Sep 5, 2019, 12:05 AM IST

रायसेन। नेत्रहीन शिक्षक वीरेंद्र कुमार सरकारी स्कूल के छात्र-छात्राओं में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं. अपने काम के प्रति ईमानदार यह शिक्षक पिछले 13 सालों से अपनी सेवाएं रायसेन जिले के सांचेत के मिडिल स्कूल में दे रहें हैं. इनकी काबिलियत का सम्मान करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन्हें भोपाल बुलाकर 1 लाख रुपए और ट्राफी देकर सम्मानित भी किया था.

बच्चों को पढाते शिक्षक वीरेंद्र कुमार

वीरेंद्र कुमार बच्चों के साथ- साथ शिक्षा के क्षेत्र में लापरवाही से काम करने वाले दूसरे शिक्षकों के लिए भी मिसाल पेश कर रहे हैं. वीरेंद्र कुमार राठौर रायसेन जिले के सांचेत गांव में पदस्थ हैं. वीरेंद्र ब्रेल लिपि और ऑडियो सुन कर कोर्स को तैयार करते हैं. अब सोशल मीडिया के दौर में गूगल वॉइस से भी उन्हें काफी सहूलियत मिलती है. उनकी पढ़ाई की इस तकनीक को बच्चे भी बखूबी समझते हैं.

स्कूल आने से पहले सांचेत मिडिल स्कूल के कुछ बच्चे अपने प्रिय टीचर वीरेंद्र कुमार को घर से साथ लाना नहीं भूलते हैं, तो वीरेंद्र कुमार भी इन बच्चों के साथ बातें करते हुए स्कूल पहुंचते हैं. स्कूली बच्चों का कहना है कि वीरेंद्र सर उनके सबसे प्रिय टीचर हैं. उनकी बताई हुई हर बात बच्चों को बहुत जल्द और आसानी से समझ में आ जाती है.

रायसेन। नेत्रहीन शिक्षक वीरेंद्र कुमार सरकारी स्कूल के छात्र-छात्राओं में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं. अपने काम के प्रति ईमानदार यह शिक्षक पिछले 13 सालों से अपनी सेवाएं रायसेन जिले के सांचेत के मिडिल स्कूल में दे रहें हैं. इनकी काबिलियत का सम्मान करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन्हें भोपाल बुलाकर 1 लाख रुपए और ट्राफी देकर सम्मानित भी किया था.

बच्चों को पढाते शिक्षक वीरेंद्र कुमार

वीरेंद्र कुमार बच्चों के साथ- साथ शिक्षा के क्षेत्र में लापरवाही से काम करने वाले दूसरे शिक्षकों के लिए भी मिसाल पेश कर रहे हैं. वीरेंद्र कुमार राठौर रायसेन जिले के सांचेत गांव में पदस्थ हैं. वीरेंद्र ब्रेल लिपि और ऑडियो सुन कर कोर्स को तैयार करते हैं. अब सोशल मीडिया के दौर में गूगल वॉइस से भी उन्हें काफी सहूलियत मिलती है. उनकी पढ़ाई की इस तकनीक को बच्चे भी बखूबी समझते हैं.

स्कूल आने से पहले सांचेत मिडिल स्कूल के कुछ बच्चे अपने प्रिय टीचर वीरेंद्र कुमार को घर से साथ लाना नहीं भूलते हैं, तो वीरेंद्र कुमार भी इन बच्चों के साथ बातें करते हुए स्कूल पहुंचते हैं. स्कूली बच्चों का कहना है कि वीरेंद्र सर उनके सबसे प्रिय टीचर हैं. उनकी बताई हुई हर बात बच्चों को बहुत जल्द और आसानी से समझ में आ जाती है.

Intro:एंकर- देशभर में आपने स्कूलों की बदहाली और टीचरों की लापरवाही के तमाम किस्से सुने और देखे होंगे लेकिन मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में शिक्षा मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी के गृह क्षेत्र में एक नेत्रहीन शिक्षक सरकारी स्कूल के छात्र छात्राओं में शिक्षा की अलख जला रहा है. अपने काम के प्रति ईमानदार और निष्ठावान यह शिक्षक पिछले 13 सालों से अपनी सेवाएं रायसेन जिले के साँचेत स्कूल में दे रहा है । इसकी काबिलियत का सम्मान करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल बुलाकर इस नेत्रहीन शिक्षक को 1 लाख रुपए और ट्राफी देकर सम्मानित भी किया था। आज के दौर में जहां कई शासकीय शिक्षको के अपने काम के प्रति लापरवाही करने के मामले देखने को मिलते हैं, ऐसे में नेत्रहीन शिक्षक वीरेंद्र कुमार बच्चों के साथ साथ शिक्षा के क्षेत्र में लापरवाही से काम करने वाले दूसरे शिक्षकों को भी एक प्रकार से शिक्षा दे रहे हैBody:वीओ एक - रायसेन जिले के साँचेत गांव में पदस्थ मिडिल स्कूल टीचर वीरेंद्र कुमार राठौर 13 सालों से नेत्रहीन होने के बावजूद बच्चों के दिल में जगह बना कर उनके भविष्य को बेहतर ढंग से संवार रहे हैं। शिक्षक वीरेंद्र कुमार ब्रेन लिपि और ऑडियो सुन कर कोर्स को तैयार करते हैं। अब सोशल मीडिया के दौर में गूगल वाइस से भी उन्हें काफी सहूलियत हुई हैं। जिससे वह पहले कोर्स को खुद समझते हैं फिर उन्हें अपने तरीके से बच्चों को समझाते हैं उनकी पढ़ाई की इस तकनीक को बच्चे बखूबी समझते हैं और उनके द्वारा बताई गई हर बात बच्चे याद भी रखते हैं। वीरेंद्र कुमार का कहना है कि समय समय पर ट्रेनिंग और अभ्यास के साथ वह बच्चों का कोर्स तैयार कराते हैं।
वीरेंद्र कुमार का कहना है कि उन्होंने अपनी नौकरी के 13 साल में पूरी ईमानदारी और लगन से बच्चों को पढ़ाया है जिसका नतीजा यही रहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें सम्मानित किया है, वही शिक्षक वीरेंद्र कुमार चाहते हैं कि अन्य सरकारी टीचर भी उनकी तरह हर पूरी ईमानदारी और लगन से काम करें तो उन्हें भी प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से सम्मानित होने का मौका मिल सकता है ।
बाइट एक- वीरेंद्र कुमार राठौर,नेत्रहीन शिक्षक साँचेत, रायसेनConclusion:स्कूल आने से पहले साचेत मिडिल स्कूल के कुछ बच्चे अपने प्रिय टीचर वीरेंद्र कुमार को घर से साथ लाना नहीं भूलते बीरेंद्र कुमार भी इन बच्चों के साथ बातें करते हुए और उनकी दिनचर्या को लेकर नैतिक शिक्षा का ज्ञान देते हुए स्कूल पहुंचते हैं, जिसके बाद बड़े ही फ्रेंडली अंदाज में शिक्षक वीरेंद्र कुमार बच्चों को पढ़ाते हैं उनके द्वारा इंग्लिश पोयम और कविता पाठ करने पर बच्चों को जल्दी उनका कोर्स याद हो जाता है। स्कूली बच्चों का कहना है कि वीरेंद्र सर उनके सबसे प्रिय टीचर हैं उनकी बताई हुई हर बात बच्चों को बहुत जल्द और आसानी से समझ में आ जाती है ।

बाइट दो - मोहनी, छात्रा , मिडिल स्कूल साँचेत रायसेन ।

आज के दौर में सरकारी स्कूलों की पढ़ने वाले बच्चों को कामयाब होने के लिए काफी मेहनत करना होती है , लेकिन ग्रामीण क्षेत्रो में वीरेंद्र कुमार की तरह काबिल टीचर मिल जाये तो आने वाले समय में गांव के बच्चे भी कामयाब होकर हर मुकाम हासिल कर सकते है।
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