मंदसौर। जिला मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर दूर स्थित ग्राम अलावदा खेड़ी के लोग पिछले डेढ़ महीने से एक तेंदुए के हमलों से खौफजदा हैं. शिवना नदी के किनारे बसे इस गांव में एक आदमखोर तेंदुआ रात के वक्त किसानों के मवेशियों और पालतू कुत्तों पर हमला कर उन्हें मार रहा है, लेकिन वन विभाग के अमले द्वारा इस मामले में अभी तक कोई पुख्ता कार्रवाई न करने से लोग दहशत के माहौल में है.
कई पालतु जानवरों को बनाया निशाना
मुक्तिधाम के पास बसे ग्राम अलावदा खेड़ी में इस तेंदुए ने कई गायों और भैंसों को अपना निशाना बना लिया है. रात के वक्त यह जंगली जानवर तबेलों में बंद जानवरों और निगरानी कर रहे कुत्तों का शिकार कर रहा है. वन अमले ने कार्रवाई के नाम पर यहां केवल एक पिंजरा लगाकर मामले से किनारा कर लिया है. खास बात यह है कि उसे पिंजरे में कैद करने के लिए विभाग ने ना तो किसी मवेशी को यहां बांधा है, ताकि शिकार के चक्कर में तेंदुआ फंस सके और ना ही ऐसी कोई दूसरी व्यवस्था की है. जिसके चलते हमलावर जानवर पकड़ा जा सके.
वन विभाग नहीं कर रहा कोई कार्रवाई
इस मामले में ग्रामीणों ने वन विभाग के अमले द्वारा सुनवाई ना होने से मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के 181 नंबर पर शिकायत भी दर्ज करवाई. लेकिन अमले के कर्मचारी जमीनी कार्रवाई के लिए अभी भी तैयार नहीं है. तेंदुए के कारण मजदूरों और किसानों ने खेतों में काम करना भी बंद कर दिया है. यहां रहने वाले मजदूरों के बच्चे डर के चलते कई बार क्लासेस भी अटेंड नहीं कर रहे हैं. वहीं मामले में मंदसौर कलेक्टर ने अब डीएफओ से बात कर जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.