मंदसौर। कमलनाथ सरकार को एक साल पूरा हो गया है. मंदसौर की मुख्यालय विधानसभा में बीजेपी समर्थित विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया का भी बतौर विधायक एक और साल पूरा हुआ है. उनके एक साल का कार्यकाल पूरा होने के मामले में ईटीवी भारत की टीम ने क्षेत्र में जाकर उनके द्वारा किए गए विकास कामों की जमीनी पड़ताल की.
साल भर पहले हुए चुनाव में विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया अपने निकटतम प्रतिद्वंदी पूर्व कैबिनेट मंत्री नरेंद्र नाहटा से तकरीबन 25000 से भी ज्यादा वोटों से जीते थे. अपने घोषणा पत्र में चुनाव से पहले उन्होंने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज एक इंजीनियरिंग कॉलेज और एक पीजी कॉलेज लाने का वादा किया था. चिकित्सा के क्षेत्र में जिला अस्पताल में आधुनिक मेटरनिटी वार्ड और ट्रामा सेंटर खुलवाने का भी उन्होंने क्षेत्र की जनता से वादा किया था. ग्रामीण क्षेत्रों को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली छोटी बड़ी 9 सड़कें बनवाने की भी उन्होंने जनता से बात कही थी.
मंदसौर विधानसभा के सबसे बड़े व्यावसायिक ग्रामीण क्षेत्र, दलोदा में प्रस्तावित मेगा फूड पार्क की सौगात पर भी उन्होंने पहल करने का क्षेत्रवासियों से वादा किया था. बेरोजगारों को रोजगार से देने के मामले में क्षेत्र में एक और नए औद्योगिक क्षेत्र खुलवाने का भी विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया ने युवाओं से वादा किया था. इन तमाम बड़े-बड़े वादों में से साल के दौरान वे मंदसौर जिले को एक मेडिकल कॉलेज और दलौदा में एक पीजी कालेज की सौगात दिलवा पाए हैं.
बाकी के वादे अभी भी अधूरे ही पड़े हैं. लिहाजा क्षेत्र की जनता उनसे खासी नाराज है. उधर इस मामले में ईटीवी भारत के रिपोर्टर ने उनसे बातचीत की तो उन्होंने विपक्षी पार्टी के विधायक होने का हवाला देते हुए खुद के साथ विधानसभा में दोहरा व्यवहार होने की बात कही है. विकास की सौगातें और क्षेत्र की जनता से किए हुए वादे अभी तक भी पूरे ना होने के मामले से भी वे जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते नजर आए.