पन्ना। देश में हलछठ त्योहार का बड़ा महत्व माना जाता है, भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम जी के जन्मदिन पर इस त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन पन्ना में बलदाऊ जी के जन्मोत्सव का अलग ही महत्व माना जाता है, क्योंकि श्री कृष्ण की 16 कलाओं से निर्मित मंदिर में श्री बलदाऊ जी की विशाल प्रतिमा विराजमान है, जो अपने आप में अद्वितीय है, इस दिन पुत्रवती महिलाएं अपने पुत्रों की उम्र की कामना के साथ पुत्र प्राप्ति के लिए व्रत रखती भी हैं.
पन्ना में बलराम जयंती का विशेष महत्व
हर वर्ष बलदाऊ जी जन्मोत्सव में भारी संख्या में श्रद्धालु आते थे, लेकिन इस प्रशासन की मौजूदगी में बलदाऊ जी जन्मोत्सव मनाया गया, सोशल डिस्टेंसिंग का भी विशेष ख्याल रखा गया, देश मे सभी त्योहारों को बड़े धूमधाम से मनाने की प्रथा है, लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते सभी त्योहार प्रशासन की मौजूदगी में शांतिपूर्ण तरीके से मनाए जा रहे हैं, इसी प्रकार आज पन्ना के बलदाऊ जी मंदिर में किसानों के देवता बलदाऊ जी जन्मोत्सव मनाया गया.
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी ठीक दोपहर 12 बजे भगवान श्री कृष्ण बड़े भाई दाऊ जी ने जन्म लिया, इस दौरान जिला प्रशासन की मौजूदगी में जन्मोत्सव मनाया गया, कोरोना के कारण सीमित संख्या में पुजारियों व परंपरा के अनुसार पन्ना राजघराने के सदस्य मौजूद रहे.
बलराम जी का अनोखा मंदिर
कहते हैं कि भगवान कृष्ण के मंदिर तो हर जगह मिल जाते हैं, लेकिन उनके बड़े भाई बलराम, बलदाऊ जी के मंदिर बहुत कम मिलेंगे, पन्ना में बलदाऊ जी विश्व विख्यात मंदिर है, जो लंदन की सेंट पॉल चर्च की स्टाइल में बना है, मंदिर के अंदर गर्भगृह में किसानों के भगवान बलदाऊ जी की शालीग्रामी प्रतिमा विराजमान हैं, इस मंदिर की विशेषता है कि भगवान श्री कृष्ण की 16 कलाओं में बना अनोखी वास्तुकला से बना के पन्ना का भगवान बलदेव जी का मंदिर पूरी दुनिया में विख्यात है, क्योंकि मंदिर में 16 सीढ़िया ,16 गुम्मट, 16 खंभे 16 ,16 खिड़कियां,16 झरोखें,जिससे सभी 16 कलाओं को प्रदर्शित होती है.
1933 में हुआ मंदिर का निर्माण
मंदिर का निर्माण 1933 में तत्कालीन पन्ना नरेश रूद्र प्रताप सिंह ने कराया था, क्योंकि पन्ना के राजा को खेती से बहुत लगाव था और अच्छी खेती की कामना के साथ उन्होंने मंदिर का निर्माण करवाया और कृषि के देवता भगवान बलराम की प्रतिमा की स्थापना करवाई थी.
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महिलाएं अपने बच्चों की दीर्घायु की मांगती है दुआ
बलदाऊ जी के जन्मदिन पर हलछठ का त्योहार की मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड में अलग ही विशेषताएं हैं, पुत्रवती महिलाएं हरछठ के दिन अपने पुत्रों की दीर्घायु और पुत्र प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं, इस दिन महिलाएं बगैर जुताई किये हुए उगे अनाज की पूजा करती हैं, जरिया, छुलिया, कांस की डाल से पूजा की जाती है, साथ ही व्रत वाली महिलाएं इस महुआ और पसई के चावल की खीर खाकर व्रत तोड़ती हैं, पसई के चावल की विशेषता है कि पसई बिना बोए उगती है। इसलिए सबसे शुद्ध अन्न माना जाता है.