मुरैना। कुछ शिक्षक ऐसे होते हैं जिनका सिर्फ एक लक्ष्य होता है शिक्षा की अलख जगाना. कुछ ऐसा ही काम कर रहे हैं मुरैना जिले के बधापुरा कस्बे में पदस्थ शिक्षक धनंजय मिश्रा. जो पिछले 25 सालों से गरीब बच्चों को उनके घर-घर जाकर पढ़ाने का काम कर रहे हैं.
शिक्षक धनंजय मिश्रा का एक ही लक्ष्य है बच्चों को शिक्षा देना, जिसके लिए वह अपने पैसे भी खर्च करने में पीछे नहीं हटते, वे हर साल गरीब बच्चों को खुद के पैसों से किताबें-कॉपी और अन्य सामग्री दिलाते हैं, ताकि वे पढ़ाई कर सकें. धनंजय मिश्रा अपने कर्तव्य के प्रति समर्पित भाव से काम करते हैं.
धनंजय मिश्रा शासन के मापदंडों पर निर्धारित समय पूरा करने के लिए नौकरी नहीं करते बल्कि उनका उद्देश्य बच्चों को शिक्षित करना है. चाहे उसके लिए उन्हें अतिरिक्त समय क्यों न देना पड़े. धनंजय मिश्रा जिस भी स्कूल में जाते है वहां की तस्वीर ही बदल देते हैं. यही वजह है कि जिस भी स्कूल से उनकी विदाई हुई वहां के बच्चे आज भी उन्हें नहीं भूले हैं.
25 सालों से बच्चों को घर-घर जाकर पढ़ाते हैं
जो छात्र स्कूल तक खराब रास्तों के कारण नहीं पहुंच पाते, उनके मोहल्ले और घरों तक जाकर अतिरिक्त समय में उन्हें पढ़ाना और उनके भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए उन्हें एक कुम्हार की तरह गढ़ने का काम धनंजय मिश्रा पिछले 25 सालों से करते आ रहे हैं.
कोरोना संक्रमणकाल में लोग घरों से निकलने में अपने को असुरक्षित महसूस करते हैं. वहां धनंजय मिश्रा अपने विद्यालय के छात्रों के पढ़ाने के लिए नियमित रूप से उनके घर, गांव जाते हैं. इस दौरान उन्हें बारिश की बजह से खराब रास्तों में परेशानी का सामना भी करना पड़ता है. लेकिन वह अपने कर्तव्य को पूरा करने से पीछे नहीं हटते.