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विश्व पर्यावरण दिवस: डॉ. विनायक सिंह ने पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर कही ये बात - डॉ. विनायक सिंह

विश्व पर्यावरण दिवस पर UNO द्वारा समय और प्रकृति शीर्षक पर चर्चा और मंथन करने का आह्वान किया गया है. मौजूदा समय में पर्यावरण के लिए ग्लोबल वार्मिंग के साथ-साथ ग्लोबल हीटिंग भी नुकसान दायक है. ऐसे में पर्यावरण का संरक्षण करना मानव जीवन के लिए अति आवश्यक है.

Appeal on World Environment Day
विश्व पर्यावरण दिवस पर अपील
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Published : Jun 5, 2020, 6:22 PM IST

मुरैना। विश्व पर्यावरण दिवस पर UNO द्वारा समय और प्रकृति शीर्षक पर चर्चा और मंथन करने का आह्वान किया गया है. मौजूदा समय में पर्यावरण के लिए ग्लोबल वार्मिंग के साथ-साथ ग्लोबल हीटिंग भी नुकसान दायक है. इसीलिए UNO द्वारा दिए गए शीर्षक समय और प्रकृति पर विचार करते हुए समय के अनुसार प्रकृति की रक्षा करना मानव के लिए अति आवश्यक होता जा रहा है.

विश्व पर्यावरण दिवस पर अपील
प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक अनावश्यक दोहन करना और भौतिक संसाधनों का उपयोग करना ग्लोबल वार्मिंग और ग्लोबल हीटिंग की मुख्य वहज है. वहीं धरती के तापमान में लगातार वृद्धि की वजह से ग्लोबल हीटिंग बढ़ रही है. डॉ. विनायक सिंह तोमर के अनुसार लॉकडाउन से पहले वायुमंडल में गैसों का आंकड़ा 2.6 से 2.7 गुना अधिक था. जोकि लॉकडाउन के एक माह बाद सामान्य से 50-60 फीसदी तक नीचे आ गया था. जिससे वातावरण के सभी हानिकारक गैस और ग्लोबल वार्मिंग नियंत्रण में आ गई है. वायुमंडल में हानिकारक गैसों का प्रभाव पड़ने से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती है. जिससे वातावरण में अत्यधिक गर्मी पैदा होने लगती है. जिससे न केवल मानव जाति बल्कि सभी जीवों के लिए बीमारियां उत्पन्न करने वाली परिस्थितियां बनती हैं. जबकि ग्लोबल हीटिंग बढ़ने से धरती का तापमान बढ़ता है. इससे जमीन के पेड़-पौधे धीरे-धीरे नष्ट होने लगते हैं. जिसका असर कृषि पर भी पड़ता है.

मुरैना। विश्व पर्यावरण दिवस पर UNO द्वारा समय और प्रकृति शीर्षक पर चर्चा और मंथन करने का आह्वान किया गया है. मौजूदा समय में पर्यावरण के लिए ग्लोबल वार्मिंग के साथ-साथ ग्लोबल हीटिंग भी नुकसान दायक है. इसीलिए UNO द्वारा दिए गए शीर्षक समय और प्रकृति पर विचार करते हुए समय के अनुसार प्रकृति की रक्षा करना मानव के लिए अति आवश्यक होता जा रहा है.

विश्व पर्यावरण दिवस पर अपील
प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक अनावश्यक दोहन करना और भौतिक संसाधनों का उपयोग करना ग्लोबल वार्मिंग और ग्लोबल हीटिंग की मुख्य वहज है. वहीं धरती के तापमान में लगातार वृद्धि की वजह से ग्लोबल हीटिंग बढ़ रही है. डॉ. विनायक सिंह तोमर के अनुसार लॉकडाउन से पहले वायुमंडल में गैसों का आंकड़ा 2.6 से 2.7 गुना अधिक था. जोकि लॉकडाउन के एक माह बाद सामान्य से 50-60 फीसदी तक नीचे आ गया था. जिससे वातावरण के सभी हानिकारक गैस और ग्लोबल वार्मिंग नियंत्रण में आ गई है. वायुमंडल में हानिकारक गैसों का प्रभाव पड़ने से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती है. जिससे वातावरण में अत्यधिक गर्मी पैदा होने लगती है. जिससे न केवल मानव जाति बल्कि सभी जीवों के लिए बीमारियां उत्पन्न करने वाली परिस्थितियां बनती हैं. जबकि ग्लोबल हीटिंग बढ़ने से धरती का तापमान बढ़ता है. इससे जमीन के पेड़-पौधे धीरे-धीरे नष्ट होने लगते हैं. जिसका असर कृषि पर भी पड़ता है.
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