मुरैना : मध्यप्रदेश में शराबबंदी की मांग फिर तेज हो गई है. मुरैना जहरीली शराब कांड में 27 लोगों की मौत के बाद प्रशासन शराब माफिया पर शिकंजा कस रहा है. वहीं अब संत समाज भी माफिया के खिलाफ आगे आया है. चंबल अंचल के बड़े संत हरि गिरी महाराज ने शराबबंदी को लेकर बड़े स्तर पर आंदोलन का ऐलान किया है. उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपील की है कि वो प्रदेश को शराब मुक्त बनाने की ओर कदम बढ़ाएं. हरि गिरि महाराज 2 साल पहले भी अंचल में इस तरह का आंदोलन चला चुके हैं, और उनके आंदोलन का असर भी हुआ. लेकिन कोरोना के चलते वो आंदोलन से दूर रहे. लेकिन अब हरि गिरी महाराज एक बार फिर अहिंसक तरीके से बड़े स्तर पर पूरे प्रदेश में शराबबंदी को लेकर आंदोलन करेंगे.
शराबबंदी को लेकर संत कर चुके हैं कई पंचायतें
शराबबंदी पर प्रदेश में छिड़ी बहस के बीच चंबल नदी किनारे झोपड़ी में रह रहे संत हरि गिरी महाराज ने शराब ठेकों के खिलाफ आंदोलन करने का ऐलान किया है. 2015 में उनके आह्वान पर मध्य प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश और राजस्थान के करीब 38 जिलों में 70 जगह पंचायतें हुई थी, उनके आंदोलन का ही असर था कि हजारों लोगों ने शराब छोड़ दी थी. संत हरि गिरि महाराज जनता के जरिए प्रशासन और सरकार तक अपनी बात पहुंचा कर ठेके बंद कराने का आदेश कराएंगे. संत हरिगिरी महाराज ने कहा कि श्रेय लेने की आदत छोड़कर सिर्फ मानव जीवन के हित में जो नेता शराबबंदी का विरोध करना चाहता है, वही हमारे आंदोलन में शामिल हो सकता है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जनता के पिता तुल्य हैं, उम्मीद है वो मानव जीवन की रक्षा के लिए उठी आवाज को जरूर सुनेंगे.
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संत ने लॉलीपॉप का दिया उदाहरण
संत हरिगिरि महाराज ने लॉलीपॉप का उदाहरण देकर समझाया कि बच्चे के सामने अगर लॉलीपॉप होगा तो बच्चा लॉलीपॉप ही खाएगा. इसी तरह समाज और जहां हम रह रहे हैं वहां जब शराब दुकानें होंगी तो बिगड़े प्रवृत्ति के लोग एक दूसरे को प्रेरित करके दुकान तक ले जाते हैं, जिसके बाद शराब पी जाती है.
एमपी, यूपी और राजस्थान में संत की बात मानते हैं लोग ?
संत हरिगिरि महाराज की मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के 20 से अधिक जिलों में मानने वाले लोग हैं. संत ने पहले भी बड़े स्तर पर शराबबंदी की मुहिम चलाई थी, जिसका व्यापक असर देखने को मिला था. संत ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कहा है कि वो भी शराब बंदी में सहयोग करें तो समाज को जागरूकता करने का काम वो भी करेंगे. हरिगिरी महाराज ने साफ कहा है कि उनको राजनीति से कोई मतलब नहीं है, लेकिन अगर शिवराज सिंह शराबबंदी की पहल करते हैं तो वो पूरी तरह से उनको समर्थन करेंगे, इसके साथ ही उन्होंने सर्वसमाज के लोगों से भी शराबबंदी आंदोलन में शामिल होने की अपील की है.
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मुरैना शराब कांड के बाद एमपी में शराबबंदी की मांग ?
मुरैना में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद प्रदेश में एक तरफ जहां गृह मंत्री शराब दुकानें बढ़ाने की बात कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में शराब बंदी की भी मांग उठने लगी है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी शराबबंदी का समर्थन किया है. अन्य राज्यों का उदाहरण देते हुए सभी बीजेपी शासित राज्यों से मांग की है कि वह भी शराबबंदी की तरफ कदम बढ़ाए, वहीं कांग्रेस ने भी मध्यप्रदेश में शराबबंदी की मांग की है.