खरगोन। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू किए गए लॉकडाउन की समयावधि 17 मई को समाप्त हुई. लेकिन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा अत्यावश्यक सेवाओं में आंशिक छूट के साथ 31 मई तक लॉकडाउन जारी रखा है. एनडीएमए ने जारी निर्देशों में स्कूल, कॉलेज, मॉल, सिनेमा हॉल, धार्मिक और राजनैतिक आयोजन नहीं करने के निर्देश हैं.
इसके अलावा जिम, स्वीमिंग पूल, इंटरटेनमेंट पार्क, थियेटर, बार, ऑडोटोरियम और असेंबली हॉल भी नहीं खोले जाएंगे. एनडीएमए ने राज्य सरकार पर ही छोड़ा है कि वे अपने-अपने राज्यों के रेड, ऑरेंज व ग्रीन जोन में क्या खोलें और क्या बंद रखें? इसके अलावा स्थानीय प्रशासन को कंटेनमेंट एरिया और बफरजोन का निर्णय करने के लिए कहा गया है.
केंद्र सरकार के निर्णय के आधार पर जिला स्तरीय संकट प्रबंधन समूह ने विस्तार से चर्चा करते हुए खरगोन में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए कोरोना के संक्रमण से बचने के उपाय पर राज्य सरकार के निर्देशों का इंतजार किया है. इसलिए जब तक बैठक में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय नहीं हो जाते, तब तक पूर्व के प्रतिबंधात्मक आदेश और समय-समय पर दी गई छूट लागू रहेगी.
बैठक में पुलिस अधीक्षक सुनील पांडेय, एसडीएम अभिषेक गेहलोत, डिस्ट्रिक होमगार्ड कमांडेट एमके लश्करी, नपा सीएमओ निशिकांत शुक्ला, जन अभियान परिषद के विजय शर्मा, डॉ. अजय जैन, डॉ. जेसी पालीवाल सहित तमाम अधिकारी उपस्थित रहे.
स्वामी विवेकानंद सभागृह में सोमवार को आयोजित जिला स्तरीय संकट प्रबंधन समूह की बैठक में अध्यक्ष कलेक्टर गोपालचंद्र डाड ने सदस्यों ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अभी तक कोई भी विस्तृत दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं. जब सरकार से निर्देश प्राप्त होंगे उसी के अनुरूप निर्णय बैठक में किए जाएंगे, वहीं सभी सदस्य इस बात का आंकलन कर लें कि दो गज की दूरी का पालन करते हुए कौन से ऐसे शॉप या प्रतिष्ठान खोले जाएं, जिससे अनावश्यक भीड़ न हो और कोरोना के संक्रमण को रोका जा सके.
बैठक में समूह के सभी सदस्यों ने आम नागरिकों से अपील की है कि लॉकडाउन खुले उससे पहले सभी नागरिक अपने-अपने मोबाइलों में आरोग्य सेतू एप डाउनलोड कर लें. क्योंकि यह भी एक बचाव का महत्वपूर्ण साधन है.
इस एप में प्रत्येक व्यक्ति अपनी जानकारी अपलोड कर देता है, तो एप खुद ही आपके सुरक्षित होने, जोखिम होने, कम जोखिम होने तक की जानकारी बताता है. केवल इतना ही नहीं, एप में प्रविष्ट किया गया डाटा यह भी बताता है कि आप पॉजिटिव व्यक्ति से कितनी दूरी पर हैं.
इसलिए नागरिकों को आवश्यक बचाव के तौर पर आरोग्य एप भी डाउनलोड करनी चाहिए. बैठक में ज्यादा से ज्यादा नागरिकों को यह एप डाउनलोड कराने के लिए भी जिम्मेदारी दी गई है. प्रत्येक सदस्य अपने-अपने स्तर पर भी प्रयास करेगा.