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कलेक्टर ने दिए मजदूरों के लिए कैंप बनाने के आदेश, पैदल सफर करने वालों को मिलेंगी सुविधाएं - हाईवे पर कैंप

नरसिंहपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने अन्य प्रदेशों से पैदल चलकर आ रहे मजदूरों के लिए हर 20 से 25 किलोमीटर के अंतराल पर हाइवे पर ही कैंप बनाने के निर्देश दिए. जहां पर यह मजदूर रुक कर आराम कर सकेंगे.

Narsinghpur Collector gave orders to build a camp for laborers in narsinghpur
नरसिंहपुर कलेक्टर ने दिए मजदूरों के लिए कैंप बनाने के आदेश
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Published : May 11, 2020, 7:03 PM IST

नरसिंहपुर। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने अन्य प्रदेशों से पैदल चल रहे मजदूरों के लिए 20 से 25 किलोमीटर के अंतराल में हाइवे पर कैंप बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया. जहां पर ये मजदूर रुक कर आराम करेंगे और फिर उसके बाद उन्हें अन्य जिलों की सीमा और प्रदेशों की बॉर्डर तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी.

  • महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्रप्रदेश, तेलंगाना आदि राज्यों से उत्तरप्रदेश और कुछ अन्य राज्यों के मज़दूर वापस लौट रहे हैं और जिले की सीमाओं में यदाकदा पैदल चलते दिख जा रहे हैं.
  • अन्य प्रदेशों के लिये पैदल निकल रहे मजदूरों के लिए 20-25 किलोमीटर के अंतराल पर अल्पविश्राम के लिये हाइवे पर कैंप प्वॉइंट्स निर्धारित किये जाए. इन प्वाइंट्स पर छाया, भोजन, पानी आदि की समुचित व्यवस्था ग्राम पंचायतों द्वारा की जाए.
  • इस काम के लिए NGO और समाजसेवी व्यक्तियों का भी सहयोग लिया जा सकता है. यदि NGO और समाजसेवी अपने स्तर से भी ऐसे कैंप प्वॉइंट्स बनाने के लिये तैयार हो, तो उन्हें अनुमति प्रदान की जाए.
  • इन प्वॉइंट्स पर पैदल चल रहे मज़दूरों को ठहराया जाए. उन्हें भोजन-पानी कराया जाये और फिर बसों में बैठाकर जिले की बॉर्डर तक छोड़ दिया जाए.
  • प्वॉइंट्स पर तैनात कर्मचारियों और स्वयंसेवियों के लिये फेस मास्क, हैंड सेनिटाइजर की समुचित व्यवस्था रखी जाए.

नरसिंहपुर। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने अन्य प्रदेशों से पैदल चल रहे मजदूरों के लिए 20 से 25 किलोमीटर के अंतराल में हाइवे पर कैंप बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया. जहां पर ये मजदूर रुक कर आराम करेंगे और फिर उसके बाद उन्हें अन्य जिलों की सीमा और प्रदेशों की बॉर्डर तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी.

  • महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्रप्रदेश, तेलंगाना आदि राज्यों से उत्तरप्रदेश और कुछ अन्य राज्यों के मज़दूर वापस लौट रहे हैं और जिले की सीमाओं में यदाकदा पैदल चलते दिख जा रहे हैं.
  • अन्य प्रदेशों के लिये पैदल निकल रहे मजदूरों के लिए 20-25 किलोमीटर के अंतराल पर अल्पविश्राम के लिये हाइवे पर कैंप प्वॉइंट्स निर्धारित किये जाए. इन प्वाइंट्स पर छाया, भोजन, पानी आदि की समुचित व्यवस्था ग्राम पंचायतों द्वारा की जाए.
  • इस काम के लिए NGO और समाजसेवी व्यक्तियों का भी सहयोग लिया जा सकता है. यदि NGO और समाजसेवी अपने स्तर से भी ऐसे कैंप प्वॉइंट्स बनाने के लिये तैयार हो, तो उन्हें अनुमति प्रदान की जाए.
  • इन प्वॉइंट्स पर पैदल चल रहे मज़दूरों को ठहराया जाए. उन्हें भोजन-पानी कराया जाये और फिर बसों में बैठाकर जिले की बॉर्डर तक छोड़ दिया जाए.
  • प्वॉइंट्स पर तैनात कर्मचारियों और स्वयंसेवियों के लिये फेस मास्क, हैंड सेनिटाइजर की समुचित व्यवस्था रखी जाए.
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