रतलाम: जिले में पिछले 10 सालों में 2,200 से ज्यादा लोग लापता हो चुके हैं. इनमें से 1,800 से अधिक बालिकाएं और महिलाएं हैं. जिनका कोई पता व सुराग अब तक नहीं लग सका है. इनको ढूंढने के लिए रतलाम पुलिस ने कमर कस ली है. ऐसा पहली बार हो रहा है, जब गुमशुदा व्यक्तियों को तलाशने के लिए पुलिस संयुक्त अभियान शुरू कर रही है.
पुराने दर्ज लापता केस होंगे रिओपन
गुमशुदा लोगों को ढूंढने के लिए पुलिस सीसीटीएनएस और NCPCR पोर्टल के साथ सभी थाना क्षेत्र में दर्ज गुमशुदगी के केस रिओपन करने जा रही है. इस अभियान को लेकर रतलाम एसपी अमित कुमार ने सभी थाना प्रभारी और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने अभियान चलाकर गुमशुदा लोगों की तलाश करने के निर्देश जारी किए हैं. बता दें कि साल 2024 में कुल 146 लोग लापता हुए हैं. वहीं, 2023 में 185 और 2022 में 205 लोगों के लापता होने के मामले दर्ज हुए थे.
एसपी ने पुलिस अधिकारियों को दिए निर्देश
दरअसल, रतलाम पुलिस ने गुमशुदगी के आंकड़ों का एनालिसिस किया तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. जिले में पिछले 10 सालों से अब तक 2,275 लोग लापता हो चुके हैं. इनमें 1,800 से बालिकाएं और महिलाएं हैं, बाकि 475 पुरुष हैं. रतलाम पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने इस मामले को प्राथमिकता में लेते हुए विशेष अभियान चलाकर गुमशुदा लोगों की तलाश करने के निर्देश सभी थाना प्रभारी और अनुभाग के एसडीओपी को दिए हैं.
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पिछले 10 सालों में 2275 लोग लापता
पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि "गुमशुदगी के मामलों में लंबित प्रकरणों को प्राथमिकता से लेते हुए सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. गुमशुदगी के विभिन्न पोर्टल्स के साथ-साथ ही पुलिस मुख्यालय के द्वारा बताई गई SOP के आधार पर गुमशुदा व्यक्तियों की तलाश की जाएगी. खास बात यह है कि गुमशुदा लोगों में कई मामले तो 10 साल पुराने हैं. लापता हुए लोगों में से 80% से अधिक महिलाएं और बच्चें हैं."