मंडला। भारत देश में आज भले ही शिक्षा का अधिकार कानून लागू है. लेकिन अब भी दूर दराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए शिक्षा हासिल करना किसी चुनौती से कम नहीं है. आपको जानकर हैरानी होगी कि हथेली पर जान रखकर बच्चे कहीं नदी को पार कर स्कूल पहुंचते हैं तो कहीं अस्थाई पुल के सहारे. कुछ ऐसी ही तस्वीर सामने आई है मंडला जिले से. यह तस्वीर मंडला जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर सुरपन नदी के उस पार के गांव दिवारा, गंगोरा की है. जहां गांव में हायर सेकेण्डरी स्कूल नहीं होने के चलते बच्चों को उफनती नदी नाव के सहारे पार कर लफरा ग्राम जाना पड़ता है.
गीले कपड़ों में स्कूल पहुंचते हैं बच्चे: अगर नदी में पानी कम रहता है तो बच्चे नदी को पैदल चलकर पार करते हैं. जिससे उनके कपड़े गीले हो जाते हैं और उन्हीं गीले कपड़ों में उन्हें स्कूल जाना पड़ता है. इसका वीडियो भी वायरल हुआ है. इतना ही नहीं ग्रामीणों को भी अपने रोजाना के कार्यो के लिए नदी को पार करके आना जाना पड़ता है.
शिकायत के बाद भी नहीं बना पुल: दरअसल ग्राम पंचायत लफरा और दिवारा के बीच सुरपन नदी बहती है. ग्रामीण लंबे से समय से पुल की मांग कर रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों का इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. नतीजा यह है कि यहां आज तक पुल नहीं बन पाया है. जिसके चलते लोगों को डोंगी (नाव) का सहारा लेकर आना-जाना पड़ता है. सुरपन नदी पर पुल नहीं होने की वजह से लफरा, गंगोरा, बाबा टोला, बगली, सेमरमामा टोला, सीतारपटन सहित करीब आधा दर्जन गांवों के लोगों को रोजाना ऐसा ही संघर्ष करना पड़ता है. इधर मामला संज्ञान में आने पर केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने अधिकारियों को ऐसी जगहों को चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं.
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