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रंगे हाथों पकड़े जाने के बावजूद आयुष अधिकारी ने दवाखाना संचालक के खिलाफ नहीं लिया एक्शन, उठ रहे सवाल

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Published : May 20, 2020, 4:30 PM IST

बीते 20 दिन पहले आयुष अधिकारी पीडी गुप्ता मंडला जिले के बीजाडांडी ब्लॉक सुलखिया दवाखाने की जांच करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्हें मौके पर भारी मात्रा में ऐलोपैथिक दवाइयां मिली थीं. इसके बावजदू अब तक दवाखाना संचालक अमित गुप्ता के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

no action taken on dispensary operator post 20 days of inspection in mandla
दवाखाना संचालक पर नहीं की कोई कार्रवाई

मंडला। जिले के बीजाडांडी ब्लॉक मुख्यालय के सुलखिया दवाखाने में बीते 20 दिन पहले आयुष अधिकारी पीडी गुप्ता जांच करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्हें भारी मात्रा में ऐलोपैथिक दवाइयां मिली थीं, जिसका वीडियो रिकॉर्डिंग भी किया गया था. इसके बावजदू अब तक दवाखाना संचालक अमित गुप्ता के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. दवाखाना संचालक ने अपनी दुकान फिर से खोलनी शुरु कर दी है, लेकिन प्रशासन अब तक मौन बना हुआ है.

जांच के दौरान अधिकारी ने पंचनामा बनाते हुए लिखा कि, सुलखिया दवाखाने के अंदर भारी मात्रा में ऐलोपैथिक दवाइयां मिली हैं. जिसकी लिस्टिंग शासकीय फार्मासिस्ट नितिन साहू द्वारा की जा रही है. बता दें कि, जांच अधिकारी पीडी गुप्ता ने नायब तहसीलदार कन्हैया लाल डोंगरे, डॉक्टर दिलीप अहिरवार, थाना प्रभारी सुदर्शन टुप्पो और ग्रामीणों की उपस्तिथि और वीडियो कैमरे की निगरानी में दवाखाने की सील खुलवाई गई.

दवाखाना संचालक के पास नहीं थी कोई डिग्री

जांच के दौरान पीडी गुप्ता ने ना ही दवाइयों को जब्त किया और ना ही दवाखाने को सील किया. वहीं दवाखाने के संचालक अमित सुलखिया को चाबी सौंप कर चले गए. इस पूरी कार्रवाई के दौरान दवाखाने के संचालक अमित के पास से किसी प्रकार के डॉक्टरी से सम्बंधित कोई डिग्री या डिप्लोमा नहीं मिला और ना ही इनके पास से दवाखाना चलाने का रजिस्ट्रेशन था, साथ ही उनके पास ऐलोपैथिक दवाइयां रखने का ड्रग लाइसेंस भी नहीं मिला. इन सबके बावजूद भी जांच अधिकारी पीडी गुप्ता ने दवाखाना संचालक पर कोई कार्रवाई नहीं की.

संचालक पर नहीं हो रही कोई कार्रवाई

बता दें जांच अधिकारी पीडी गुप्ता दवाइयों और सभी सबूतों को छिपाने की नीयत से 3 मई 2020 को सुलखिया दवाखाने पहुंचे थे और आरोपी के साथ दवाखाने का शटर खोल कर अंदर घुस गए थे. इसी दौरान जांच अधिकारी ने आरोपी के साथ मिलकर सभी ऐलोपैथिक दवाओं को बोरी व कार्टून में भर कर शिफ्ट कर दिया था. इस पूरे घटना क्रम को 15 दिन से अधिक समय बीत गया, लेकिन दवाखाने के संचालक पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है.

प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल

जांच अधिकारी के द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं करने से सवाल खड़े हो रहे हैं. जांच में इनका सहयोग कर रहें डॉक्टर दिलीप अहिरवार (बीएमओ) बीजाडांडी स्वास्थ्य केंद्र ने अपने जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट उल्लेख किया है, कि सुलखिया दवाखाने से भारी मात्रा में ऐलोपैथिक दवाइयां मिली हैं. जिसकी सूची और जांच प्रतिवेदन अहिरवार ने अपने वरिष्ठ जिला स्वास्थ्य अधिकारी को भेज कर अग्रिम कार्रवाई के लिए प्रेषित किया है. इसके बावजूद सुलखिया दवाखाने और उसके संचालक पर कोई कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है.

मंडला। जिले के बीजाडांडी ब्लॉक मुख्यालय के सुलखिया दवाखाने में बीते 20 दिन पहले आयुष अधिकारी पीडी गुप्ता जांच करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्हें भारी मात्रा में ऐलोपैथिक दवाइयां मिली थीं, जिसका वीडियो रिकॉर्डिंग भी किया गया था. इसके बावजदू अब तक दवाखाना संचालक अमित गुप्ता के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. दवाखाना संचालक ने अपनी दुकान फिर से खोलनी शुरु कर दी है, लेकिन प्रशासन अब तक मौन बना हुआ है.

जांच के दौरान अधिकारी ने पंचनामा बनाते हुए लिखा कि, सुलखिया दवाखाने के अंदर भारी मात्रा में ऐलोपैथिक दवाइयां मिली हैं. जिसकी लिस्टिंग शासकीय फार्मासिस्ट नितिन साहू द्वारा की जा रही है. बता दें कि, जांच अधिकारी पीडी गुप्ता ने नायब तहसीलदार कन्हैया लाल डोंगरे, डॉक्टर दिलीप अहिरवार, थाना प्रभारी सुदर्शन टुप्पो और ग्रामीणों की उपस्तिथि और वीडियो कैमरे की निगरानी में दवाखाने की सील खुलवाई गई.

दवाखाना संचालक के पास नहीं थी कोई डिग्री

जांच के दौरान पीडी गुप्ता ने ना ही दवाइयों को जब्त किया और ना ही दवाखाने को सील किया. वहीं दवाखाने के संचालक अमित सुलखिया को चाबी सौंप कर चले गए. इस पूरी कार्रवाई के दौरान दवाखाने के संचालक अमित के पास से किसी प्रकार के डॉक्टरी से सम्बंधित कोई डिग्री या डिप्लोमा नहीं मिला और ना ही इनके पास से दवाखाना चलाने का रजिस्ट्रेशन था, साथ ही उनके पास ऐलोपैथिक दवाइयां रखने का ड्रग लाइसेंस भी नहीं मिला. इन सबके बावजूद भी जांच अधिकारी पीडी गुप्ता ने दवाखाना संचालक पर कोई कार्रवाई नहीं की.

संचालक पर नहीं हो रही कोई कार्रवाई

बता दें जांच अधिकारी पीडी गुप्ता दवाइयों और सभी सबूतों को छिपाने की नीयत से 3 मई 2020 को सुलखिया दवाखाने पहुंचे थे और आरोपी के साथ दवाखाने का शटर खोल कर अंदर घुस गए थे. इसी दौरान जांच अधिकारी ने आरोपी के साथ मिलकर सभी ऐलोपैथिक दवाओं को बोरी व कार्टून में भर कर शिफ्ट कर दिया था. इस पूरे घटना क्रम को 15 दिन से अधिक समय बीत गया, लेकिन दवाखाने के संचालक पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है.

प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल

जांच अधिकारी के द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं करने से सवाल खड़े हो रहे हैं. जांच में इनका सहयोग कर रहें डॉक्टर दिलीप अहिरवार (बीएमओ) बीजाडांडी स्वास्थ्य केंद्र ने अपने जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट उल्लेख किया है, कि सुलखिया दवाखाने से भारी मात्रा में ऐलोपैथिक दवाइयां मिली हैं. जिसकी सूची और जांच प्रतिवेदन अहिरवार ने अपने वरिष्ठ जिला स्वास्थ्य अधिकारी को भेज कर अग्रिम कार्रवाई के लिए प्रेषित किया है. इसके बावजूद सुलखिया दवाखाने और उसके संचालक पर कोई कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है.

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