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मध्य प्रदेश में 16 जनवरी से सड़कें होंगी पैक, 1 महीने कर्मचारी दिखाएंगे मोहन सरकार को दम - EMPLOYEES DA PENSION

16 जनवरी से 16 फरवरी तक मध्य प्रदेश के सरकारी अधिकारी-कर्मचारी मोहन यादव सरकार को दिखाएंगे DA दम. सड़क पर उतर महंगाई भत्ता, पेंशन और 46 मांगों के लिए चलेगा कैंपेन.

MP Employees DA Pension
DA नहीं बढ़ाया तो उग्र आंदोलन करेंगे कर्मचारी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 15, 2025, 1:55 PM IST

Updated : Jan 15, 2025, 2:14 PM IST

भोपाल : मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. दरअसल, 16 जनवरी से प्रदेश के हजारों कर्मचारी 46 सूत्रीय मांगों को लेकर सड़क पर उतरने वाले हैं. कर्माचरी संघों ने सरकार से अपनी 46 सूत्रीय मांगों पर विचार करने की बात कही थी, और मांगें पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी. वहीं अब प्रदेश के सरकारी अधिकारी व कर्मचारी पूरे एक महीने तक एक बड़े आंदोलन की शुरुआत करने जा रहे हैं.

क्यों सड़क पर उतर रहे मध्य प्रदेश के कर्मचारी?

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की बैठक में 16 जनवरी से 16 फरवरी तक प्रदेशभर में ये आंदोलन चलाए जाने का निर्णय लिया गया है. रविवार को जिला स्तर की बैठकों में फैसला लिया गया कि सरकार द्वारा लंबित मांगों पर ध्यान नहीं दिए जाने और उन्हें पूरा नहीं करने की वजह से कर्मचारी संघ इस आंदोलन के लिए बाध्य हैं.

1 महीने तक चलेगा कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन

अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष एमपी द्विवेदी ने बताया, '' गुरुवार 16 जनवरी को सभी जिला कलेक्टरों को कर्मचारी संघों द्वारा मुख्यमंत्री मोहन यादव और मुख्य सचिव अनुराग जैन के नाम ज्ञापन सौंपा जाना है. इस ज्ञापन में फिर 46 सूत्रीय मांगें बताई जाएंगी, जिनपर अगर विचार नहीं हुआ तो दूसरे चरण में प्रदर्शन करते हुए 24 जनवरी को सभी विधायकों और सांसदों को यह ज्ञापन सौंपे जाएंगे.''

इसके बाद भी बात नहीं बनी तो तीसरे चरण में 7 फरवरी को सभी जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन होगा. भोपाल में इस दौरान सतपुड़ा भवन के सामने सांकेतिक प्रदर्शन किया जाएगा. अंत में भी मांगें नहीं मानी गईं तो 16 फरवरी को सभी ब्लॉक, जिला और संभाग स्तर पर उग्र आंदोलन होंगे.''

क्या हैं कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की मांगें?

मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी सयुंक्त मोर्चा के अध्यक्ष ने बताया कि कर्मचारी-अधिकारियों की जो मांगें लंबित हैं उनमें महंगाई भत्ता, पदोन्नति, पुरानी पेंशन बहाली, राज्य मंत्रालय के समान ग्रेड पे, सीधी भर्ती के रिक्त पदों में नियुक्ति, पेंशनर्स को DA समेत कुल 46 मांगें हैं. इन मांगों को लेकर कर्मचारी संघ व कर्मचारी संयुक्त मोर्चा सरकार के सामने कई बार अपनी बातें रख चुके हैं पर इनपर ध्यान नहीं दिया गया है, जिस वजह से सरकारी कर्मचारी आंदोलन के लिए बाध्य हैं. और अब 16 जनवरी से जिला, संभाग स्तर से लेकर राजधानी भोपाल तक प्रदर्शन किया जा रहा है.

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भोपाल : मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. दरअसल, 16 जनवरी से प्रदेश के हजारों कर्मचारी 46 सूत्रीय मांगों को लेकर सड़क पर उतरने वाले हैं. कर्माचरी संघों ने सरकार से अपनी 46 सूत्रीय मांगों पर विचार करने की बात कही थी, और मांगें पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी. वहीं अब प्रदेश के सरकारी अधिकारी व कर्मचारी पूरे एक महीने तक एक बड़े आंदोलन की शुरुआत करने जा रहे हैं.

क्यों सड़क पर उतर रहे मध्य प्रदेश के कर्मचारी?

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की बैठक में 16 जनवरी से 16 फरवरी तक प्रदेशभर में ये आंदोलन चलाए जाने का निर्णय लिया गया है. रविवार को जिला स्तर की बैठकों में फैसला लिया गया कि सरकार द्वारा लंबित मांगों पर ध्यान नहीं दिए जाने और उन्हें पूरा नहीं करने की वजह से कर्मचारी संघ इस आंदोलन के लिए बाध्य हैं.

1 महीने तक चलेगा कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन

अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष एमपी द्विवेदी ने बताया, '' गुरुवार 16 जनवरी को सभी जिला कलेक्टरों को कर्मचारी संघों द्वारा मुख्यमंत्री मोहन यादव और मुख्य सचिव अनुराग जैन के नाम ज्ञापन सौंपा जाना है. इस ज्ञापन में फिर 46 सूत्रीय मांगें बताई जाएंगी, जिनपर अगर विचार नहीं हुआ तो दूसरे चरण में प्रदर्शन करते हुए 24 जनवरी को सभी विधायकों और सांसदों को यह ज्ञापन सौंपे जाएंगे.''

इसके बाद भी बात नहीं बनी तो तीसरे चरण में 7 फरवरी को सभी जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन होगा. भोपाल में इस दौरान सतपुड़ा भवन के सामने सांकेतिक प्रदर्शन किया जाएगा. अंत में भी मांगें नहीं मानी गईं तो 16 फरवरी को सभी ब्लॉक, जिला और संभाग स्तर पर उग्र आंदोलन होंगे.''

क्या हैं कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की मांगें?

मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी सयुंक्त मोर्चा के अध्यक्ष ने बताया कि कर्मचारी-अधिकारियों की जो मांगें लंबित हैं उनमें महंगाई भत्ता, पदोन्नति, पुरानी पेंशन बहाली, राज्य मंत्रालय के समान ग्रेड पे, सीधी भर्ती के रिक्त पदों में नियुक्ति, पेंशनर्स को DA समेत कुल 46 मांगें हैं. इन मांगों को लेकर कर्मचारी संघ व कर्मचारी संयुक्त मोर्चा सरकार के सामने कई बार अपनी बातें रख चुके हैं पर इनपर ध्यान नहीं दिया गया है, जिस वजह से सरकारी कर्मचारी आंदोलन के लिए बाध्य हैं. और अब 16 जनवरी से जिला, संभाग स्तर से लेकर राजधानी भोपाल तक प्रदर्शन किया जा रहा है.

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Last Updated : Jan 15, 2025, 2:14 PM IST
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