मुरैना। मध्यप्रदेश में एक तरफ जहां उपचुनावों के युद्ध के लिए सभी दल अपने-अपने हथियारों को तैयार कर रहे हैं. वहीं दल बदल कर पहुंचे नेताओं की जुबान फिसलने का दौर अब भी जारी है. प्रदेश के मंत्री तुलसी सिलावट भले ही कांग्रेस से बीजेपी में आ गए, लेकिन अभी तक उनके दिलो-दिमाग पर कांग्रेस की छाप बनी हुई है. सिलावट के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कलंक बताए जाने वाले बयान ने कई दबी चिंगारियों को हवा दे दी है.
मुरैना जिले से कैबिनेट मंत्री ऐंदल सिंह कंषाना, जो तुलसी सिलावट के साथ ही कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए हैं उनका मानना है कि ये जुबान का फिसलना है, जो किसी से भी हो सकता है. लेकिन बड़ा सवाल यही है कि जो नेता कुछ समय पहले ही फिसलकर कांग्रेस से बीजेपी में आए हैं और फिर से उनकी जुबान फिसलना कहीं कोई इशारा तो नहीं.