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CAA के समर्थन में बीजेपी ने खोला मोर्चा, कांग्रेस पर लगाया भ्रम फैलाने का आरोप

पन्ना में बीजेपी ने प्रेस कांफ्रेंस कर CAA के बारे में लोगों को जानकारी दी. चुरहट विधायक शरदेंदु तिवारी ने कांग्रेस पर CAA पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया.

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Published : Jan 3, 2020, 10:15 PM IST

BJP press conference on CAA in panna
बीजेपी विधायक शरदेंदु तिवारी

पन्ना। बीजेपी देश भर में CAA के समर्थन में अभियान चला रही है. पन्ना में चुरहट से बीजेपी विधायक शरदेंदु तिवारी कांग्रेस पर हमला बोलते हुए सीएए को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है.

बीजेपी ने CAA पर की प्रेस कांफ्रेंस

बीजेपी विधायक ने कहा कि ये कानून नागरिकता छीनने वाला कानून नहीं, बल्कि नागरिकता देने वाला कानून है. कांग्रेस पार्टी ने देश भर में इस कानून के खिलाफ भ्रम फैलाया, जिसकी वजह से दिल्ली में हिंसक प्रदर्शन हुए. छात्रों को गुमराह कर इस प्रदर्शन में शामिल किया है. जबकि उन्हें सीएए के बारे में जानकारी ही नहीं थी.

धार्मिक आधार पर शोषित अल्पसंख्यकों को नागरिकता

बीजेपी नेता का कहना है कि, इस कानून में तीन मुस्लिम देशों पाकिस्तान, अफगानस्तान और बांग्लादेश के उन अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान है. जिनका धार्मिक आधार पर शोषण किया गया है. उन्होंने बताया कि आजादी के बाद पाकिस्तान में 23 फीसदी हिंदू थे. लेकिन आज की स्थिति में महज 2 फीसदी के आस-पास हैं.

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी हिंदुओं को नागरिकता

विधायक शरदेंदु तिवारी ने कहा कि जब यूगांडा सरकार ने हिंदुओं को देश छोड़ने का आदेश दिया था. तब भी भारत की सरकार आगे आई और उन्हें अपनाया. उस वक्त प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं.

मुस्लिम विरोधी नहीं है CAA

बीजेपी नेता ने कहा कि, केंद्र सरकार ने 566 मुस्लिम समुदाय के लोगों को नागरिकता दी है. ये कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है. इसमें उन लोगों के लिए नागरिकता की शर्तों में ढील दी गई है, जिनका धार्मिक आधार पर शोषण हुआ है. अगर किसी भी देश के मुस्लिम भारत की नागरिकता लेना चाहता है, तो वह पूर्व में निर्धारित शर्तों के मुताबिक ले सकता है. उन पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है.

पन्ना। बीजेपी देश भर में CAA के समर्थन में अभियान चला रही है. पन्ना में चुरहट से बीजेपी विधायक शरदेंदु तिवारी कांग्रेस पर हमला बोलते हुए सीएए को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है.

बीजेपी ने CAA पर की प्रेस कांफ्रेंस

बीजेपी विधायक ने कहा कि ये कानून नागरिकता छीनने वाला कानून नहीं, बल्कि नागरिकता देने वाला कानून है. कांग्रेस पार्टी ने देश भर में इस कानून के खिलाफ भ्रम फैलाया, जिसकी वजह से दिल्ली में हिंसक प्रदर्शन हुए. छात्रों को गुमराह कर इस प्रदर्शन में शामिल किया है. जबकि उन्हें सीएए के बारे में जानकारी ही नहीं थी.

धार्मिक आधार पर शोषित अल्पसंख्यकों को नागरिकता

बीजेपी नेता का कहना है कि, इस कानून में तीन मुस्लिम देशों पाकिस्तान, अफगानस्तान और बांग्लादेश के उन अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान है. जिनका धार्मिक आधार पर शोषण किया गया है. उन्होंने बताया कि आजादी के बाद पाकिस्तान में 23 फीसदी हिंदू थे. लेकिन आज की स्थिति में महज 2 फीसदी के आस-पास हैं.

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी हिंदुओं को नागरिकता

विधायक शरदेंदु तिवारी ने कहा कि जब यूगांडा सरकार ने हिंदुओं को देश छोड़ने का आदेश दिया था. तब भी भारत की सरकार आगे आई और उन्हें अपनाया. उस वक्त प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं.

मुस्लिम विरोधी नहीं है CAA

बीजेपी नेता ने कहा कि, केंद्र सरकार ने 566 मुस्लिम समुदाय के लोगों को नागरिकता दी है. ये कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है. इसमें उन लोगों के लिए नागरिकता की शर्तों में ढील दी गई है, जिनका धार्मिक आधार पर शोषण हुआ है. अगर किसी भी देश के मुस्लिम भारत की नागरिकता लेना चाहता है, तो वह पूर्व में निर्धारित शर्तों के मुताबिक ले सकता है. उन पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है.

Intro:पन्ना
एंकर:- भारतीय जनता पाटी जिला कार्यालय में आज प्रेस वार्ता आयोजित की गई जिसमें पार्टी के प्रदेश मंत्री व चुरहट से विधायक सुरेन्द्र तिवारी व भाजपा जिलाध्यक्ष रामबिहारी चैरसिया ने नागरिकता संसोधन विधयक 12 दिसम्बर 2019 को राष्ट्रपति महोदय के हस्ताक्षर के बाद कानून बनाया है । जो कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताडना के कारण आए लोग भारत के नागरिक बन सकेगें। ऐसे सभी लोग जो 31 दिसम्बर 2014 सें पूर्व भारत में प्रवेश कर चुके हैं । उन्होने कहा कि पहले यह प्रावधान 11 वर्षो का था और अब 5 वर्षो की निवास अवधि प्रमाणित करनी होगी । Body:उन्होने कहा कि मोदी की सरकार ने तो वही काम किया है जिसकी इच्छा महात्मा गांधी की थी ।         उन्होने कांग्रेस पर प्रहार करते हुये कहा कि आज नागरिकता संशोधन के नाम पर जो लोग बवाल कर रहें है वे कभी भी मुसलमानों के हितचिंतक नहीं हैं । सच तो यह है कि यह वह लोग हैं जिन्होनें मुसलमानों को पीढी दर पीढी डरा कर कभी देष की मुख्य धारा में आने नहीं दिया । नागरिकता संशोधन कानून में बहूुत स्पष्ट रूप सें नागरिकता देने का प्रावधान है लेने का नहीं है।

Conclusion:उन्होनें कहा कि मोदी के शासन काल में ही पिछलें पाॅच वर्षो में 566 मुसलमानों को नागरिकता दी गई है । कुछ लोग कह रहें है कि यह बिल मुसलमानों के खिलाफ हैं । हम ऐसे लोगों को चुनौती देते हैं कि वे पूरे कानून में एक लाइन मुसलमानों के खिलाफ ढूंढकर बताएं । उन्होनें मध्यप्रदेष की सरकार को घेरते हुऐ कहा कि नागरिकता देना और नहीं देना यह राज्यों का विषय ही नही होता है नागरिकता देश की होती है प्रदेश की नहीं । यह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री भी भलिभांति जानते हैं । लेकिन दुर्भाग्य से इस मानवीय विषय पर भी वे वोटों की फसल उंगाने का प्रयास कर रहें है ।
बाईट:- 1 सुरेन्द्र तिवारी (प्रदेश मंत्री व चुरहट विधायक )
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