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मदर्स डे: ममता से साथ देश सेवा, कोरोना वॉरियर नीतू दे रही हैं अस्पताल में ड्यूटी

देश के संकट काल में कई कोरोना वॉरियर्स हैं स्टॉप नर्स, जो इस दौर में दोहरी जिम्मेदारियां निभा रही हैं, इन्हें में से एक है मुरैना जिला अस्पताल में तैनात नीतू चौहान.

Mothers Day special  duty for country with mother duty
ममता से साथ देश की सेवा
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Published : May 10, 2020, 9:02 PM IST

Updated : May 10, 2020, 9:12 PM IST

मुरैना। कोरोना वॉरियर्स लगातार अपनी ड्यूटी निभा रही हैं, अपनों से दूर रहकर दूसरों के लिए जिंदगी दांव पर लगाकर अपना कर्तव्य निभा रही हैं. इन वॉरियर्स में स्वास्थ्य विभाग की महिला नर्स भी शामिल हैं, जो इन दिनों अपनी ममता को भूलकर समाज और देश की सेवा में लगी हैं. ऐसी ही एक स्टॉप नर्स हैं नीतू चौहान, जो अपने नन्हे बच्चों को घर में छोड़कर लगातार ड्यूटी कर रही हैं. मदर्स डे पर आपको मिलवाते हैं नीतू चौहान से..

ममता से साथ देश की सेवा

कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम करने वाली नीतू चौहान जो अपनी मां की जिम्मेदारी के साथ-साथ अपने फर्ज को भी निभाने का भरसक प्रयास कर रही हैं. इसके लिए उन्हें अपनी ममता का भारी मन से त्याग करना पड़ता है. नीतू ड्यूटी करने के लिए एक बेटे को आगरा में रहने वाले दादा-दादी के साथ छोड़ दिया है और दूसरा 14 महीने का बेटा है, जिसे वो ड्यूटी के समय पड़ोसियों के पास छोड़कर अपने कर्तव्य का पालन कर रही हैं. लेकिन कई बार पड़ोसियों के पास भी समय नहीं होता इसलिए नीतू मजबूरन अपने नौनिहाल को अस्पताल लेकर आती हैं.

नीतू के ड्यूटी से लौटने ही बेटा उनकी गोद में आना चाहता है लेकिन वो पूरी सावधानी बरतती हैं, और किसी के भी करीब आने से पहले खुद को सेनेटाइज करती हैं. कोरोना वायरस में उनकी ड्यूटी रोटेशनल के तहत चलती है. जिसमें कभी दिन में कभी शाम, तो कभी रात में ड्यूटी करनी पड़ती है.इस दौरान बच्चे को घर पर छोड़ना कई बार दर्द भरा भी होता है.

नीतू का मानना है एक सफल मां होने के लिए गृहणी बने रहना जरूरी नहीं है, अगर कोई महिला चाहे तो वो अपनी जॉब के साथ भी बेहतर तालमेल बनाकर बच्चों की परवरिश कर सकती है. इसलिए अपने नौनिहालों के उज्जवल भविष्य के लिए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए खुद भी आत्मनिर्भर बनकर उनके लिए एक प्रेरणा बनना चाहिए. मदर्स डे पर इटीवी भारत नीतू चौहान के इस जज्बे को सलाम करता है.

मुरैना। कोरोना वॉरियर्स लगातार अपनी ड्यूटी निभा रही हैं, अपनों से दूर रहकर दूसरों के लिए जिंदगी दांव पर लगाकर अपना कर्तव्य निभा रही हैं. इन वॉरियर्स में स्वास्थ्य विभाग की महिला नर्स भी शामिल हैं, जो इन दिनों अपनी ममता को भूलकर समाज और देश की सेवा में लगी हैं. ऐसी ही एक स्टॉप नर्स हैं नीतू चौहान, जो अपने नन्हे बच्चों को घर में छोड़कर लगातार ड्यूटी कर रही हैं. मदर्स डे पर आपको मिलवाते हैं नीतू चौहान से..

ममता से साथ देश की सेवा

कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम करने वाली नीतू चौहान जो अपनी मां की जिम्मेदारी के साथ-साथ अपने फर्ज को भी निभाने का भरसक प्रयास कर रही हैं. इसके लिए उन्हें अपनी ममता का भारी मन से त्याग करना पड़ता है. नीतू ड्यूटी करने के लिए एक बेटे को आगरा में रहने वाले दादा-दादी के साथ छोड़ दिया है और दूसरा 14 महीने का बेटा है, जिसे वो ड्यूटी के समय पड़ोसियों के पास छोड़कर अपने कर्तव्य का पालन कर रही हैं. लेकिन कई बार पड़ोसियों के पास भी समय नहीं होता इसलिए नीतू मजबूरन अपने नौनिहाल को अस्पताल लेकर आती हैं.

नीतू के ड्यूटी से लौटने ही बेटा उनकी गोद में आना चाहता है लेकिन वो पूरी सावधानी बरतती हैं, और किसी के भी करीब आने से पहले खुद को सेनेटाइज करती हैं. कोरोना वायरस में उनकी ड्यूटी रोटेशनल के तहत चलती है. जिसमें कभी दिन में कभी शाम, तो कभी रात में ड्यूटी करनी पड़ती है.इस दौरान बच्चे को घर पर छोड़ना कई बार दर्द भरा भी होता है.

नीतू का मानना है एक सफल मां होने के लिए गृहणी बने रहना जरूरी नहीं है, अगर कोई महिला चाहे तो वो अपनी जॉब के साथ भी बेहतर तालमेल बनाकर बच्चों की परवरिश कर सकती है. इसलिए अपने नौनिहालों के उज्जवल भविष्य के लिए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए खुद भी आत्मनिर्भर बनकर उनके लिए एक प्रेरणा बनना चाहिए. मदर्स डे पर इटीवी भारत नीतू चौहान के इस जज्बे को सलाम करता है.

Last Updated : May 10, 2020, 9:12 PM IST
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