खरगोन। प्रदेश की शिवराज सरकार ने प्रदेश के गरीबों के हितों लिए संबल योजना लागू की है. योजना में गरीब परिवार के मुखिया की स्वाभाविक मृत्यु पर दो लाख रुपए और दुर्घटना में मृत्यु होने पर चार लाख रुपए की सहायता राशि शासन की ओर से गरीब परिवार को दी जाती है, लेकिन इस योजना की कुछ विसंगति का फायदा उठाकर अधिकारी इस योजना को पलीता लगा रहे हैं.
खरगोन जिले के बड़वाह जनपद में साल 2019 में 19 हितग्राहियों का शासन द्वारा 46 लाख रुपए स्वीकृत हुआ था, लेकिन राशि अभी तक नहीं दिए जाने का मामला आरटीआई कार्यकर्ता हरभजन सिंह भाटिया ने उजागर किया है. शासन की स्वीकृति अनुसार संबल योजना के तहत 19 चयनित हितग्राहियों को देने वाली 46 लाख रुपए की राशि का लाभ स्थानीय सीईओ बाबूलाल पवार द्वारा अन्य 23 हितग्राहियों को दे दिया गया. जबकि वास्तविक हितग्राही लम्बे समय से आर्थिक सहायता के लिए जनपद के चक्कर लगा रहे हैं. जिनको जनपद द्वारा फाइल गुम होने का हवाला देकर दोबारा फाइल बनाकर लाने का कहा जा रहा है.
शासन के नियमों से अनभिज्ञ जनपद सीईओ ने आनन-फानन में एक बार फिर उन्हीं हितग्राहियों के नाम की सूची बनाकर राज्य शासन को स्वीकृत करने के उद्देश्य से भेजी थी, जिन्हें सहायता राशि दी जा चुकी है. जवाबदार पद पर बैठे सीईओ को इतना भी नहीं मालूम कि एक बार स्वीकृत नाम दूसरी बार नहीं होता है. मामले को उजागर करने वाले हरभजन सिंह भाटिया ने इस पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश के आला अधिकारियों और जिला कलेक्टर को की है. जिसमें मांग की गई है कि वर्तमान सीईओ बाबूलाल पवार पर ठोस कार्रवाई करते हुए, निलबिंत करें. ताकि भविष्य में किसी भी जरूरतमंद हितग्राहियों के साथ कोई भी अधिकारी इस प्रकार का कृत्य नहीं कर सके.