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सोयाबीन की खराब बुवाई से किसानों में गुस्सा, दुकानदारों पर खराब बीज बेचने का आरोप

खरीफ के सीजन में हुई अतिवृष्टि से और खराब बुवाई से किसानों की फसल बर्बाद हो गई, जिसके चलते किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

Poor soybean sowing has hurt farmers
सोयाबीन की खराब बुवाई से किसानों को नुकसान
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Published : Dec 15, 2019, 1:28 PM IST

Updated : Dec 15, 2019, 3:22 PM IST

खंडवा। खरीफ के सीजन में हुई अतिवृष्टि और खराब बुवाई की वजह से सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई है , जिसके चलते किसानों ने खराब बुवाई की शिकायत भी की थी, लेकिन अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं आने से किसानो में गुस्सा देखा जा रहा है.


बता दें कि जिले के गांधवा के युवा किसान सर्वोदय पाटीदार मर्चेंट नेवी की नौकरी छोड़कर अपनी पुष्तैनी खेती को संभाल रहे हैं. और इसी दौरान सर्वोदय ने रबी के सीजन के दौरान करीब 53 एकड़ खेत में सोयाबीन लगाई थी और सोयाबीन की बुवाई खंडवा की एक दुकान से खरीदी थी, लेकिन जब खेत में उसे बुवाई की गई तो पूरी फसल का मात्र 10 फीसदी ही सर्वोदय के हाथ लगा.

सोयाबीन की खराब बुवाई से किसानों में गुस्सा


वही सर्वोदय का कहना है कि जब उन्होंने बीज खरीदे थी तो दुकानदार ने उन्हें अच्छी उत्पादन क्षमता वाला बीज बता दिया था, लेकिन जब फसल लगी तो पता चला की बीज एक प्रकार का न होकर मिश्रीत प्रजाति का है और इससे फसल नष्ट हो गई. उन्होंने बताया कि 9 लाख की लागत लगाई थी जिससे उन्हें तकरीबन 24 से 28 लाख का फायदा होने वाला था, लेकिन खराब बुवाई के चलते उनकी लागत भी नहीं निकल पाई.


ऐसा ही ग्राम गुड़ी के एक आदिवासी किसान के साथ हुआ, गुड़ी के आदिवासी किसान राजू ने अपने 10 एकड़ के खेत में सोयाबीन लगाई थी. राजू ने भी सोयाबीन के बीज बाजार से खरीदे थी. ऐसे में उन्हें भी मिलावटी बीज बेच दिया गया. राजू ने इस उम्मीद से सोयाबीन के बीज खेत में बोए थे कि उसे अच्छी फसल मिलेगी. लेकिन मिलावटी बीज और ज्यादा बारिश ने खेती बर्बाद कर दी. राजू के खेत में भी कृषि विभाग ने सर्वे तो कर लिया लेकिन सरकारी मदद का नतीजा नहीं मिल सका.


इधर कृषि वैज्ञानिक बोनी से पहले बीजों को उपचारित करने की बात कह रहे हैं. हालांकि उनका ये भी कहना है कि जब किसान बीज खरीदे तो उसे अच्छे से परख लें अगर बीज एक समान ना होकर अलग आकार और रंग के हो तो उसे तुरंत वापस कर दें. सही बीज लेने के बाद उसे उपचारित कर लें ताकि बीज खराब ना हो.

खंडवा। खरीफ के सीजन में हुई अतिवृष्टि और खराब बुवाई की वजह से सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई है , जिसके चलते किसानों ने खराब बुवाई की शिकायत भी की थी, लेकिन अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं आने से किसानो में गुस्सा देखा जा रहा है.


बता दें कि जिले के गांधवा के युवा किसान सर्वोदय पाटीदार मर्चेंट नेवी की नौकरी छोड़कर अपनी पुष्तैनी खेती को संभाल रहे हैं. और इसी दौरान सर्वोदय ने रबी के सीजन के दौरान करीब 53 एकड़ खेत में सोयाबीन लगाई थी और सोयाबीन की बुवाई खंडवा की एक दुकान से खरीदी थी, लेकिन जब खेत में उसे बुवाई की गई तो पूरी फसल का मात्र 10 फीसदी ही सर्वोदय के हाथ लगा.

सोयाबीन की खराब बुवाई से किसानों में गुस्सा


वही सर्वोदय का कहना है कि जब उन्होंने बीज खरीदे थी तो दुकानदार ने उन्हें अच्छी उत्पादन क्षमता वाला बीज बता दिया था, लेकिन जब फसल लगी तो पता चला की बीज एक प्रकार का न होकर मिश्रीत प्रजाति का है और इससे फसल नष्ट हो गई. उन्होंने बताया कि 9 लाख की लागत लगाई थी जिससे उन्हें तकरीबन 24 से 28 लाख का फायदा होने वाला था, लेकिन खराब बुवाई के चलते उनकी लागत भी नहीं निकल पाई.


ऐसा ही ग्राम गुड़ी के एक आदिवासी किसान के साथ हुआ, गुड़ी के आदिवासी किसान राजू ने अपने 10 एकड़ के खेत में सोयाबीन लगाई थी. राजू ने भी सोयाबीन के बीज बाजार से खरीदे थी. ऐसे में उन्हें भी मिलावटी बीज बेच दिया गया. राजू ने इस उम्मीद से सोयाबीन के बीज खेत में बोए थे कि उसे अच्छी फसल मिलेगी. लेकिन मिलावटी बीज और ज्यादा बारिश ने खेती बर्बाद कर दी. राजू के खेत में भी कृषि विभाग ने सर्वे तो कर लिया लेकिन सरकारी मदद का नतीजा नहीं मिल सका.


इधर कृषि वैज्ञानिक बोनी से पहले बीजों को उपचारित करने की बात कह रहे हैं. हालांकि उनका ये भी कहना है कि जब किसान बीज खरीदे तो उसे अच्छे से परख लें अगर बीज एक समान ना होकर अलग आकार और रंग के हो तो उसे तुरंत वापस कर दें. सही बीज लेने के बाद उसे उपचारित कर लें ताकि बीज खराब ना हो.

Intro:खंडवा। बीते खरीफ़ के सीजन में अतिवृष्टि से सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई. वहीं खराब बीजाई के चलते भी सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गई हैं.किसानों ने खराब बीजाई की शिकायत भी की थी. लेकिन अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं आने से किसान रौष में हैं. इधर कृषि वैज्ञानिक बुवाई से पहले बीजों का उपचार करने की बात कह रहे हैं. सोयाबीन की खराब बिजाई से बर्बाद हुई फसलों को लेकर ने किसानों से बात तो उन्होंने खराब बीज दिए जाने को उनके साथ धोखा बताया.


Body:खराब बीजाई की पड़ताल में हम पहुंचे जिले के गांधवा के युवा किसान सर्वोदय पाटीदार के पास। सर्वोदय ने मर्चेंट नेवी की नौकरी छोड़कर अपनी पुष्तैनी खेती को संभालने का निर्णय लिया. सर्वोदय ने रबी के सीजन के दौरान करीब 53 एकड़ खेत में सोयाबीन लगाई थी. सोयाबीन की बीजाई खंडवा के एक दुकान से खरीदी थी. सर्वोदय के जैसे ही उनके पड़ोस के किसानों ने भी उसी दुकान से बीजाई खरीदी थी. लेकिन जब अपने खेत में उसे बोया तो पूरी फसल का मात्र 10 फ़ीसदी उनके हाथ लगा. सर्वोदय का कहना है कि जब उन्होंने बीजाई खरीदी थी तो दुकानदार ने उन्हें अच्छी उत्पादन क्षमता वाला बीज बता दिया था लेकिन जब फसल पर बाहर आई तो पता चला बीज एक प्रकार का नहीं होकर मिश्री प्रजाति का है और इससे फसल नष्ट हो गई उन्होंने 9 लाख की लागत लगाई थी उससे उन्हें तकरीबन 24 से 28 लाख का फायदा होने वाला था लेकिन खराब बीजाई के चलते उनकी लागत भी नहीं निकल पाई.
byte - सर्वोदय पाटीदार, युवा किसान

ऐसा ही ग्राम गुड़ी के एक आदिवासी किसान के साथ भी हुआ गुड़ी के आदिवासी किसान राजू ने अपने 10 एकड़ के खेत में सोयाबीन लगाई थी. राजू ने भी सोयाबीन की बीजाई बाजार से खरीदी. ऐसे में उन्हें भी मिलावटी बीज बेच दिया गया. राजू ने इस उम्मीद से खेत बोया था कि उसे अच्छी फसल मिलेगी लेकिन मिलावटी बीज और अधिक बारिश ने खेती बर्बाद कर दी. राजू के खेत में भी कृषि विभाग ने सर्वे तो कर लिया लेकिन सरकारी मदद का नतीजा सिफर ही रहा.
byte - राजू आदिवासी किसान



byte - सर्वोदय पाटीदार, युवा किसान
byte - राजू, आदिवासी किसान


Conclusion:इधर कृषि वैज्ञानिक बोनी से पहले बीजों को उपचारित करने के बाद बात कह रहे हैं हालांकि उनका यह भी कहना है कि जब किसान बीज खरीदे तो उसे अच्छे से परख ले अगर बीज एक समान ना होकर अलग आकार और रंग के हो तो उसे तुरंत वापस कर दे. सही बीज लेने के बाद उसे उपचारित कर ले ताकि बीज खराब ना हो.
Last Updated : Dec 15, 2019, 3:22 PM IST
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