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विद्युत वितरण कंपनी पर ठेकेदारों ने लगाया आरोप, चहेतों को दिये जा रहे टेंडर

रायसेन में ठेकेदारों ने विद्युत वितरण कंपनी पर टेंडर वितरण में धांधली का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि कंपनी नियमों को ताक पर रखकर अपने चहेतों को सब स्टेशन पर होने वाले कार्यों का ठेका दे रही है. ठेकेदारों ने इसका विरोध दिया है.

विरोध जताते ठेकेदार
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Published : Feb 8, 2019, 3:53 AM IST

रायसेन। जिला मुख्यालय के कार्यालय उप महाप्रबंधक संभाग, मध्यप्रदेश मध्यक्षेत्र बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड रायसेन में बिजली ठेकेदारों ने बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ विरोध जताया है.

ठेकेदारों ने बिजली टेंडर प्रक्रिया में बिना अनुमति के संसोधन को लेकर और कई आरोप लगाए हैं. आरोप है कि बिजली विभाग के अधिकारियों पर टेंडर के माध्यम से चहेतों को लाभ पहुंचा रहे हैं. ठेकेदारों ने आरोप लगाते हुये कहा कि उच्चतम कमेटी के बिना ही मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी रायसेन संभाग की टेंडर शाखा में टेंडरों को निरस्त कर दिया गया.

उन्होंने कहा कि टेंडर बुलाने के बाद बिना निविदा के ही, नियमों को ताक पर रखकर लगभग 6 करोड़ से अधिक की राशि के सब स्टेशनों में विद्युत कार्य का ठेका अपने चहेते ठेकेदारों को देने का खेल चल रहा है. यह आरोप अ श्रेणी के पंजीकृत उन ठेकेदारों ने मीडिया के सामने लगाए हैं, जिन्होंने पूरी प्रक्रिया से टेंडर तो किये थे, लेकिन उन्हें काम नहीं मिला.

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जनसुनवाई में पहुंचे ठेकदार
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गौरतलब है कि गुरुवार को 3 बार अनावश्यक तरीके से सब स्टेशनों में विद्युत कार्यों की टेंडर प्रक्रिया निरस्त की करने की सूचना पटल पर सूचना चस्पा की गई और विद्युत कार्यों में बिना टेंडर प्रक्रिया के ही कार्य कराने की सूचना लगाई गई, जिससे भड़के हुए ठेकेदारों ने आरोप लगाया है कि टेंडर शाखा रायसेन द्वारा बिना टेंडर के ही खुले तौर पर चहेतों से कार्य कराने मंशा से ऐसा किया गया है.

रायसेन। जिला मुख्यालय के कार्यालय उप महाप्रबंधक संभाग, मध्यप्रदेश मध्यक्षेत्र बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड रायसेन में बिजली ठेकेदारों ने बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ विरोध जताया है.

ठेकेदारों ने बिजली टेंडर प्रक्रिया में बिना अनुमति के संसोधन को लेकर और कई आरोप लगाए हैं. आरोप है कि बिजली विभाग के अधिकारियों पर टेंडर के माध्यम से चहेतों को लाभ पहुंचा रहे हैं. ठेकेदारों ने आरोप लगाते हुये कहा कि उच्चतम कमेटी के बिना ही मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी रायसेन संभाग की टेंडर शाखा में टेंडरों को निरस्त कर दिया गया.

उन्होंने कहा कि टेंडर बुलाने के बाद बिना निविदा के ही, नियमों को ताक पर रखकर लगभग 6 करोड़ से अधिक की राशि के सब स्टेशनों में विद्युत कार्य का ठेका अपने चहेते ठेकेदारों को देने का खेल चल रहा है. यह आरोप अ श्रेणी के पंजीकृत उन ठेकेदारों ने मीडिया के सामने लगाए हैं, जिन्होंने पूरी प्रक्रिया से टेंडर तो किये थे, लेकिन उन्हें काम नहीं मिला.

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जनसुनवाई में पहुंचे ठेकदार
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गौरतलब है कि गुरुवार को 3 बार अनावश्यक तरीके से सब स्टेशनों में विद्युत कार्यों की टेंडर प्रक्रिया निरस्त की करने की सूचना पटल पर सूचना चस्पा की गई और विद्युत कार्यों में बिना टेंडर प्रक्रिया के ही कार्य कराने की सूचना लगाई गई, जिससे भड़के हुए ठेकेदारों ने आरोप लगाया है कि टेंडर शाखा रायसेन द्वारा बिना टेंडर के ही खुले तौर पर चहेतों से कार्य कराने मंशा से ऐसा किया गया है.

Intro:जिला मुख्यालय के कार्यालय उपमहाप्रबंधक (एस.टी.सी.) संभाग,मध्यप्रदेश मध्यक्षेत्र बिजली वितरण कम्पनी लिमिटेड रायसेन में बिजली ठेकेदारों ने बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ विरोध जताया,टेंडर प्रक्रिया में बिना अनुमति के संसोधन को लेकर और कई आरोप लगाए बिजली विभाग के अधिकारियों पर टेंडर के माध्यम से चहेतों को लाभ पुहचाने के।


Body:रायसेन, उच्चतम कमेटी के बिना ही मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी रायसेन संभाग की टेंडर शाखा में टेंडरों को निरस्त करना और फिर टेंडर बुलाने के बाद बिना निविदा के ही लगभग 6 करोड़ से अधिक की राशि के सबस्टेशनों में विद्युत कार्य नियमों को ताक पर रख कर अपने चहेते ठेकेदारों को ठेके देने का खेल चल रहा है। यह आरोप हम नहीं लगा रहे है वल्कि अ श्रेणी के पंजीकृत उन ठेकेदारों ने मीडिया के सामने आरोप लगाए है जिन्होंने पूरी प्रक्रिया से टेंडर तो किए थे, लेकिन उन्हे काम नहीं मिला। बता दें कि गुरूवार को तीन बार अनावश्यक तरीके से सब स्टेशनों में इलेक्ट्रिकसिटी कार्यों की टेंडर प्रक्रिया निरस्त की करने की सूचना पटल पर सूचना चस्पा की गई, और विद्युत कार्यों में बिना टेंडर प्रक्रिया के ही कार्य कराने की सूचना लगाई गई। जिससे भडक़े हुए ठेकेदारों ने आरोप लगाया है कि टेंडर शाखा रायसेन द्वारा बिना टेंडर के ही खुले तौर पर चहेतों से कार्य कराने मंशा से ऐसा किया गया है।

Byte-यशपाल सिंह।

Byte-जे पी सिह ।


Conclusion:वक्त बदला, और सरकार बदली लेकिन प्रदेश के हालात कब बदलेगें, यह कहना थोड़ी जल्दबाजी होगी, ऐसा इसलिए कह सकते है, क्योंकि सरकारी महकमों में अभी भी भृष्टाचार चरम पर है। लिहाजा सरकारी योजनाएं को जमीनी स्तर पर सरकार की मंशा अनुरूप अमली जामा नहीं पहनाया जा सका है।
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