भोपाल। पन्ना की महारानी जितेश्वरी देवी और जुगल किशोर मंदिर के विवाद में हर दिन नया ट्विस्ट आ रहा है. पहले राजनीतिक साजिश की तरफ बढ़े इस मामले में अब राजपरिवार की परतें उधड़ती दिखाई दे रही हैं. अब इस पूरे मामले ने पन्ना राजपरिवार की सबसे बुजुर्ग महिला सदस्य और परदादी दिलहर कुमारी का बयान आया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि "मैं इतने समय तक चुप रही, लेकिन राजघराने की इज्जत बचाने मुझे बोलना पड़ा. उन्होंने कहा कि बहू जितेश्वरी ने मेरे लड़के मेरे पति को परेशान किया. गाड़ी जलाने की कोशिश की, मेरे कपड़ों की चोरी की और जो जुगल किशोर मंदिर में किया, वो तो हद हो गई. उन्होंने जितेश्वरी की गिरफ्तारी को सही कदम बताया और कहा कि जो खुद भगवान की इज्जत नहीं करती, वो मंदिर क्या संभालेगी. दिलहर कुमारी ने पन्ना की जनता के नाम पत्र भी लिखा है. जिसमें उन्होंने महारानी जितेश्वरी के मंदिर में किए गए बर्ताव को लेकर राजपरिवार की ओर से क्षमा मांगी है.
दिलहर बोलीं..राजघराने की इज्जत बचाने मैंने मुंह खोला: दिलहर कुमारी ने वीडियो जारी कर कहा है कि "मेरे हिसाब से पुजारियों का कोई दोष मुझे लगता नहीं है. मैं तो वहां थी नहीं, मैं तो उसके साथ कहीं जाती भी नहीं हूं. क्योंकि मुझे उसके साथ जाने में शर्म आती है. मंदिर में जाकर ये करा ये तो हद हो गई. पुजारी अगर धक्का देकर उसे निकालेंगे नहीं तो करेंगे क्या. एसपी साहब ने जो तुरंत एक्शन लिया है, वो एकदम सही कदम है. जनता रो रही थी, सबकी आंख में आंसू थे. तो जो कार्रवाई की है, वो करना ही चाहिए. चाहे मंत्री हो या राजा के घर हो. गलत तो गलत ही होता है. इतने साल तक मैं बोली नहीं थी. अब मुझे मौका मिला है कि मैं बोलू. क्षत्रिय समाज तो जानते हैं कि मैं इतने साल कैसे रही हूं. आज फिर भी वो पुजारी के पीछे लग गई मंदिर राजधराने का. जो भगवान की इज्जत नहीं करती वो मदिर क्या संभालेगी. राजदादी दिलहर कुमारी ने कहा कि महाराज भी क्या करेंगे वो छोटे हैं, वो भी क्या करेंगे उसकी मां जो बोलेगी वही बोलेगें वो. राजघराने की इज्जत बचाने मुझे बोलना पड़ा है. इतने साल बाद, मेरी रिक्वेस्ट है, कम से कम समझा करो सही बात क्या है, ये जानो. बहुत ही हर्ट होता है. कहना चाहूं तो कथा हो जाएगी. इतने दिन तक मैं चुप रही. मेरे लड़के को परेशान किया, मेरे हसबैंड को परेशान किया. किसको नहीं किया घर में अलग अलग झगड़ा. रात में आकर गाड़ी जलाने के लिए डीजल में आग लगा दी. सिक्योरिटी वाला था तो बच गए. मेरे कपडे़ की चोरी की. शर्म आती है ये कहने में भी."
सास की चिट्ठी...बहू ने शराब के नशे में मेरे साथ भी की वारदात: पन्ना राजपरिवार की सदस्य राजदादी दिलहर कुमारी ने पन्ना की जनता के नाम इस पूरे घटनाक्रम पर चिट्ठी लिखी है. उन्होंने लिखा है कि "जब से राजपरिवार में जितेश्वरी देवी बहुरानी बनकर राजपरिवार की सदस्य बनी है. उसके पश्चात निरंतर इनके कृत्यों से राजपरिवार की प्रतिष्ठा व छवि धूमिल हुई है. राजपरिवार में आये दिन विवाद की स्थिति निर्मित होती रही है. पूर्व में मेरी बहूरानी जितेश्वरी देवी द्वारा दिल्ली में मेरे पति स्व महाराज मानवेन्द्र सिंह की सम्पत्ति को हड़पने के लिये जालसाजी की गई थी एवं बैंक खातों के साथ कूटरचना कर धोखाधड़ी की गई. जिसकी रिपोट स्वर्गीय महाराज मानवेन्द्र सिंह द्वारा रिपोर्ट दर्ज करायी गई थी. जिसमें मेरे पुत्र स्व महाराजा राघवेन्द्र सिंह को तिहाड़ जेल जाना पड़ा था. इसके अतिरिक्त मेरी बहूरानी जितश्वरी देवी पर कई आपराधिक मामले थाना पन्ना में दर्ज है. उनमें से कुछ अपराधिक घटनायें शराब के नशे में जितेश्वरी देवी द्वारा मेरे साथ की गई है, मेरी रिपोर्ट पर से इन्हें पूर्व में भी जेल जाना पड़ा था."
माफी मांगने के बजाए झूठी बातें फैला रही जितेश्वरी: दिलहर कुमारी लिखती हैं कि "महाराज छत्रसाल नियत समय पर मंदिर नहीं पहुंच पाये. जिसके पश्चात संभवतः नशे की हालत में बहूरानी जितेश्वरी देवी मंदिर पहुंची और उनके द्वारा मंदिर के गर्भगृह में अनाधिकृत प्रवेश कर अमर्यादित कृत्य कर मंदिर की मर्यादा को भंग किया. जिससे वहां उपस्थित एवं सभी पन्ना के नागरिकों की धार्मिक भावनायें आहत हुई निश्चित रूप से किसी राजपरिवार के सदस्य द्वारा मंदिर में किया गया उक्त कार्य निंदनीय है. परंतु मैंने सोशल मीडिया में कुछ वीडियो देखे, जिसमें राजमाता जितेश्वरी देवी द्वारा अपने कृत्य हेतु क्षमा मांगने के स्थान पर सभी क्षत्रियों संगठनों, पन्ना की जनता को भ्रमित कर उक्त कृत्य को राजनीतिक रूप देकर मिथ्या संदेश प्रसारित किये जा रहे हैं. जहां तक मंदिर में चंवर की सेवा की बात है. पूर्व में भी महाराज पन्ना के साथ अन्य उपस्थित श्रद्धालु द्वारा चंवर की सेवा की गई है, जो कि पूर्व के मंदिर के वीडियो में देखे जा सकते है. इस संबंध में जितेश्वरी देवी द्वारा जनता में गलत अफवाह फैलायी जा रही है. सहानुभूति प्राप्त करने हेतु मंदिर के पुजारियों व उपस्थित व्यक्तियों पर गाली गलौच किये जाने व विधवा कहकर अपमान किये जाने की बात भी झूठी प्रचारित की जा रही है. पन्ना की जनता द्वारा हमेशा राजपरिवार का आदर व सम्मान किया है, लेकिन जन्माष्टमी के त्यौहार में राजपरिवार की सदस्य मेरी बहूरानी जितेश्वरी देवी द्वारा किये गये अशोभनीय, अमर्यादित आचरण एवं कृत्य से मैं बहुत आहत हूं व शर्मिंदा हैं. जीतेश्वरी देवी के कृत्य से जो पन्ना के श्रद्धालुगण य आगजन की धार्मिक भावनायें आहत हुई है. उसके लिये मैं राजपरिवार की सबसे वरिष्ठ सदस्य होने के नाते सभी से क्षमा याचना करती हूं."