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Morena Factory Incident: मुरैना फैक्ट्री मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने लिया स्वत: संज्ञान, MP सरकार को भेजा नोटिस, 4 हफ्तों में मांगा जवाब

मुरैना की एक फैक्ट्री में जहरीली गैस से हुई पांच मजदूरों की मौत पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मध्यप्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. आइए जानते हैं, आयोग ने अपने नोटिस में क्या कहा है.

Morena Factory Incident
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 1, 2023, 11:01 PM IST

नई दिल्ली (PTI)। 30 अगस्त को मध्यप्रदेश के मुरैना में एक फैक्ट्री में जहरीली गैस से हुई 5 मजदूरों की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है. आयोग ने इस मामले में मध्यप्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. ये जानकारी अधिकारियों की तरफ से जारी की गई है.

PTI के हवाले से जारी इस खबर की मानें तो आयोग ने अपने नोटिस में कहा है कि मजदूरों को टैंक में जहरीली गैस होने की जानकारी नहीं थी. वे बिना किसी सुरक्षा के टैंक में उतर गए थे. आयोग ने कहा कि हमने इस मामले में स्वत: सज्ञान लिया है. सरकार से जल्द इस मामले में जवाब देने को कहा है. बता दें, कंपनी कथित तौर पर फैक्ट्री पैन और खाद्य उद्योग के लिए सिंथेटिक चेरी का उत्पादन करती है. अगर मीडिया की खबरें सही है, तो यह घटना पूरी तरह से मानव अधिकार का उल्लंघन है.

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प्रमुख सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी: नोटिस प्रदेश के प्रमुख सचिव और मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक को जारी किया है. अगले 4 हफ्तों में जवाब देने की बात आयोग की तरफ से नोटिस में कही गया है. साथ ही रिपोर्ट आयोग में जमा कराने के निर्देश नोटिस में दिए गए हैं.

इनके अलावा इस रिपोर्ट में यह भी बताना है, कि मामले में हुई एफआईआर पर अबतक क्या हुआ है, इस बारे में भी जवाब देने को आयोग की तरफ से कहा गया है. इसके अलावा इस मामले में पीड़ित परिवार को क्या मुआवजा दिया है. उसकी जानकारी साझा करने की बात नोटिस में कही गई है.

नई दिल्ली (PTI)। 30 अगस्त को मध्यप्रदेश के मुरैना में एक फैक्ट्री में जहरीली गैस से हुई 5 मजदूरों की मौत के मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया है. आयोग ने इस मामले में मध्यप्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है. ये जानकारी अधिकारियों की तरफ से जारी की गई है.

PTI के हवाले से जारी इस खबर की मानें तो आयोग ने अपने नोटिस में कहा है कि मजदूरों को टैंक में जहरीली गैस होने की जानकारी नहीं थी. वे बिना किसी सुरक्षा के टैंक में उतर गए थे. आयोग ने कहा कि हमने इस मामले में स्वत: सज्ञान लिया है. सरकार से जल्द इस मामले में जवाब देने को कहा है. बता दें, कंपनी कथित तौर पर फैक्ट्री पैन और खाद्य उद्योग के लिए सिंथेटिक चेरी का उत्पादन करती है. अगर मीडिया की खबरें सही है, तो यह घटना पूरी तरह से मानव अधिकार का उल्लंघन है.

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प्रमुख सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी: नोटिस प्रदेश के प्रमुख सचिव और मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक को जारी किया है. अगले 4 हफ्तों में जवाब देने की बात आयोग की तरफ से नोटिस में कही गया है. साथ ही रिपोर्ट आयोग में जमा कराने के निर्देश नोटिस में दिए गए हैं.

इनके अलावा इस रिपोर्ट में यह भी बताना है, कि मामले में हुई एफआईआर पर अबतक क्या हुआ है, इस बारे में भी जवाब देने को आयोग की तरफ से कहा गया है. इसके अलावा इस मामले में पीड़ित परिवार को क्या मुआवजा दिया है. उसकी जानकारी साझा करने की बात नोटिस में कही गई है.

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