मुरैना। बीजेपी विधायक व विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद नरेंद्र सिंह तोमर शनिवार को पहली बार मुरैना पहुंचे. जहां बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया. जिले में जगह-जगह पर नरेंद्र सिंह तोमर पर पुष्पवर्षा की गई. इसके बाद कार्यकर्ताओं ने वासुदेव गार्ड में उनका स्वागत सम्मान समारोह किया. जहां जनता का अभिवादन स्वीकारते हुए विधानसभा स्पीकर तोमर ने कहा यह पद मेरे कृतत्व के अनुरूप नहीं है. बता दें इस दौरान कैबिनेट मंत्री एंदल सिंह कंषाना और विधायक सरला रावत मौजूद रहीं.
यह पद मेरे कृतत्व के अनुरूप नहीं: विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कार्यकर्ता ही ऐसी ताकत है, जो किसी को भी नेता बना सकती है, लेकिन कोई नेता कार्यकर्ता नहीं बना सकता है. मैं भी पार्टी का निष्ठावान कार्यकर्ता हूं. कार्यकताओं के सहयोग से ही काम कर रहा हूं. उनके ही स्नेह से आज में यहां तक पहुंचा हूं. मैं जो भी कुछ भी हूं, वह पार्टी के कारण हूं. मैंने पार्टी में रहते हुए प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जैसी महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई है. अब मुझे पार्टी ने संवैधानिक विधानसभा अध्यक्ष के पद पर आसीन किया है. हालांकि यह पद मेरे कृतत्व के अनुरूप नहीं है, लेकिन फिर भी में इसकी गरिमा को निरंतर बढ़ाने का काम करता रहूंगा.
श्यामाप्रसाद मुखर्जी को किया याद: तोमर ने पार्टी के संस्थापक डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी को याद करते हुए कहा कि, उन्होंने देश में दो झंडे व दो विधान होने के खिलाफ आवाज उठाई थी. पहले कश्मीर जाने के लिए परमिट लेना पड़ता था. वर्ष 1953 में डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने इसके खिलाफ आंदोलन चलाते हुए पैदल यात्रा की थी. 22 जनवरी को कश्मीर जेल में उनकी मौत हो गई. उनकी शहादत के बाद कश्मीर में परमिट व्यवस्था बंद कर दी गई. यदि इस समय डॉ साहब ने शहादत नहीं दी होती, तो आज हमको कश्मीर जाने के लिए पासपोर्ट और बीजा लेना पड़ता था. इसके बाद कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का मुद्दा रह गया था. यह भी हमने वर्ष 2019 में केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद पूरा कर दिया.
तोमर बोले मैं फील्ड का आदमी हूं: मोदी सरकार ने एक ही झटके में अनुच्छेद 370 हटाकर देशवासियों के लिए कश्मीर के दरवाजे खोल दिये. विधानसभा अध्यक्ष ने राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि, राम मंदिर निर्माण के लिए 500 वर्ष से संघर्ष हो रहा था. हम उसके सहभागी रहे हैं. हमने कभी दो तरह की बात नहीं की. इसके लिए हमने 3-4 सरकारों को भी कुर्बान कर दिया. हमने इसकी परवाह नहीं की और संघर्ष करते रहे. यह संघर्ष 22 जानवरी को खत्म होने जा रहा है. कार्यकर्ता तभी निखरता है, जब उसकी निष्ठा कायम रहती है. ये दोनों जिस व्यक्ति में होती है, वही नरेंद्र मोदी बन सकता है. उन्होंने हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों की बात करते हुए कहा कि, आज 3 राज्यों में बहुमत वाली सरकार बनी है.
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इसी का परिणाम है कि, मुझे विधानसभा अध्यक्ष व एदल सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. यह जिम्मेदारी मेरे कृतत्व के अनुरूप नहीं है, क्योंकि के हमेशा से ही में फील्ड का कार्यकर्ता रहा हूं. मुझे क्षेत्र में घूमकर कार्यकर्ताओं के बीच रहने की आदत है. फिर भी इस संवैधानिक पद की मर्यादा को निरंतर बढ़ाऊंगा. भगवान मुझे शक्ति दे.