नीमच। नगर पालिका में जनप्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्म होने के बाद जनवरी माह में प्रशासक की नियुक्ति हुई है, लेकिन प्रशासक नियुक्ति के बाद से नामांतरण के एक भी मामले स्वीकृत नहीं हो पा रहे हैं. करीब 250 नामांतरण अभी भी पेडिंग है. ऐसी स्थिति में जिले की जनता दर-दर भटकनें को मजबूर है. इसके अलावा बंगला-बगीचा व्यस्थापन का कार्य भी ठप पड़ा हुआ है, जिसको लेकर कांग्रेस पार्षद महेन्द्र मोनु लोक्स ने गंभीर आरोप लगाए हैं.
कांग्रेस पार्षद ने आरोप लगाते हुए कहा है कि इन दिनों जनता छोटे-छोटे कार्य के लिए परेशान हो रही है. उन्होंने नगर पालिका में भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप भी लगाया है. हालांकि उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि प्रशासक ने फोन पर बातचीत के दौरान सारे आरोपों से इंकार कर दिया है. लोक्स ने कलेक्टर जितेन्द्र सिंह राजे से मांग की है कि नामांतरण और बंगला-बगीचा व्यवस्थापन कार्य को तुरंत शुरू किया जाए, ताकि जनता को परेशानी नहीं हो सके.
फिलहाल, नगर पालिका में कलेक्टर खुद प्रशासक है. बावजूद इसके नगर पालिका में उनका कोई नियंत्रण दिखाई नहीं दे रहा है. नगर पालिका अध्यक्ष और पार्षदों का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी जनता की सुनवाई नहीं हो पा रही है. अफसर और बाबू निरंकुश हो गए हैं.
प्रशासक नामांतरण के मामले स्वीकृत कर सकता है, इसके अलावा प्रशासन को तीन अधिकारियों की टीम बनाकर नामांतरण प्रकरणों के मामलों को निपटाने का अधिकार है, लेकिन नामांतरण स्वीकृत नहीं होने के चलते बैंकों से ऋण स्वीकृत नहीं हो पा रहा है. बंगला-बगीचा व्यवस्थापन का कार्य बीते पांच महीने से बंद पड़ा हुआ है. लोग एसडीएम और कलेक्ट्रेट कार्यालय के चक्कर काट-काटकर परेशान हो रहे हैं.
वहीं इस पूरे मामले में जबल प्रशासनिक अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने पार्षद के आरोपों से इनकार कर दिया.