खरगोन। मुख्यमंत्री किसान ऋण माफी योजना के अंतर्गत कर्ज माफ हो जाने के बावजूद कर्ज भूत की तरह किसानों के पीछे पड़ा है. किसानों का आरोप है कि बैंक प्रबंधक बार-बार घर पर आकर परेशान कर रहे हैं, जबकि बैंक मैनेजर का कहना है कि किसानों के घर जा जरुर रहे हैं, लेकिन किसानों के आरोप निराधार हैं.
किसान हरीश पाठक ने बताया कि नर्मदा-झाबुआ ग्रामीण बैंक की शाखा के बैंक प्रबंधक व कर्मचारी कर्ज के चलते घर पर आकर परेशान कर रहे हैं और जब बैंक में मिलने पहुंचा तो कोर्ट ले जाने की धमकी देने लगे. किसान ने बताया कि बैंक से कर्ज लिया था. जिसका मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना के तहत ऋण माफी प्रमाण पत्र भी मिल गया है, उसके बाद भी बैंक वाले परेशान कर रहे हैं.
किसान ने बैंक मैनेजर पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों को सरकार ने निकम्मा-मक्कार कर दिया है. जिसके बाद श्रीगांव पुलिस चौकी में बैंक प्रबंधक के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. बैंक प्रबंधक ने कहा कि बहुत से किसान डिफॉल्टर हैं, किसी किसान को टारगेट तो कर ही सकते हैं. हमारे ऊपर वसूली को लेकर दबाव रहता है और हमने किसी के साथ कोई बदसलूकी नहीं की है.