मुरैना। मध्य प्रदेश में इस समय मुख्यमंत्री के आदेश के बाद पुलिस और प्रशासन सभी तरह के माफियाओं के खिलाफ अभियान चला रही है. ऐसे में मुरैना जिले में भी लगातार भू-माफिया, खनिज माफिया, मिलावट माफिया के खिलाफ पुलिस और प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है. ताजा मामले में जिला प्रशासन ने अवैध कालोनियों पर कार्रवाई की. जिसके बाद कॉलोनाइजर में इस समय हड़कंप मचा हुआ है और वहीं जिला प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं, क्योंकि 2 साल पहले इसी तरह की कार्रवाई में 12 भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की गई थी, और उन पर एफआईआर दर्ज करने की बात भी कही गई थी. पर अब तक 2 साल में ऐसी कोई भी कार्रवाई देखने को नहीं मिली जिसके चलते पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पर भेदभाव के आरोप लग रहे हैं.
पिछले दो सालों से दर्ज नहीं हुई कोई FIR
मुरैना जिले में पिछले 2 सालों में 12 बड़े कॉलोनाइजरों पर पुलिस प्रशासन और नगर निगम मिलकर एफआईआर दर्ज नहीं कर पाए, जिसके पीछे कई सवाल खड़े हो रहे हैं. सूत्रों की मानें तो कॉलोनाइजरों को बड़े-बड़े नेताओं और अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते 2 साल में इनके पर कार्रवाई नहीं हो पाई. जब इस सवाल को मुरैना के एडिशनल एसपी से पूछा गया तो उन्होंने संबंधित विभाग के द्वारा मामला दर्ज करने के लिए प्रतिवेदन ना मिलने की बात कही, और दावा किया कि अगर ऐसा कोई लेटर मिलता है तो वह जरूर कार्रवाई करेंगे.
अधिकारी जांच पूरी नहीं होने का हवाला
मुरैना नगर निगम कमिश्नर अमर सत्य गुप्ता की माने तो 2 साल में इन 12 कॉलोनियों के कार्यों की जांच पूरी नहीं हो पाई है, जल्द ही जांच पूरी कर इनके ऊपर भी कार्रवाई की जाएगी. पर सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर नगर निगम 2 सालों में इन कागजों की कार्रवाई क्यों नहीं कर पाया, जबकि बाकी छोटे कॉलोनाइजरों पर बिना किसी जांच के लगातार कार्रवाई की जा रही है.
पक्ष-विपक्ष के आरोप
इस पूरे मामले में कांग्रेस और बीजेपी हमेशा की तरह एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर की माने तो उनकी सरकार के समय सभी माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई की गई और उसी समय इन 12 कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी पूरी कर ली गई, पर तब तक सरकार बदल गई और उसके बाद अब तक भाजपा इन कॉलोनाइजरों पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाई. वहीं छोटे कॉलोनाइजरों के ऊपर कारवाई और बड़ों पर इतनी मेहरबानी क्यों, शिवराज सरकार इस तरह की कार्रवाई का दिखावा कर रही है.
वहीं बीजेपी की मानें तो कांग्रेस के समय पर जब कार्रवाई हुई थी तो इन बड़े 12 कॉलोनाइजरों पर एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कराई. उस समय इन कॉलोनाइजरों पर कांग्रेस के नेताओं का संरक्षण था, लेकिन अब भाजपा की सरकार है तो जांच कर जल्दी एफआईआर करा देंगे. भाजपा नेताओं की मानें तो उनका कहना है कि हमारे अधिकारी जांच कर रहे हैं जांच पूरी हो जाएगी, तो कार्रवाई जल्दी करेंगे.