ETV Bharat / state

वाह री पुलिस! नहीं मिला आरोपी तो उसी नामवाले को भेज दिया जेल

बुरहानपुर पुलिस की लापरवाही का एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. 25 साल पहले हुए बकरा चोरी के मामले में फरार आरोपी मायाराम सीताराम तवंर के स्थान पर बुरहानपुर पुलिस ने खरगोन के फल विक्रेता मायाराम सीताराम वर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. हाईकोर्ट ने मामले में फल विक्रेता मायाराम निर्दोष पाया है.

अजब MP की गजब पुलिस, आरोपी को नहीं पकड़ पाई पुलिस, तो हमनाम को भेजा जेल
author img

By

Published : Aug 22, 2019, 10:01 PM IST

Updated : Aug 22, 2019, 11:50 PM IST

खरगोन। अजब एमपी की गजब पुलिस, जी हां ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां बुरहानपुर पुलिस ने 25 साल पहले बकरा चोरी के मामले में एक मायाराम सीताराम तंवर नाम का आरोपी फरार हो गया था, लेकिन बुरहानपुर पुलिस ने खरगोन के फल विक्रेता मायाराम सीताराम वर्मा को गिरफ्तार कर, न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया था. मयाराम और उसके परिजनों के मुताबिक उन्होंने पुलिस को समझाने की बहुत कोशिश की पर पुलिस नहीं मानी. जबकि बकरा चोर मायाराम और फल विक्रेता मायाराम के नाम और पता दोनों अलग- अलग थे.

आरोपी नहीं मिला तो हमनाम को भेजा जेल

मायाराम ने बताया उन्होंने बेगुनाह होते हुए भी 81 दिन जेल में रहना पड़ा. उन्होंने बताया कि आरोपी मयाराम सीताराम तवंर की नाक पर तिल है बांए हाथ पर मयाराम सीताराम लिखा है, उंगलियां टेढ़ी है, जो पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज है. लेकिन उनके शरीर पर एक भी निशान ऐसा नहीं था. इसके बाद भी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. मायाराम ने बताया कि उन्होंने इसके लंबी लड़ाई लड़ी.

मायाराम के वकील जोगेंद्र परशुराम तिवारी ने बताया कि उन्होंने हाईकोर्ट में केस लगाया था जिसमे जांच की मांग की थी. न्यायालय ने बुरहानपुर पुलिस को जांच के लिए आदेश दिया, जहां जांच में फल विक्रेता मायाराम को निर्दोष व्यक्ति बताया गया हैं. पुलिस ने हमनाम का फायदा उठाते उसे फंसाया था. जिसके लिए उन्होंने न्यायालय से हर्जाने की मांग की. जिसमे न्यायालय ने शासन को लिखा है. कि क्यों नहीं शासन उन्हें मुआवजा दे.

खरगोन। अजब एमपी की गजब पुलिस, जी हां ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां बुरहानपुर पुलिस ने 25 साल पहले बकरा चोरी के मामले में एक मायाराम सीताराम तंवर नाम का आरोपी फरार हो गया था, लेकिन बुरहानपुर पुलिस ने खरगोन के फल विक्रेता मायाराम सीताराम वर्मा को गिरफ्तार कर, न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया था. मयाराम और उसके परिजनों के मुताबिक उन्होंने पुलिस को समझाने की बहुत कोशिश की पर पुलिस नहीं मानी. जबकि बकरा चोर मायाराम और फल विक्रेता मायाराम के नाम और पता दोनों अलग- अलग थे.

आरोपी नहीं मिला तो हमनाम को भेजा जेल

मायाराम ने बताया उन्होंने बेगुनाह होते हुए भी 81 दिन जेल में रहना पड़ा. उन्होंने बताया कि आरोपी मयाराम सीताराम तवंर की नाक पर तिल है बांए हाथ पर मयाराम सीताराम लिखा है, उंगलियां टेढ़ी है, जो पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज है. लेकिन उनके शरीर पर एक भी निशान ऐसा नहीं था. इसके बाद भी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. मायाराम ने बताया कि उन्होंने इसके लंबी लड़ाई लड़ी.

मायाराम के वकील जोगेंद्र परशुराम तिवारी ने बताया कि उन्होंने हाईकोर्ट में केस लगाया था जिसमे जांच की मांग की थी. न्यायालय ने बुरहानपुर पुलिस को जांच के लिए आदेश दिया, जहां जांच में फल विक्रेता मायाराम को निर्दोष व्यक्ति बताया गया हैं. पुलिस ने हमनाम का फायदा उठाते उसे फंसाया था. जिसके लिए उन्होंने न्यायालय से हर्जाने की मांग की. जिसमे न्यायालय ने शासन को लिखा है. कि क्यों नहीं शासन उन्हें मुआवजा दे.

Intro:खरगोन
अजब एमपी की गजब पुलिस जी हां पुलिस के कई किस्से सुने होंगे। ऐसा ही एक मामला खरगोन जिले में बुरहानपुर पुलिस का चेहरा सामने आया है। जिसमे 25 वर्ष पूर्व बकरा चोरी के मामले में फरार आरोपी को मायाराम पिता सीताराम तंवर को बुरहानपुर पुलिस नही पकड़ पाई तो बुरहानपुर पुलिस हमनाम का फायदा उठाते हुए फल विक्रेता मायाराम सीताराम वर्मा को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया। मयाराम ओर उसके परिजन कहते रहे कि हम वो नही है। नाम अलग पता अलग पहचान अलग है। परन्तु न पुलिस ने सुनी, न न्यायालय ने। मयाराम ने बताया कि मुझे बे गुनाह होते हुए भी 81 दिन जेल में रहना पड़ा। जो आरोपी मयाराम सीताराम तवंर की नाक पर तिल है बांए हाथ पर मयाराम सीताराम लिखा है, उंगलियां टेढ़ी है, जो पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज है। मेरा एक भी निशान नही है। मेरी मान हानि हुई है। पत्नी के गहने बिक गए। हमने शासन से न्याय कि मांग की है।
बाइट- मयाराम सीताराम वर्मा
फरियादी
वही पत्नी ने कहा कि किस तरह की परेशानी से गुजरी हूं। ये कोई नही जान सकता है। भूखे प्यासे रहकर कोर्ट थाने के चक्कर लगाए है। हमने कोर्ट से हर्जाने की मांग की है।
बाइट-
वही मयाराम सीताराम वर्मा के वकील ने बताया कि मयाराम सीताराम तंवर को बकरा चोरी के आरोप में वर्ष 1997 में गिरफ्तार किया था। जिसके बाद आरोपी बेल पर छुटा था। जिसके बाद फरार हो गया है। तबसे अबतक नही पकड़ा गया। बुरहानपुर पुलिस कि ये नाकामी है। पुलिस ने नाकामी छुपाने के लिए निर्दोष को मयाराम सीताराम वर्मा को गिरफ्तार किया था। हमने हाई कोर्ट में केस लगाया था। जिसमे जांच की मांग की थी। माननीय न्यायालय ने डीजे बुरहानपुर को जांच के लिए आदेश दिया। जिसमें माननीय डीजे महोदय ने जांच में आरोपी नही बताते हुए निर्दोष व्यक्ति को पुलिस द्वारा फंसाया गया। जिसके लिए हमने माननीय न्यायालय से हर्जाने की मांग की। जिसमे न्यायालय ने शासन को लिखा है। कि क्यों न शासन इन्हें मुआवजा दे।
बाइट- जोगेंद्र परशुराम तिवारी एडव्होकेट


Body:गजव


Conclusion:
Last Updated : Aug 22, 2019, 11:50 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.