खरगोन। मध्यप्रदेश के खरगोन में राम नवमी पर हुई हिंसा (Ram Navami Violence Khargone) के बाद अब हालात सामान्य हो गए हैं. पहले की तरह ही बाजारों में चहल-पहल नजर आने लगी है लेकिन लोग अभी भी राम नवमी का मंजर भूले नहीं हैं. इस बात से प्रशासन भी अनजान नहीं है, फिलहाल पुलिस द्वारा मामले को लेकर संवेदनशील इलाकों मे कहीं दीवार तो कहीं स्थाई बेरीकेड लगाए गए हैं. बाजार में पुलिस की पैनी नजर है, ताकि फिर से कोई अप्रिय घटना ना हो सके.
एक पक्ष खुश तो दूसरा नाखुश: हिंसा के बाद प्रशासन ने अति संवेदनशील इलाकों में दो मोहल्लों को जोड़ने वाली गलियों में कहीं दीवार (wall of peace) खड़ी कर दी गई, तो कहीं स्थाई बेरीकेड्स लगा कर मोहल्लों का बंटवारा कर दिया गया. प्रशासन द्वारा की गई इस कार्रवाई से हिन्दू पक्ष खुश है, तो वहीं मुस्लिम समुदाय में नाराजगी है.
मुस्लिम समुदाय ने ली कोर्ट की शरण: संजय नगर निवासी मंजुला बताती है कि, "हिंसा में समुदाय विशेष के लोगों ने पथराव किया था. बम के साथ गैस सिलेंडर भी फेंके थे. प्रशासन ने हर जगह बेरीकेड लगाए हैं. इससे हम खुश हैं." वहीं खसखसवाड़ी क्षेत्र के समुदाय के लोगों का कहना है कि "प्रशासन ने दीवार बनाकर नफरत फैलाने वाला कार्य किया है, हम लोग आपसी सुलह कर अमन से रहना चाहते हैं. हमने इस बंटवारे की दीवार के लिए हाईकोर्ट की शरण भी ली है. हमें उम्मीद है कि कोर्ट न्याय करेगा."(Khargone violence update) (Administration built a wall for peace in khargone
एक पक्ष खुश तो दूसरा नाखुश : मौलवियों ने भाजपा की नीति पर राज्य सरकार पर पक्षपात करने और हिंसा के मामलों में बिना किसी पूर्व जांच के समुदाय को निशाना बनाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि, कई परिवारों के घर ध्वस्त कर दिए गए थे, हालांकि परिवार का कोई भी सदस्य हिंसा में शामिल नहीं था. जब प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत घर बनाया गया था, तो सरकार किसी के घर को कैसे ध्वस्त कर सकती है. उन्होंने एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए पूछा कि जिला प्रशासन ने खरगोन में PMAY के तहत बने एक घर को बुलडोजर से ढहा दिया था.