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Morena Laborers Threat: मजदूरी के बदले मिली हाथ पैर तोड़ने की धमकी, मजदूरों ने कलेक्टर से लगाई गुहार

मुरैना में चंबल रेलवे पुल के मरम्मत में मजदूर लगे हुए थे. बारिश से चंबल का जलस्तर बढ़ने के बाद ठेकेदार ने काम बंद करवा दिया. ठेकेदार ने मजदूरों को मजदूरी नहीं दी और मजदूरी मांगने पर हाथ पैर तोड़ डाले. मजदूरों ने एडीएम से गुहार लगाई है.

Morena Laborers Threatened
मुरैना प्रशासन से न्याय की गुहार
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Published : Jul 6, 2023, 8:17 PM IST

मजदूरी के बदले मिली हाथ पैर तोड़ने की धमकी

मुरैना। एक महीने काम करने के बाद मजदूरों ने पैसे मांगे तो ठेकेदार ने उनको हाथ-पैर तोड़ने की धमकी दे डाली. मामला सराय छोला थाना क्षेत्र स्थित चम्बल रेलवे पुल का है. यहां पर उमरिया जिले के मजदूर विगत एक महीने से पिलर ठीक करने का काम कर रहे हैं. ठेकेदार की धमकी से परेशान मजदूरों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई. एडीएम ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

मजदूरी को लेकर एडीएम से न्याय की गुहार: जानकारी के अनुसार, गुरुवार की दोपहर करीब महिला-पुरुष अपने बच्चों को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. यहां पर उन्होंने कलेक्टर के नाम एडीएम को एक ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि, वे मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के मजदूर है. दो महीने पहले मजदूरी की तलाश में वे मुरैना आये थे. यहां पर उनकी मुलाकात महाराष्ट्र निवासी नरेश और शंभू यादव से हुई. उन्होंने बताया कि, वे रेलवे कॉन्ट्रैक्टर है. उसको चंबल पुल पर रेलवे के स्लीपर ठीक करने का काम मिला है. इसके लिए उनको मजदूरों की आवश्यकता है. काम के बदले आपको पूरी मजदूरी दी जाएगी. ठेकेदारों के कहने पर उन्होंने जून के पहले सप्ताह से चम्बल पुल पर काम करना शुरू कर दिया था. अभी हाल ही में हुई तेज बारिश के बाद चम्बल में पानी का स्तर बढ़ने लगा तो ठेकेदार ने काम बंद करवा दिया. काम बंद होने के बाद उन्होंने ठेकेदार से अपनी एक महीने की मजदूरी मांगी तो धमकी देने लगे.

यहां पढ़ें...

अधिकारियों को अवगत कराया गया: ठेकेदारों ने कहा कि, रेलवे विभाग से बिल पास होने के बाद ही उनको मजदूरी दी जाएगी. तब तक सभी लोग चुपचाप अपने-अपने घर चले जाओ. इसकी शिकायत की तो सभी लोगों के हाथ-पैर तोड़ दिए जाएंगे. मजदूरों ने एडीएम से गुहार लगाते हुए कहा कि, काम बंद होने के बाद उनके पास खाने के लिए पैसे नहीं है. पैसों के अभाव में दो-तीन दिन से उन्होंने भर पेट खाना भी नहीं खाया है. एडीएम ने मजदूरों की बात सुनने के बाद तुरंत ठेकेदारों से बात की. चूंकि मामला सेंट्रल रेलवे का है, इसलिए एडीएम ने संबंधित अधिकारियों से बातचीत कर मजदूरों की परेशानी बताई. एडीएम नरोत्तम भार्गव ने बताया कि " गुरुवार दोपहर करीब 20-22 मजदूर अपनी शिकायत लेकर आये थे. लेवर कॉन्ट्रेक्टर ने एक महीने काम करवाने के बाद उनको मजदूरी नहीं दी है. ठेकेदारों से बातचीत करने के साथ ही संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया गया है."

मजदूरी के बदले मिली हाथ पैर तोड़ने की धमकी

मुरैना। एक महीने काम करने के बाद मजदूरों ने पैसे मांगे तो ठेकेदार ने उनको हाथ-पैर तोड़ने की धमकी दे डाली. मामला सराय छोला थाना क्षेत्र स्थित चम्बल रेलवे पुल का है. यहां पर उमरिया जिले के मजदूर विगत एक महीने से पिलर ठीक करने का काम कर रहे हैं. ठेकेदार की धमकी से परेशान मजदूरों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई. एडीएम ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

मजदूरी को लेकर एडीएम से न्याय की गुहार: जानकारी के अनुसार, गुरुवार की दोपहर करीब महिला-पुरुष अपने बच्चों को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. यहां पर उन्होंने कलेक्टर के नाम एडीएम को एक ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि, वे मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के मजदूर है. दो महीने पहले मजदूरी की तलाश में वे मुरैना आये थे. यहां पर उनकी मुलाकात महाराष्ट्र निवासी नरेश और शंभू यादव से हुई. उन्होंने बताया कि, वे रेलवे कॉन्ट्रैक्टर है. उसको चंबल पुल पर रेलवे के स्लीपर ठीक करने का काम मिला है. इसके लिए उनको मजदूरों की आवश्यकता है. काम के बदले आपको पूरी मजदूरी दी जाएगी. ठेकेदारों के कहने पर उन्होंने जून के पहले सप्ताह से चम्बल पुल पर काम करना शुरू कर दिया था. अभी हाल ही में हुई तेज बारिश के बाद चम्बल में पानी का स्तर बढ़ने लगा तो ठेकेदार ने काम बंद करवा दिया. काम बंद होने के बाद उन्होंने ठेकेदार से अपनी एक महीने की मजदूरी मांगी तो धमकी देने लगे.

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अधिकारियों को अवगत कराया गया: ठेकेदारों ने कहा कि, रेलवे विभाग से बिल पास होने के बाद ही उनको मजदूरी दी जाएगी. तब तक सभी लोग चुपचाप अपने-अपने घर चले जाओ. इसकी शिकायत की तो सभी लोगों के हाथ-पैर तोड़ दिए जाएंगे. मजदूरों ने एडीएम से गुहार लगाते हुए कहा कि, काम बंद होने के बाद उनके पास खाने के लिए पैसे नहीं है. पैसों के अभाव में दो-तीन दिन से उन्होंने भर पेट खाना भी नहीं खाया है. एडीएम ने मजदूरों की बात सुनने के बाद तुरंत ठेकेदारों से बात की. चूंकि मामला सेंट्रल रेलवे का है, इसलिए एडीएम ने संबंधित अधिकारियों से बातचीत कर मजदूरों की परेशानी बताई. एडीएम नरोत्तम भार्गव ने बताया कि " गुरुवार दोपहर करीब 20-22 मजदूर अपनी शिकायत लेकर आये थे. लेवर कॉन्ट्रेक्टर ने एक महीने काम करवाने के बाद उनको मजदूरी नहीं दी है. ठेकेदारों से बातचीत करने के साथ ही संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया गया है."

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