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योग के प्रति बच्चें हों आकर्षित, इसलिए एथलीट सीखा रही योगा विद डांस

मंडला में अंतरराष्ट्रीय एथलीट मीनी सिंह ने बच्चों को योगा के प्रति आकर्षित करने के लिए एक अनूठी पहल की है. योगा दिवस पर दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम के लिए उनकी एक बच्ची का चयन किया गया है.

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Published : Jun 20, 2020, 3:00 PM IST

yoga
योगा विद डांस, म्यूजिक एंड फन

मंडला। योगा और बच्चों का नाता दूर-दूर तक मेल नहीं खाता. उन्हें अगर योगा करने के लिए कहा जाए, तो वे कहां मानते हैं. ऐसे में योगा के प्रति बच्चों में आकर्षण लाने के लिए मंडला की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मिनी सिंह ने अनूठी पहल की है. जिसके तहत आज उनके द्वारा योगा सिखने वाली बच्चियों में से एक का चयन योगा दिवस पर दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम के लिए हुआ है, वहीं अब तक कई बच्चियां राज्य स्तर पर कई पुरस्कार जीत चुकी हैं. ये योगा अनूठा इसलिए है, क्योंकि वे शिव तांडव के साथ योगा करती हैं, यानि म्यूजिक, डांस, मस्ती और योगा.

योगा विद डांस, म्यूजिक एंड फन
बच्चों का चंचल मन योगा- व्यायाम जैसी चीजों से दूर भागता है, लेकिन बेहतर स्वास्थ्य के लिए योगा के महत्व से इनकार भी नहीं किया जा सकता. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय एथलीट और पेशे से पीटीआई मिनी सिंह ने अपने स्कूल चाटुआमार की छात्राओं के साथ ऐसा अनूठा प्रयोग की किया है, जहां बच्चों का रुझान योगा के प्रति न सिर्फ बढ़ा है, बल्कि इन बच्चों को योगा करते देख सभी की आंखें फटी रह जाती हैं.


क्या है खास ?
मिनी सिंह बताती हैं कि, उन्होंने खेल की शुरुआत योगा से ही की थी, लेकिन उस दौर में योगा को उतना महत्व नहीं मिला था. अब समय बदल गया है और ऐसे में स्वास्थ्य के प्रति बच्चों को जागरूक करने के साथ ही योगभ्यास के महत्व को बताने के लिए उन्होंने योगा और नृत्य को मिक्स किया है. इसलिए वे शिव तांडव के साथ योगा करवाती हैं, जिसकी रिदम, वाइब्रेशन और स्पीड के सहारे वे योगा में नए- नए प्रयोग करती रहती हैं. इसे देखने वालों का तो मनोरंजन होता ही है, साथ ही जो बच्चे योगा करते हैं, वे डांस में परफेक्ट भी हो जाते हैं और उनके शरीर के अंग फ्लेक्सिबल होते हैं. साथ ही साथ ऐसे बच्चों से बीमारी दूर भागती है.

yoga practice
योगा प्रेक्टिस करती बच्चियां

ये भी पढे़ं- योग के पथ पर चलकर गोपाल हुए निरोग, 85 की उम्र में उन्हें देख लोग हो जाते हैं अचंभित

ग्रामीण क्षेत्रों में हो प्रचार-प्रसार
मिनी सिंह ने अपने स्कूल की छठवीं और सातवीं कक्षा की 12 छात्राओं को योगा में ऐसा तैयार किया है कि, प्रदेश स्तर पर होने वाले किसी भी योगा कम्पटीशन में इन्हें प्राइज जरूर मिलता है. मिनी सिंह दूर दराज के क्षेत्रों के छोटी उम्र के बच्चों को योगा सिखाती हैं, जिससे वनांचल तक योगा पहुंचे.

yoga practice
योगा विद म्यूजिक
हो सकता है स्वस्थ भारत का सपना साकार
मिनी सिंह बताती हैं कि, योगाभ्यास और व्यायाम के साथ यदि एथलीट, कुछ कला और नृत्य-संगीत का समावेश कर दिया जाए तो यह नयापन बच्चों को आकर्षित करता है और बच्चे आने वाले समय मे स्वस्थ भारत के सपने को साकार कर सकते हैं.
yoga practice
योगा विद डांस
मिनी सिंह खुद अंतरराष्ट्रीय लेवल की एथलीट हैं, जिन्होंने योगा से शुरुआत कर विदेशी धरती पर तीनों मेडल जीते हैं. ऐसे में उनका सपना भी यही है कि, उनके जिले का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योगा के माध्यम से ठीक उसी तरह से पहुंचे जैसे भारत से निकल कर योगा पूरी दुनिया में पहुंचा है.

मंडला। योगा और बच्चों का नाता दूर-दूर तक मेल नहीं खाता. उन्हें अगर योगा करने के लिए कहा जाए, तो वे कहां मानते हैं. ऐसे में योगा के प्रति बच्चों में आकर्षण लाने के लिए मंडला की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मिनी सिंह ने अनूठी पहल की है. जिसके तहत आज उनके द्वारा योगा सिखने वाली बच्चियों में से एक का चयन योगा दिवस पर दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम के लिए हुआ है, वहीं अब तक कई बच्चियां राज्य स्तर पर कई पुरस्कार जीत चुकी हैं. ये योगा अनूठा इसलिए है, क्योंकि वे शिव तांडव के साथ योगा करती हैं, यानि म्यूजिक, डांस, मस्ती और योगा.

योगा विद डांस, म्यूजिक एंड फन
बच्चों का चंचल मन योगा- व्यायाम जैसी चीजों से दूर भागता है, लेकिन बेहतर स्वास्थ्य के लिए योगा के महत्व से इनकार भी नहीं किया जा सकता. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय एथलीट और पेशे से पीटीआई मिनी सिंह ने अपने स्कूल चाटुआमार की छात्राओं के साथ ऐसा अनूठा प्रयोग की किया है, जहां बच्चों का रुझान योगा के प्रति न सिर्फ बढ़ा है, बल्कि इन बच्चों को योगा करते देख सभी की आंखें फटी रह जाती हैं.


क्या है खास ?
मिनी सिंह बताती हैं कि, उन्होंने खेल की शुरुआत योगा से ही की थी, लेकिन उस दौर में योगा को उतना महत्व नहीं मिला था. अब समय बदल गया है और ऐसे में स्वास्थ्य के प्रति बच्चों को जागरूक करने के साथ ही योगभ्यास के महत्व को बताने के लिए उन्होंने योगा और नृत्य को मिक्स किया है. इसलिए वे शिव तांडव के साथ योगा करवाती हैं, जिसकी रिदम, वाइब्रेशन और स्पीड के सहारे वे योगा में नए- नए प्रयोग करती रहती हैं. इसे देखने वालों का तो मनोरंजन होता ही है, साथ ही जो बच्चे योगा करते हैं, वे डांस में परफेक्ट भी हो जाते हैं और उनके शरीर के अंग फ्लेक्सिबल होते हैं. साथ ही साथ ऐसे बच्चों से बीमारी दूर भागती है.

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योगा प्रेक्टिस करती बच्चियां

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ग्रामीण क्षेत्रों में हो प्रचार-प्रसार
मिनी सिंह ने अपने स्कूल की छठवीं और सातवीं कक्षा की 12 छात्राओं को योगा में ऐसा तैयार किया है कि, प्रदेश स्तर पर होने वाले किसी भी योगा कम्पटीशन में इन्हें प्राइज जरूर मिलता है. मिनी सिंह दूर दराज के क्षेत्रों के छोटी उम्र के बच्चों को योगा सिखाती हैं, जिससे वनांचल तक योगा पहुंचे.

yoga practice
योगा विद म्यूजिक
हो सकता है स्वस्थ भारत का सपना साकार
मिनी सिंह बताती हैं कि, योगाभ्यास और व्यायाम के साथ यदि एथलीट, कुछ कला और नृत्य-संगीत का समावेश कर दिया जाए तो यह नयापन बच्चों को आकर्षित करता है और बच्चे आने वाले समय मे स्वस्थ भारत के सपने को साकार कर सकते हैं.
yoga practice
योगा विद डांस
मिनी सिंह खुद अंतरराष्ट्रीय लेवल की एथलीट हैं, जिन्होंने योगा से शुरुआत कर विदेशी धरती पर तीनों मेडल जीते हैं. ऐसे में उनका सपना भी यही है कि, उनके जिले का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योगा के माध्यम से ठीक उसी तरह से पहुंचे जैसे भारत से निकल कर योगा पूरी दुनिया में पहुंचा है.
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