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अफीम की फसल में आए डोडा, किसान रात-दिन कर रहे रखवाली

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Published : Feb 20, 2021, 4:34 PM IST

नीमच जिले में इस समय कई किसान अफीम की खेती कर रहे हैं और फसल में फूल और डोडा भी आ गए है. ऐसे में इन्हें चोरी से बचाने के लिए किसान खेतों में ही रहकर अपनी फसल की सुरक्षा कर रहे हैं.

Neemuch
किसान कर रहे फसल की रखवाली

नीमच। मध्य प्रदेश के मालवा सहित नीमच जिले अधिकांश किसानों के खेतों में इन दिनों 'काला सोना' अफीम की फसल तैयार हो रही है. उन्नतशील खेती के लिए अपनी अलग पहचान बनाने की ओर किसान जुटे हैं. वहीं फसल पर फूल और डोडा आते ही अफीम डोडा की चोरी होने की वारदात भी बढ़ जाती है, जिससे बचाने के लिए भी किसानों ने खेत पर जाली लगाने के साथ ही, सुरक्षा करने के लिए खेतों पर झोपडियां बना ली हैं. वे दिन-रात परिवार के साथ वहीं रहकर रखवाली कर रहे हैं. फसल खाद और पानी से किसान फसल को ऊर्जा दे रहे हैं. पोस्ते की फसल अच्छी है, मौसम ने साथ दिया तो पिछले वर्ष से अधिक पैदावार होगी.

काले सोने के नाम से पहचाना जाता है अफीम

मध्य प्रदेश के नीमच जिले में मनासा, जावद, जीरन, सिंगोली सहित कई अन्य गांव में केंद्रीय नारकोटिक्स विभाग ने किसानों को अफीम की खेती करने का लाइसेंस दे रखा है. अफीम की फसल को काला सोना की फसल भी कहा जाता है. गांव के अफीम की फसल का उत्पादन करने वाले किसान सुभाष का कहना है कि वर्तमान में फसल 60% तैयार हो चुकी अफीम फसल का काफी ध्यान रखना पड़ता है. बड़ी सावधानी से इसका दूध निकाला जाता है, जो बाद में काला सोना अफीम कहा जाता है. निराई के बाद पानी और हल्की खाद का प्रयोग होगा. उन्होंने बताया कि नीमच में सबसे अधिक अफीम की खेती होती है. मौसम ने साथ दिया तो फसल इस बार अच्छी होगी. जिले की प्रमुख फसल अफीम में अब फूल आना शुरू हो गए हैं और डोडा भी बनने लगे हैं.

गर्मी बढ़ने के साथ ही फसल पीली पड़ रही

अफीम की फसल चरम पर है और सप्ताहभर बाद इनमें चीरा लगाकर अफीम निकालने का काम शुरू हो जाएगा, लेकिन इन दिनों बढ़ रही गर्मी व बादल ने किसानों के सिर पर चिंता की लकीरें खींच दी है. गर्मी बढ़ने के साथ ही फसल पीली पड़ रही है, अगर थोड़ी अधिक गर्मी पड़ती है तो इनमें सफेद व काली मस्सी की बीमारी शुरू हो जाएगी. इससे किसानों को नुकसान होगा. प्रदेश में 34 हजार 526 किसानों ने अफीम की फसल बोई है.

ऐसे होती है 'ब्लैक गोल्ड' की खेती, दिन-रात सुरक्षा में लगे रहते हैं किसान

फसल 60 प्रतिशत तैयार

रेवली देवली के काश्तकार ओमप्रकाश नागदा ने बताया कि फसल पर डोडा आ गए हैं और फसल 60 प्रतिशत तैयार है. सप्ताहभर बाद ही चीरे लगाने का काम शुरू हो जाएगा और अफीम निकाली जाएगी. अब किसानों को फसल की सुरक्षा में दिन-रात खेतों में ही गुजारने पड़ रहे हैं. किसान फसल को प्राकृतिक प्रकोप, मवेशियों, पक्षियों तथा चोरों से सुरक्षा करने में भी जुट गए हैं. गर्मी बढ़ने के कारण फसल में पीलापन होने लगा है, लेकिन अभी गर्मी ठीक है. अगर इससे अधिक गर्मी बढ़ती है तो किसानों की फसल को नुकसान होगा.

नीमच। मध्य प्रदेश के मालवा सहित नीमच जिले अधिकांश किसानों के खेतों में इन दिनों 'काला सोना' अफीम की फसल तैयार हो रही है. उन्नतशील खेती के लिए अपनी अलग पहचान बनाने की ओर किसान जुटे हैं. वहीं फसल पर फूल और डोडा आते ही अफीम डोडा की चोरी होने की वारदात भी बढ़ जाती है, जिससे बचाने के लिए भी किसानों ने खेत पर जाली लगाने के साथ ही, सुरक्षा करने के लिए खेतों पर झोपडियां बना ली हैं. वे दिन-रात परिवार के साथ वहीं रहकर रखवाली कर रहे हैं. फसल खाद और पानी से किसान फसल को ऊर्जा दे रहे हैं. पोस्ते की फसल अच्छी है, मौसम ने साथ दिया तो पिछले वर्ष से अधिक पैदावार होगी.

काले सोने के नाम से पहचाना जाता है अफीम

मध्य प्रदेश के नीमच जिले में मनासा, जावद, जीरन, सिंगोली सहित कई अन्य गांव में केंद्रीय नारकोटिक्स विभाग ने किसानों को अफीम की खेती करने का लाइसेंस दे रखा है. अफीम की फसल को काला सोना की फसल भी कहा जाता है. गांव के अफीम की फसल का उत्पादन करने वाले किसान सुभाष का कहना है कि वर्तमान में फसल 60% तैयार हो चुकी अफीम फसल का काफी ध्यान रखना पड़ता है. बड़ी सावधानी से इसका दूध निकाला जाता है, जो बाद में काला सोना अफीम कहा जाता है. निराई के बाद पानी और हल्की खाद का प्रयोग होगा. उन्होंने बताया कि नीमच में सबसे अधिक अफीम की खेती होती है. मौसम ने साथ दिया तो फसल इस बार अच्छी होगी. जिले की प्रमुख फसल अफीम में अब फूल आना शुरू हो गए हैं और डोडा भी बनने लगे हैं.

गर्मी बढ़ने के साथ ही फसल पीली पड़ रही

अफीम की फसल चरम पर है और सप्ताहभर बाद इनमें चीरा लगाकर अफीम निकालने का काम शुरू हो जाएगा, लेकिन इन दिनों बढ़ रही गर्मी व बादल ने किसानों के सिर पर चिंता की लकीरें खींच दी है. गर्मी बढ़ने के साथ ही फसल पीली पड़ रही है, अगर थोड़ी अधिक गर्मी पड़ती है तो इनमें सफेद व काली मस्सी की बीमारी शुरू हो जाएगी. इससे किसानों को नुकसान होगा. प्रदेश में 34 हजार 526 किसानों ने अफीम की फसल बोई है.

ऐसे होती है 'ब्लैक गोल्ड' की खेती, दिन-रात सुरक्षा में लगे रहते हैं किसान

फसल 60 प्रतिशत तैयार

रेवली देवली के काश्तकार ओमप्रकाश नागदा ने बताया कि फसल पर डोडा आ गए हैं और फसल 60 प्रतिशत तैयार है. सप्ताहभर बाद ही चीरे लगाने का काम शुरू हो जाएगा और अफीम निकाली जाएगी. अब किसानों को फसल की सुरक्षा में दिन-रात खेतों में ही गुजारने पड़ रहे हैं. किसान फसल को प्राकृतिक प्रकोप, मवेशियों, पक्षियों तथा चोरों से सुरक्षा करने में भी जुट गए हैं. गर्मी बढ़ने के कारण फसल में पीलापन होने लगा है, लेकिन अभी गर्मी ठीक है. अगर इससे अधिक गर्मी बढ़ती है तो किसानों की फसल को नुकसान होगा.

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