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11वीं शताब्दी का शिव मंदिर, जहां एक साथ 1,108 शिवलिंग पर होता है जलाभिषेक - भोजपुर मंदिर

रायसेन में एक ऐसा शिव मंदिर है, जहां एक शिवलिंग को जल चढ़ाने से 1,108 छोटे शिवलिंगों को भी जल चढ़ जाता है, प्राचीन शिवलिंग को भिलोटा महादेव के नाम से भी जाना जाता है, यह शिवलिंग 11 वीं शताब्दी का बताया जाता है.

11th century Shiva temple
11वीं शताब्दी का शिव मंदिर
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Published : Aug 15, 2021, 6:33 PM IST

रायसेन। विश्व प्रसिद्ध भोजपुर मंदिर के पास बसा आशापुरी गांव ऐतिहासिक धरोहरों और अनूठे शिवलिंग के कारण अपनी एक अलग पहचान रखता है, गांव में प्राचीन शिवलिंग पर अभिषेक करने से लोगों की मुरादे पूरी होती है, आशापुरी गांव के चौराहे के पास स्थित 1,108 छोटे शिवलिंगों को अपने में समाहित करने वाले प्राचीन शिवलिंग को भिलोटा देव के नाम से जाना जाता है, यहां स्थाति प्राचीन शिवलिंग की पूजा करने से श्रद्धालुओं को एक ही बार में 1,108 शिवलिंग की पूजा करने का सौभाग्य मिलता है.

11वीं शताब्दी का शिव मंदिर

एक महात्मा ने इस स्थान का नाम रखा था 'भिलोटा देव'

यहां के पुजारी बताते हैं, कि एक बार पूजा करने से 1,108 शिवलिंग की पूजा होती है, काफी पहले यहां एक महात्मा रहते थे, उन्होंने ही इस स्थान का नाम भिलोटा रखा था, तब से इस स्थान को भिलोटा देव कहा जाने लगा.

बड़ी संख्या में पहुंचते हैं भक्त

शिवलिंग दर्शन और पूजा करने राजधानी भोपाल सहित दूर दराज के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में शिव भक्त यहां आते है, मंडीदीप से आये शिव भक्त आशीष दुबे ने बताया कि यहां महादेव के दर्शन कर काफी अच्छा लगा, भगवान शिव के दर्शन करने से मन को शांति मिलती है.

एक साथ 1,108 शिवलिंग का मिलता है आशीर्वाद

स्थानीय निवासी भगवान सिंह परमार ने बताया कि इस शिवलिंग में 1,108 छोटे-छोटे शिवलिग के होने से यहां एक साथ 1,108 शिवलिंग की पूजा करने का फल प्राप्त होता है, जिसका अपना ही अलग महत्व है.

नगर की सुख-समृद्धि के लिए महादेव घाट पर भगवान शिव का महारूद्राभिषेक

भोले नाथ पर भक्तों का अटूट विश्वास

यहां आने वाले भक्त पूजा पाठ दर्शन कर भोले नाथ भिलोटा का आशीर्वाद लेते है, और भोले बाबा भक्तों की हर मनोकामना को पूरा करते हैं. ये अटूट आस्था लम्बे समय से चली आ रही है.

रायसेन। विश्व प्रसिद्ध भोजपुर मंदिर के पास बसा आशापुरी गांव ऐतिहासिक धरोहरों और अनूठे शिवलिंग के कारण अपनी एक अलग पहचान रखता है, गांव में प्राचीन शिवलिंग पर अभिषेक करने से लोगों की मुरादे पूरी होती है, आशापुरी गांव के चौराहे के पास स्थित 1,108 छोटे शिवलिंगों को अपने में समाहित करने वाले प्राचीन शिवलिंग को भिलोटा देव के नाम से जाना जाता है, यहां स्थाति प्राचीन शिवलिंग की पूजा करने से श्रद्धालुओं को एक ही बार में 1,108 शिवलिंग की पूजा करने का सौभाग्य मिलता है.

11वीं शताब्दी का शिव मंदिर

एक महात्मा ने इस स्थान का नाम रखा था 'भिलोटा देव'

यहां के पुजारी बताते हैं, कि एक बार पूजा करने से 1,108 शिवलिंग की पूजा होती है, काफी पहले यहां एक महात्मा रहते थे, उन्होंने ही इस स्थान का नाम भिलोटा रखा था, तब से इस स्थान को भिलोटा देव कहा जाने लगा.

बड़ी संख्या में पहुंचते हैं भक्त

शिवलिंग दर्शन और पूजा करने राजधानी भोपाल सहित दूर दराज के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में शिव भक्त यहां आते है, मंडीदीप से आये शिव भक्त आशीष दुबे ने बताया कि यहां महादेव के दर्शन कर काफी अच्छा लगा, भगवान शिव के दर्शन करने से मन को शांति मिलती है.

एक साथ 1,108 शिवलिंग का मिलता है आशीर्वाद

स्थानीय निवासी भगवान सिंह परमार ने बताया कि इस शिवलिंग में 1,108 छोटे-छोटे शिवलिग के होने से यहां एक साथ 1,108 शिवलिंग की पूजा करने का फल प्राप्त होता है, जिसका अपना ही अलग महत्व है.

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भोले नाथ पर भक्तों का अटूट विश्वास

यहां आने वाले भक्त पूजा पाठ दर्शन कर भोले नाथ भिलोटा का आशीर्वाद लेते है, और भोले बाबा भक्तों की हर मनोकामना को पूरा करते हैं. ये अटूट आस्था लम्बे समय से चली आ रही है.

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