रायसेन। नेत्रहीन शिक्षक वीरेंद्र कुमार सरकारी स्कूल के छात्र-छात्राओं में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं. अपने काम के प्रति ईमानदार यह शिक्षक पिछले 13 सालों से अपनी सेवाएं रायसेन जिले के सांचेत के मिडिल स्कूल में दे रहें हैं. इनकी काबिलियत का सम्मान करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन्हें भोपाल बुलाकर 1 लाख रुपए और ट्राफी देकर सम्मानित भी किया था.
वीरेंद्र कुमार बच्चों के साथ- साथ शिक्षा के क्षेत्र में लापरवाही से काम करने वाले दूसरे शिक्षकों के लिए भी मिसाल पेश कर रहे हैं. वीरेंद्र कुमार राठौर रायसेन जिले के सांचेत गांव में पदस्थ हैं. वीरेंद्र ब्रेल लिपि और ऑडियो सुन कर कोर्स को तैयार करते हैं. अब सोशल मीडिया के दौर में गूगल वॉइस से भी उन्हें काफी सहूलियत मिलती है. उनकी पढ़ाई की इस तकनीक को बच्चे भी बखूबी समझते हैं.
स्कूल आने से पहले सांचेत मिडिल स्कूल के कुछ बच्चे अपने प्रिय टीचर वीरेंद्र कुमार को घर से साथ लाना नहीं भूलते हैं, तो वीरेंद्र कुमार भी इन बच्चों के साथ बातें करते हुए स्कूल पहुंचते हैं. स्कूली बच्चों का कहना है कि वीरेंद्र सर उनके सबसे प्रिय टीचर हैं. उनकी बताई हुई हर बात बच्चों को बहुत जल्द और आसानी से समझ में आ जाती है.