खंडवा। एमपी के युवा आयुष नरेन्द्र शर्मा मध्य प्रदेश के शतरंज में पहले ग्रैंड मास्टर बनने के करीब पहुंच गए हैं. हाल ही में हुई दुबई ओपन शतरंज प्रतियोगिता और आबूधाबी में मास्टर्स में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने तीन ग्रैंड मास्टर को मात दी और 2281 रेंटिग प्राप्त की. मध्य प्रदेश में वे पहले ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं, जिन्होंने यह रेटिंग प्राप्त की है. आयुष शर्मा का ग्रैंड मास्टर बनना यह पूरे प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. आयुष एंजल्स प्लेनेट स्कूल में कक्षा 12वीं के छा़त्र हैं.
मैग्नस कार्लसन मेरी प्रेरणा: दुबई ओपन में उन्होंने कई मुकाबले खेले जिनमें वे 5 गेम जीते और दो गेम में बराबरी पर रहे. प्रतियोगिता में भारत सहित रशिया, सार्बिया, जर्मनी, दुबई, यूएई के खिलाड़ी शामिल हुए थे. आयुष का कहना है कि शतरंज खेलने की प्रेरणा उन्हें अपने भाई से मिली है. 2012 से लगातार शतरंज की प्रतियोगिता खेल रहा है. आयुष ने कहा कि विश्व नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन मेरी प्रेरणा है. प्रतिदिन 12 से 13 घंटे प्रैक्टिस करता हूं.
खंडवा के आयुष ने ग्रैंडमास्टर का खेल 2 मिनट में किया खत्म
वर्ल्ड चैंपियन बनने का लक्ष्य: आयुष का कहना है कि शतरंज एक कला है. गेम में सामने कौन है इसको लेकर वे बिलकुल नहीं सोचते. वर्ल्ड चैंपियन बनने का उनका लक्ष्य है, जिसके लिए रात-दिन मेहनत कर रहे हैं. आयुष के पिता नरेंन्द्र शर्मा ने बताया कि परिवार का पूरा सहयोग है. आयुष को बेहतर माहौल और प्रशिक्षण देने की हमारी हरसंभव कोशिश रहती है. अभी सरकारी या अन्य किसी सहयोग के बिना ही व्यवस्था जुटा रहे हैं. बता दें आयुष नागपुर के आइएमए कोच और इंटरनेशनल मास्टर अनूप देशमुख से शतरंज के दांव-पेंच सीख रहे हैं. छत्तीसगढ़ में आयोजित शतरंज प्रतियोगिता में भाग लेने जाने वाले हैं, जिसकी तैयारियों में आयुष जुटें हुए हैं.( khandwa ayush first chess grandmaste in mp) (Khandwa chess grandmaster) (MP Chess Grandmaster Ayush) (Ayush became mp first chess grandmaster)
सुबह पांच बजे उठते हैं आयुष: आयुष 1963 में शतरंज के 9वें विश्व विजेता बने रशिया के तिगरान पेट्रोसिअन से भी प्रेरित हैं. आयुष ने उनसे प्रेरित होकर 2013 में शतरंज खेलना शुरू किया. इसके लिए सुबह पांच बजे उठता हूं और दस घंटे तक शतरंज की पुस्तकें पढ़ता हूं. आयुष ने बताया शतरंज का बड़ा खिलाड़ी बनना चाहता हूं. उनके पिता नरेंद्र शर्मा का कहना है कि खेल में ऊंचा मुकाम हासिल करने के लिए वह नागपुर में के एक विशेषज्ञ से कोचिंग भी ले रहे हैं. साथ ही उनके खानपान और डाइट का पूरा ख्याल रखा जाता है.
बड़ा खिलाड़ी बनना चाहते हैं आयुष: आयुष ने बताया कि वे शतरंज का बड़ा खिलाड़ी बनना चाहते हैं. आयुष ने लॉकडाउन के दौरान कई ऑनलाइन टूर्नामेंट खेले और जीते हैं. आयुष ने 2013 से शतरंज खेलना शुरू किया. अब तक वे 16 नेशनल और एक एशियन के अलावा कई इंटरनेशनल रेटिंग टूर्नामेंट में हिस्सा लेकर पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं.
भारत का कर चुके हैं प्रतिनिधित्व: 2019 में आयुष ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए विश्व शतरंज चैंपियनशिप अंडर 14 वर्ग में हिस्सा लिया था. वे देश की प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में भी अच्छी रैंक प्राप्त कर चुके हैं. उनकी मां हमेशा उनके साथ रहती हैं. उनका कहना है कि जब दूसरे प्रतियोगी उनके बेटे का खेल देखकर तारीफ करते हैं, तो उन्हें गर्व महसूस होता है.